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    टॉफी की जगह किशोर ने निगली पिन, ऋषिकेश एम्स के डॉक्टरों ने ऐसे बचाई जान

    Updated: Tue, 30 Dec 2025 06:00 AM (IST)

    खेल-खेल में 16 वर्षीय किशोर ने टॉफी की जगह पिन निगल लिया, जो उसकी श्वास नली में फंस गई। सांस लेने में कठिनाई के कारण उसे एम्स ऋषिकेश लाया गया, ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, ऋषिकेश। खेल-खेल में 16 वर्षीय किशोर टाफी की जगह पिन निगल गया। सांस नली में पिन फंसने से किशोर की जान सांसत में फंस गई। स्वजन उसे लेकर एम्स ऋषिकेश पंहुचे। विशेषज्ञ चिकित्सकों ने श्वास नली में फंसी पिन निकालकर किशोर को नया जीवन दिया है।

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    एम्स की पीडियाट्रिक इमरजेंसी में बिजनौर निवासी एक किशोर गले में तेज दर्द होने और सांस लेने की समस्या को लेकर पहुंचा। उसके स्वजन ने बताया कि किशोर के एक हाथ में टाफी और दूसरे हाथ में एक पिन थी। खेल-खेल में उसने गलती से टाफी की जगह पिन निगल ली।

    इससे उसके गले में तेज दर्द होने के साथ ही खांसी के साथ उसे सांस लेने में भारी दिक्कत होने लगी। बिजनौर के डाक्टरों ने हाथ खड़े कर दिए तो परिजन 25 दिसंबर को उसे लेकर एम्स पंहुचे। जांच के बाद पता चला कि उसके दाहिने ब्रान्कस (श्वास नली) में नोटिस बोर्ड में उपयोग की जाने वाली एक पिन फंसी है और इससे उसकी सांस की नली अवरूद्ध हो गई है।

    चिकित्सा विशेषज्ञों की गठित की टीम 

    पीडियाट्रिक पल्मोनोरी विभाग की हेड और संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह के मार्गदर्शन में विभिन्न विभागों के चिकित्सा विशेषज्ञों की टीम गठित की गई। एडल्ट इंटरवेंशनल पल्मोनोलाजिस्ट डा. मयंक मिश्रा ने पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग की हेड डा. बी सत्या श्री, पीडियाट्रिक पल्मोनरी विभाग के डा. लोकेश अरोड़ा और एनेस्थीसिया विभाग के डा. अजय कुमार के साथ मिलकर उपचार की प्लानिंग तैयार की गई।

    डा. मयंक ने बताया कि पिन को बड़ी सावधानी पूर्वक निकाल लिया गया। चिकित्सा अधीक्षक प्रो बी सत्या श्री ने बताया कि चिकित्सक बच्चे का जीवन बचाने में सफल रहे। उन्होंने बताया कि किशोर को दो दिन तक निगरानी में रखने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।