Sawan 2025: सावन का सोमवार कल, भोलेनाथ का शृंगार कर आराधना की
कल सावन के सोमवार पर देहरादून के शिवालयों में जलाभिषेक किया जा रहा है। मंदिरों को सजाया गया है और भक्तों ने भोलेनाथ की आराधना की। श्री पृथ्वीनाथ महादेव मंदिर में रुद्राभिषेक हुआ। श्री टपकेश्वर महादेव मंदिर के कृष्णागिरी महाराज ने सावन महीने में शिव की उपासना के महत्व पर प्रकाश डाला जिसमें शोक भय और विपत्ति का नाश होता है।

जासं, देहरादून। शिव की आराधना का सावन माह के सोमवार पर कल शिवालयों में जलाभिषेक होगा। इसके लिए मंदिरों को देर शाम तक लड़ियों व फूलों से सजाया गया। कहीं भोलेनाथ का शृंगार को कई जगह आरती कर सुख समृद्धि की कामना की।
सहारनपुर चौक स्थित श्री पृथ्वीनाथ महादेव मंदिर में श्री पृथ्वीनाथ महादेव का सामूहिक महा रुद्राभिषेक किया गया। इसके बाद विशाल भंडारे का आयोजन किया गया। मुजफ्फरनगर से आए छत्रपति शिवाजी सेवा के पदाधिकारियों ने जलाभिषेक किया।
शाम को भोलेनाथ का भव्य शृंगार कर आरती की। इस मौके पर दिगंबर भागवत पुरी, दिगंबर दिनेश पुरी, आचार्य भारत भूषण भट्ट, राजेंद्र आनंद, संजय गर्ग,, नवीन गुप्ता आदि मौजूद रहे।
शोक, भय व विपत्ति नष्ट करती शिव की उपासना
देहरादून: श्री टपकेश्वर महादेव मंदिर के श्री 108 कृष्णागिरी महाराज ने सावन की पूर्व संध्या पर सावन महीने की महत्ता के बारे में बताया। कहा कि शिव की उपासना इस महीने में सभी प्रकार के शोक भय व विपत्ति नष्ट करती है। शिव की पूजा में कई विधान हैं।
इसमें वैदिक विधि, पौराणिक विधि, तांत्रिक विधि आदि हैं। मूर्ति की अपेक्षा शिवलिंग में भगवान शिव की पूजा अधिक श्रेष्ठ है। शिव को कुबेर का अधिपति माना जाता है। यही कारण है कि शिव को साधना, सुख शांति संपत्ति के साथ धन से जुड़ी मनोकमना भी पूरी होती हैं।
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