सरकारी स्कूल के शिक्षकों को मोबाइल एप पर मिलेगा सिलेबस, ये है सरकार का प्लान
राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने शिक्षकों के लिए मोबाइल आधारित ऑनलाइन पाठ्यक्रम शुरू किया है। इसमें पंजीकरण अध्ययन सामग्री मूल्यांकन और प्रमाणपत्र डाउनलोड करने की सुविधा होगी। एससीईआरटी की ई-मैगज़ीन नवाचार और रचनात्मक गतिविधियों को बढ़ावा देगी। शिक्षा सचिव का मानना है कि यह पहल शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने में सहायक होगी। इसका उद्देश्य विद्यार्थियों और शिक्षकों को नवाचार की ओर प्रेरित करना है।

राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून । राज्य की विद्यालय शिक्षा को हाइटेक बनने की दिशा में सरकार ने कदम बढ़ाए हैं। राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) एप के माध्यम से शिक्षकों को मोबाइल आधारित आनलाइन पाठ्यक्रम उपलब्ध कराएगा।
इन पाठ्यक्रमों में पंजीकरण, अध्ययन सामग्री, मूल्यांकन, प्रगति सारांश और प्रमाणपत्र डाउनलोड करने की सुविधा होगी। इससे शिक्षकों को कहीं भी और कभी भी सीखने का अवसर मिलेगा। साथ ही, सहायता के लिए हेल्पलाइन और चैटबाट आधारित सहयोग भी प्रदान किया जाएगा।
एससीईआरटी ने आनलाइन पाठ्यक्रम और उत्तराखंड हैकाथान प्रारंभ कर डिजिटल एकीकरण की दिशा में एक नया अध्याय जोड़ा है। अब आगे शिक्षकों को इन तकनीकी संसाधनों को स्वयं अपनाना होगा, फिर अपनी आवश्यकताओं के अनुसार इन्हें अनुकूलित कर विद्यार्थियों के समक्ष प्रस्तुत करना होगा। गुणवत्तापूर्ण अध्यापन के लिए मानकीकृत पाठ योजनाएं अत्यंत आवश्यक हैं
इन आनलाइन प्लेटफार्म का उद्देश्य विद्यार्थियों और शिक्षकों को नवाचार, तकनीकी समाधान व शोधपरक गतिविधियों की ओर प्रेरित करना है। साथ ही, एससीईआरटी की ओर से तैयार ई-मैगज़ीन विद्यालय स्तर पर नवाचार, शोध और रचनात्मक गतिविधियों को बढ़ावा देगी।
निदेशक एससीईआरटी बंदना गर्ब्याल का मानना है कि हैकाथान और ई-मैगज़ीन रतब्याणी जैसी पहलें शिक्षा की डिजिटल दिशा को मजबूती देने के साथ-साथ शिक्षकों और विद्यार्थियों को तकनीकी रूप से सशक्त बनाना है। इन पहल को जमीनी स्तर पर लागू करने के लिए अधिकारियों को रूचि लेनी होगी और इसका रचार-प्रसार हर विद्यालय में सुनिश्चित करना होगा।
डिजिटल शिक्षा की यह पहल शिक्षकों और विद्यार्थियों को नई दिशा देगी। एससीईआरटी ने शिक्षा में सूचना प्रौद्योगिकी और कृत्रिम बुद्धिमत्ता को प्रभावी ढंग से जोड़ने का जो प्रयास किया है, वह राज्य के लिए गर्व की बात है। आने वाले समय में यह पहल शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने, नवाचार को बढ़ावा देने और भविष्य की चुनौतियों से निपटने में सहायक सिद्ध होगी। - रविनाथ रामन, शिक्षा सचिव
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।