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पांच माह के बच्चे की गुर्दे की नली की हुई रोबोटिक सर्जरी

एम्स ऋषिकेश में पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग की टीम ने पांच माह के बच्चे के गुर्दे की नली में रुकावट की रोबोटिक सर्जरी में सफलता प्राप्त की है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Sun, 18 Aug 2019 07:55 PM (IST)Updated: Sat, 24 Aug 2019 07:32 AM (IST)
पांच माह के बच्चे की गुर्दे की नली की हुई रोबोटिक सर्जरी
पांच माह के बच्चे की गुर्दे की नली की हुई रोबोटिक सर्जरी

ऋषिकेश, जेएनएन। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स में पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग की टीम ने पांच माह के बच्चे के गुर्दे की नली में रुकावट की रोबोटिक सर्जरी में सफलता प्राप्त की है।

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रविवार को बाल शल्य चिकित्सा विभाग के डा. रजत पिपलानी ने बताया कि रुड़की निवासी परिजन पांच माह के बच्चे के पेट के बाईं तरफ सूजन व बुखार की समस्या को लेकर ऋषिकेश एम्स पहुंचे, जहां बाल शल्य चिकित्सा विभाग ने बच्चे की संपूर्ण जांच कराई। जांच के बाद बच्चे के पेट के बाईं तरफ गुर्दे में अत्यधिक सूजन पाई गई। जो कि पेल्वियूरेटिक ऑब्सट्रकसन पीयूजेओ नामक बीमारी (गुर्दे के पाइप में जन्मजात रुकावट) के कारण बनी थी। जिससे किडनी में पेशाब रुकने के कारण सूजन आ जाती है और कार्य करने की क्षमता कम हो जाती है।

बाल शल्य चिकित्सा विभाग के सह आचार्य डा. रजत ने बताया कि यह ऑपरेशन बच्चे के पेट में चीरा लगाकर या दूरबीन विधि द्वारा किया जाता है, मगर बच्चे की स्थिति के मद्देनजर चिकित्सक ने इस केस में ऑपरेशन को रोबोटिक सर्जरी की सहायता से दूरबीन विधि द्वारा कराने की सलाह दी। इसके बाद डा. पिपलानी ने चिकित्सकीय टीम के सहयोग से बच्चे के बाएं गुर्दे की नली में रुकावट की सफल पाईलोप्लास्टी ऑपरेशन रोबोटिक सर्जरी की। सफल सर्जरी को अंजाम देने वाली टीम में बाल शल्य चिकित्सा विभाग के डा. मनीष कुमार गुप्ता, डा. सुनील, एनेस्थिसिया विभाग के डा. वाईएस पयाल, डा. डीके त्रिपाठी आदि शामिल थे।

अब तक 30 सफल ऑपरेशन कर चुका है विभाग 

संस्थान के निदेशक प्रो. रवि कांत ने सफल सर्जरी के लिए चिकित्सकीय टीम की सराहना की है। उन्होंने बताया कि संस्थान के बाल शल्य चिकित्सा विभाग में बीते करीब एक साल से बच्चों के जटिलतम ऑपरेशन सफलतापूर्वक किए जा रहे हैं। जिसके तहत अब तक करीब 30 ऑपरेशन किए जा चुके हैं। जिनमें पेल्वियूरेटिक ऑब्सट्रक्शन, कोलेडोकल सिस, हाईडेटिड सिस, स्यूडोपैनक्रिएटिक सिस, पाइलोरिक स्टेनो सिस, विल्म्स ट्यूमर, यूरिट्रिक रिइमप्लांटेशन आदि शामिल हैं।

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