Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कोरोना योद्धाओं के जज्बे को दून का सलाम, पढ़ि‍ए पूरी खबर

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Tue, 24 Mar 2020 02:55 PM (IST)

    कोरोना से जंग लड़ रहे योद्धाओं के जज्बे को सलाम है। दूनवासियों ने कहा कि वह खुद के स्वास्थ्य की चिंता किए बिना दूसरों को स्वस्थ रखने के लिए अपना कार्य कर रहे हैं।

    कोरोना योद्धाओं के जज्बे को दून का सलाम, पढ़ि‍ए पूरी खबर

    देहरादून, जेएनएन। कोरोना से जंग लड़ रहे योद्धाओं के जज्बे को सलाम है। दूनवासियों ने कहा कि वह खुद के स्वास्थ्य की चिंता किए बिना दूसरों को स्वस्थ रखने के लिए अपने-अपने कार्यों को अंजाम देने में जुटे हैं। इनमें सिर्फ चिकित्सक और मेडिकल स्टाफ ही नहीं हैं, बल्कि शहर में मोर्चा संभाले पुलिस कर्मी और सफाई कर्मी भी शामिल हैं, जिनके जज्बे को लोगों ने सलाम किया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कोरोना संक्रमण के खतरे को नियंत्रित करने में जुटे योद्धाओं की वजह से ही हम यह सोच सकते हैं कि आने वाले दिनों में हम और हमारा परिवार पूरी तरीके से सुरक्षित होगा। इसे लेकर दूनवासियों ने चिकित्सकों, मेडिकल स्टाफ पुलिसकर्मियों और वायरस को नष्ट करने में जुटे निगम के सफाई कर्मियों का दिल से आभार व्यक्त किया है। कह रहे हैं कि कोरोना योद्धाओं का ही जज्बा है कि वह बिना किसी डर के लगातार देहरादून को सुरक्षित बनाने के मोर्चे पर डटे हुए हैं।

    हम से जुड़ा है लोगों के स्वस्थ रहने का भरोसा

    श्री महंत इंदिरेश अस्पताल के सांस और छाती रोग विशेषज्ञ डॉक्टर जगदीश रावत कहते हैं कि चिकित्सकों और मेडिकल स्टाफ से लोगों का स्वस्थ रहने का भरोसा जुड़ा होता है। ऐसे ही मौके पर हम इस भरोसे को साबित कर सकते हैं। हम ऐसे समय में बड़ी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। घर बैठने और डरने का तो सवाल ही नहीं उठता। हां यह जरूर है कि लोगों में भय का माहौल है। सामान्य खांसी जुकाम होने में भी लोग घबरा जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि घबराने की बिल्कुल जरूरत नहीं है। यही बात घर से निकलते हुए परिवार और आसपास के लोगों को समझानी पड़ रही है कि जितना हो सके सोशल डिस्टेंस बनाइए।

    पास आने से डरते हैं घरवाले

    दून अस्पताल के लैब टेक्नीशियन गणोश गोदियाल कहते हैं कि उनका काम वास्तव में चुनौतीपूर्ण है। जब कोई कोरोना वायरस संदिग्ध उनके पास लाया जाता है तो नाक से और गले से सैंपल लेने के लिए उन्हें उसके करीब तक जाना ही होता है। लेकिन इसके लिए वह पीपीई सूट का प्रयोग करते हैं, जो पूरी तरह से कवर होता है। इसमें आंखें तक ढकी होती हैं। ऐसे में संक्रमित होने का खतरा बिल्कुल भी नहीं होता। लेकिन इसके बाद भी जब वह घर पहुंचते हैं तो परिवार वाले जल्दी पास नहीं आते। तब उन्हें भरोसा दिलाना पड़ता है कि डरने की जरूरत नहीं है। पूरी सावधानी बरती जाए तो यह वायरस किसी भी तरह से संक्रमित नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि रोजाना आठ से 10 घंटे हम ड्यूटी तो कर रहे हैं और कोरोना वायरस को नियंत्रित करने की भी कोशिश कर रहे हैं। लेकिन हमारी यह कोशिश तभी कामयाब होगी, जब वायरस को फैलने से रोका जाए। उन्होंने दूनवासियों से अपील की कि केंद्र सरकार की ओर से लागू किये गए लॉकडाउन का पूरी तरीके से पालन करें। तभी देहरादून को कोरोना वायरस के संभावित खतरे से बचाया जा सकता है।

    पूरे संकल्प के साथ निभा रहे जिम्मेदारी

    दून मेडिकल कॉलेज की स्टाफ नर्स मीनाक्षी जखमोला ने कहा कि हम अपनी जिम्मेदारी निभाने में पूरे जज्बे के साथ लगे हुए हैं। हमें डर तो बिल्कुल भी नहीं लग रहा है, लेकिन जिस तरह से वायरस को लेकर विदेशों से रिपोर्ट आ रही है। उससे लोगों में घबराहट बढ़ रही है। घर में भी लोग चिंतित हैं, लेकिन इसके बाद भी मेडिकल कॉलेज की सौ से अधिक नर्स पूरी जिम्मेदारी के साथ कोरोना को हराने की जंग में जुटी हैं। उन्होंने कहा कि अस्पताल में कोरोना वायरस से बचे रहने के पूरे इंतजाम हैं।

    कोरोना के खिलाफ जंग में दांव पर लगा दी जान

    एक ओर आप और हम कोरोना से बचने के लिए अपने घरों में हैं वहीँ दूसरी ओर कोरोना के खिलाफ जंग में जुटी उत्तराखंड की एक बेटी अपनी जान दांव पर लगाकर कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ रही है। अब इस घड़ी में उत्तराखंड के हर एक व्यक्ति द्वारा इस बेटी की हौसला अफजाई की जरुरत है। जी हां, दून मेडिकल कालेज अस्पताल में कोरोना मरीजों का सैंपल लेने वाली एक लैब टेक्नीशियन खुद बीमार पड़ गयी है। एहतियात के तौर पर उसका कोरोना जांच के लिए सैंपल लेकर जांच को हल्द्वानी भेजा गया है। उधर, चंद टेक्नीशियनों को सैंपल लेने में ज्यादा लगाने एवं माइक्रोबायोलाजी लैब में अलग कमरा सैंपल रखने के लिए नहीं बनाने की वजह से कर्मचारियों में रोष है।

    यह भी पढ़ें: कोरोना से बचाव को मंदिरों में लगे प्रवेश निषेध के बोर्ड Dehradun News

    दरअसल, जिले में सैंपल लेने में आइडीएसपी की टीम के साथ पांच-छह लैब टेक्नीशियन लगे हैं। जो वन अकादमी, दून, कोरोनेशन, गांधी अस्पताल समेत अन्य जगहों से सैंपल ले रहे हैं। बताया गया है कि माइक्रोबायोलाजी की एक महिला लैब टेक्नीशियन लगातार टीम के साथ सैंपल लेने जा रही थी और मेहनत से जुटी थी। उसे बुखार आ गया है। अस्पताल से छुट्टी लेकर वह अपने घर आराम कर रही है। अस्पताल प्रबंधन ने उसे होम आइसोलेशन में रहने के लिए कहा है। एहतियातन उसका सैंपल कोरोना जांच के लिए हल्द्वानी लैब भेजा गया है।

    यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में 2000 करोड़ के बजट का इस्तेमाल करने पर संकट