New Year 2026: नए साल में ऋषिकेश को मिलेगी सौगात, आवाजाही के लिए खुल जाएगा बजरंग सेतु
ऋषिकेश में बजरंग सेतु का निर्माण कार्य इस महीने के अंत तक पूरा हो जाएगा, जिससे स्थानीय लोगों, पर्यटकों और श्रद्धालुओं को बड़ी राहत मिलेगी। यह पुल 13 ज ...और पढ़ें

13 जुलाई 2019 को आवाजाही के लिए लक्ष्मणझूला पुल बंद करने के बाद निर्माणाधीन है बजरंग सेतु. Jagran
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश। बजरंग सेतु का निर्माण कार्य इसी महीने के आखिरी में पूरा हो जाएगा। पुल निर्माण होने से स्थानीय लोगों और पर्यटकों दोनों को लाभ मिलेगा। निर्माण कार्य निर्धारित समय से दो साल पीछे चल रहा था।
टिहरी जिले के तपोवन और पौड़ी जिले के लक्ष्मणझूला को जोड़ने वाला करीब 93 साल पुराना लक्ष्मणझूला पुल सुरक्षा की दृष्टि से 13 जुलाई 2019 को आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया था। इस पुल के समीप बजरंग सेतु का निर्माण कार्य शुरू हुआ। लोक निर्माण विभाग नरेंद्रनगर ने साल 2022 में पुल का निर्माण कार्य शुरू किया था। इसे दिसंबर 2024 में पूरा करने का लक्ष्य था।
132.30 मीटर स्पान पुल को करीब 68.86 करोड़ की लागत से तैयार किया जा रहा है। पांच बार पुल निर्माण की समय सीमा बढ़ाई गई। समय सीमा बढ़ाकर इसे राज्य स्थापना दिवस नौ नवंबर को आम जन के लिए खोलने की योजना थी। उसके बाद काम पूरा करने की समय सीमा बढ़ाकर 31 दिसंबर कर दी गई थी। अब इस पुल का काम करीब-करीब पूरा हो चुका है। इसी साल के पहले महीने में काम पूरा हो जाएगा।
यह है पुल की खासियत
मुख्यमंत्री की घोषणा के क्रम में केंद्रीय सड़क अवसंरचना निधि के तहत बजरंग सेतु का निर्माण कार्य चल रहा है। इस झूला पुल की चौड़ाई आठ मीटर है। इसमें बीच का हिस्सा छह मीटर का है। जबकि दोनों ओर डेढ़-डेढ़ मीटर के कांच के डेक लगने हैं। साल भर श्रद्धालुओं, पर्यटकों के आवागमन को ध्यान में रखते हुए सेतु का डिजाइन किया गया है। इसमें केदारनाथ मंदिर की प्रतिकृति, पैदल यात्रियों के लिए ग्लास डेक का प्राविधान किया गया है। पुल के बीच में हल्के चौपहिया वाहनों का आवागमन प्रस्तावित है। श्रद्धालुओं, पर्यटकों के साथ ही स्थानीय लोगों, कारोबारियों के लिए भी पुल महत्वपूर्ण है।
आवाजाही शुरू होने का सब कर रहे इंतजार
लक्ष्मणझूला पुल बंद होने से स्थानीय लोगों और पर्यटकों को रामझूला पुल और जानकी सेतु से आवाजाही करनी पड़ रही है। वर्ष 2023 में टिहरी प्रशासन ने रामझूला पुल पर भी दोपहिया वाहनों की आवाजाही बंद कर दी। पुल पर केवल पैदल यात्री ही आवागमन कर रहे हैं। हर साल जुलाई-अगस्त में कांवड़ होती है। बजरंग सेतु बनने से तपोवन से स्थानीय लोगों, श्रद्धालुओं और पर्यटकों को सीधे लक्ष्मणझूला जाने की सुविधा मिलती। अभी उन्हें रामझूला पुल और जानकी सेतु आना पड़ता है। नीलकंठ मार्ग जाने वाले लोग ब्रह्मपुरी से गरुड्चट्टी पुल से होकर जाते हैं।
बजरंग सेतु निर्माण का काम अंतिम चरण में चल रहा है। ग्लास आदि के काम हो रहे हैं। जनवरी आखिरी सप्ताह में काम पूरा कर दिया जाएगा। - प्रवीण कर्णवाल, अधिशासी अभियंता, लोनिवि, नरेंद्रनगर
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