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Sawan Somwar 2021: पहाड़ के सावन का पहला सोमवार, श्रद्धालुओं ने घरों और मंदिरों में की भगवान शिव की आराधना

Sawan Somwar 2021 पहाड़ी सावन का महीना बीते शुक्रवार से शुरू हो चुका है। आज सावन का पहला सोमवार होगा। शिवालयों में सुबह से ही पूजा रुद्राभिषेक व जलाभिषेक का कार्यक्रम शुरू हो जाएगा। कोरोना गाइडलाइन का पालन करवाने के लिए मंदिर समितियों ने तैयारी पूरी कर ली हैं।

By Sumit KumarEdited By: Published: Mon, 19 Jul 2021 07:05 AM (IST)Updated: Mon, 19 Jul 2021 10:53 AM (IST)
Sawan Somwar 2021: पहाड़ के सावन का पहला सोमवार, श्रद्धालुओं ने घरों और मंदिरों में की भगवान शिव की आराधना
Sawan 2021 पहाड़ी सावन का महीना बीते शुक्रवार से शुरू हो चुका है। आज सावन का पहला सोमवार होगा।

जागरण संवाददाता, देहरादून: Sawan Somwar 2021 पहाड़ के सावन का पहला सोमवार पर श्रद्धालुओं ने घरों और मंदिरों में शिवआराधना कर परिवार के सुख शांति की कामना की। मंदिरों में जलाभिषेक के लिए कम संख्या में श्रद्धालु पहुंचे, इस दौरान मंदिर समितियों की ओर से श्रद्धालुओं को कोविड- गाइडलाइन का पालन करवाते हुए प्रवेश दिया गया। 

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सावन को लेकर शहर के अधिकांश मंदिर को लाइटों से सजाया गया है। पहले सोमवार पर गढ़ी कैंट स्थित टपकेश्वर महादेव मंदिर में सुबह चार बजे से रुद्राभिषेक किया गया, इसके बाद श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक किया। इसके अलावा शहर में पृथ्वीनाथ महादेव मंदिर सहारनपुर चौक, जंगम शिवालय पलटन बाजार, सिद्धेश्वर महादेव मंदिर कान्वेंंट रोड, पिपलेश्वर मंदिर हरिपुर कला, कमलेश्वर महादेव मंदिर जीएमएस रोड, प्राचीन शिव मंदिर धर्मपुर, मां दुर्गा मंदिर सर्वे चौक, हनुमान मंदिर आराघर चौक, आदर्श मंदिर पटेलनगर, श्याम सुंदर मंदिर में श्रद्धालुओं ने जल चढ़ाया।

अधिकांश मंदिर समितियों की अपील पर श्रद्धालु जलाभिषेक के लिए घर से ही पात्र लेकर मंदिर पहुंचे। इसके अलावा मंदिरों में जगह जगह प्रसाद चढ़ाने के बजाय एक ही स्थान पर प्रसाद चढ़ाया। जंगमेश्वर व टपकेश्वर महादेव मंदिर के श्री 108 महंत कृष्णागिरी महाराज ने बताया कि पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में श्रद्धालुओं ने शारीरिक दूरी बनाकर जलाभिषेक किया। अगले सोमवार को पर्वतीय क्षेत्र का दूसरा सोमवार जबकि मैदानी क्षेत्र का पहला सोमवार है, ऐसे में उस दिन ज्यादा भीड़ उमड़ने की संभावना है, श्रद्धालुओं से अपील है कि कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए दर्शन करें। धर्मपुर स्थित प्राचीन शिव मंदिर के ज्योतिषाचार्य पंडित अरुण सती ने बताया कि सावन के सोमवार पर जल चढ़ाने का विशेष महत्व है।

मान्यता है कि आम दिनों के मुकाबले इस दिन शिवलिंग को जल चढ़ाने से शुभ फल की कामना होती है। इसके अलावा हर वर्ष शिवालयों में कावंड़ का जल चढ़ता है, लेकिन इस बार कावंड यात्रा न होने से गंगा जल से ही अभिषेक किया जाएगा। पृथ्वीनाथ महादेव मंदिर सेवादल के सेवादार संजय गर्ग ने बताया कि मंदिर में आने वाले भक्तों के बीच शारीरिक दूरी बनाए रखने के लिए व्यवस्था की गई है। इसके लिए पांच से 10 श्रद्धालु एक समय पर जलाभिषेक व पूजा करेंगे, उनके बाहर जाने के बाद अन्य 10 जाएंगे।

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पहाड़ व मैदान में सावन के व्रत की यह है मान्यता

आचार्य शिव प्रसाद ममगाईं के अनुसार पर्वतीय क्षेत्र के लोग संक्रांति से संक्रति तक सावन मनाते हैं, संक्रांति बीते 16 जुलाई से शुरु हो चुकी है, जिसका पहला सोमवार 19 जुलाई, दूसरा 26 जुलाई, तीसरा दो अगस्त, चौथा नौ अगस्त जबकि अंतिम व पांचवां सोमवार 16 अगस्त को होगा। जबकि मैदानी क्षेत्रों में पूर्णिमा से पूर्णिमा तक सावन मनाया जाता है। 25 जुलाई को पूर्णिमा है, ऐसे में मैदानी क्षेत्रों में पहला सोमवार 26 जुलाई से शुरु होगा, दूसरा दो अगस्त, तीसरा, नौ जबकि चौथा सोमवार 16 अगस्त को होगा। इस बार पर्वतीय सोमवार मैदानी के पहले आने का कारण बीते वर्ष मलमास रहे, जिसकी वजह से किसी भी त्योहार में 11 व 19 दिन का अंतर पड़ा।

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