राज्य में बाढ़ नियंत्रण के लिए होगा सेटेलाइट सर्वे
सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण मंत्री सतपाल महाराज ने विभागीय अफसरों को सेटेलाइट सर्वे के लिए इंडियन इंस्टीट्यूट आफ रिमोट सेंसिंग और उत्तराखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र से संपर्क करने के निर्देश दिए।
देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: प्रदेश में बाढ़ नियंत्रण के मद्देनजर सेटेलाइट से सर्वे कराया जाएगा। सोमवार को विधानसभा में बाढ़ सुरक्षा कार्यों की समीक्षा के दौरान सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण मंत्री सतपाल महाराज ने विभागीय अफसरों को सेटेलाइट सर्वे के लिए इंडियन इंस्टीट्यूट आफ रिमोट सेंसिंग (आइआइआरएस) और उत्तराखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र (यूसैक) से संपर्क करने के निर्देश दिए।
उन्होंने बाढ़ संभावित क्षेत्रों की निरंतर निगरानी रखने और केंद्रीय जल आयोग से भी समन्वय बनाने को भी निर्देशित किया। काबीना मंत्री महाराज ने कहा कि जिला आपदा प्रबंधन कार्यालयों से समन्वय स्थापित कर संवेदनशील स्थलों का चयन करने के साथ ही वहां बाढ़ नियंत्रण के प्रभावी उपाय किए जाएं।
उन्होंने कहा कि बीती 10 जुलाई को भारी वर्षा के कारण कुछ स्थानों पर सुरक्षा कार्यों को आंशिक क्षति पहुंची, जिनकी तत्काल मरम्मत कराई जानी चाहिए। उन्होंने सहसपुर व डोइवाला विकासखंडों में क्षतिग्रस्त 12 नहरों को ठीक कर पुन: संचालित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए।
बैठक में बाढ़ नियंत्रण के मद्देनजर निरंतर अनुश्रवण व त्वरित सूचना प्रणाली, मुनादी आदि के निर्देश दिए गए। साथ ही रामनगर कस्बे को कोसी नदी से उत्पन्न खतरों से बचाव के लिए जिलाधिकारी को पत्र लिखने को निर्देशित किया गया। इस अवसर पर बाढ़ नियंत्रण को उठाए गए कदमों की जानकारी भी दी गई। बताया गया कि नदियों के जल स्तर व जलाशयों के बंधों की निगरानी की जा रही है।
संवेदनशील स्थलों पर रेत से भरे बोरों और उचित स्थलों में बोल्डरों की व्यवस्था की गई है। जानकारी दी गई कि सभी जिलों में बाढ़ स्टीयरिंग कमेटियां गठित की जा चुकी हैं। देहरादून में केंद्रीय नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है। समीक्षा बैठक में प्रमुख सचिव सिंचाई आनंदवर्द्धन, अपर सचिव देवेंद्र पालीवाल, मुख्य अभियंता एके दिनकर, उपसचिव रणजीत सिंह आदि मौजूद थे।
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