आरआइ को एक साल का मिल सकता है सेवा विस्तार, RTO ने परिवहन आयुक्त को भेजा पत्र
दून आरटीओ में तैनात एक संभागीय निरीक्षक को एक साल का सेवा विस्तार मिल सकता है। दरअसल परिवहन विभाग में संभागीय निरीक्षक के 24 पद के सापेक्ष मौजूदा वक्त में आठ पहले ही रिक्त हैं। देहरादून में वर्तमान में दो संभागीय निरीक्षक हैं।

जागरण संवाददाता, देहरादून। दून आरटीओ में तैनात एक संभागीय निरीक्षक को एक साल का सेवा विस्तार मिल सकता है। दरअसल, परिवहन विभाग में संभागीय निरीक्षक के 24 पद के सापेक्ष मौजूदा वक्त में आठ पहले ही रिक्त हैं। देहरादून में वर्तमान में दो संभागीय निरीक्षक हैं। इनमें से एक निरीक्षक आलोक कुमार 31 जुलाई को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। आरटीओ दिनेश चंद्र पठोई ने परिवहन आयुक्त से आलोक कुमार को सेवा विस्तार देने का आग्रह किया। इस संबंध में परिवहन आयुक्त ने भी शासन को पत्रवली भेज दी है।
देहरादून आरटीओ में मौजूदा हालात में तीन संभागीय निरीक्षक की जरूरत है और उसमें भी केवल दो ही कार्य कर रहे। दोनों निरीक्षकों पर वाहनों की फिटनेस आरटीओ दफ्तर एवं आशारोड़ी चेकपोस्ट पर करने के साथ ही परमानेंट लाइसेंस का टेस्ट लेने के लिए एक निरीक्षक को रोजाना झाझरा स्थित आइडीटीआर जाना पड़ता है। नए वाहन की फिटनेस व चेसिस जांच के अलावा समस्त सरकारी विभागों के वाहनों की आख्या देने और तमाम तकनीकी कार्य दो निरीक्षकों को ही करने पड़ रहे।
विकासनगर एआरटीओ दफ्तर में कोई तकनीकी अधिकारी नहीं होने के कारण देहरादून से ही एक निरीक्षक हफ्ते में एक दिन विकासनगर भी जाते हैं। ऐसे में एक निरीक्षक आलोक कुमार के सेवानिवृत्त होने के बाद पूरी जिम्मेदारी निरीक्षक हरीश बिष्ट के पास आ जाएगी। ऐसे में आलोक कुमार की ओर से विभागीय परिस्थिति को देखकर अपने सेवा विस्तार का आग्रह पत्र आरटीओ को दिया गया था।
आरटीओ की ओर से कार्यालय की परिस्थिति की रिपोर्ट के साथ सेवा विस्तार की संस्तुति करते हुए अपनी रिपोर्ट परिवहन आयुक्त को भेज दी। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि रिक्त पदों पर निरीक्षकों की भर्ती में अभी दो वर्ष का समय लग सकता है। बताया जा रहा कि परिवहन आयुक्त ने अपनी रिपोर्ट शासन को भेज दी है। अब शासन को सेवा विस्तार के संबंध में निर्णय करना है।
एक गुट नहीं चाहता सेवा विस्तार
परिवहन विभाग में एक गुट ऐसा है जो तकनीकी अधिकारियों के सेवा विस्तार का विरोध कर रहा। इन अधिकारियों का बीते कईं वर्ष से तकनीकी अधिकारियों के साथ पदोन्नति का विवाद हाईकोर्ट में चल रहा।
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