1218 वन आरक्षी पदों की मेरिट लिस्ट जारी, 97 हजार से अधिक अभ्यर्थियों ने दी थी लिखित परीक्षा
आयोग के सचिव संतोष बडोनी ने बताया कि वन आरक्षी के 1218 पदों की पहली लिखित परीक्षा 16 फरवरी 2020 को आयोजित की गई थी। कुछ परीक्षा केंद्रों को नकल के मामले में सील कर दिया गया था और वहां की परीक्षा रद घोषित कर दी गई थी।

जागरण संवाददाता, देहरादून : उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने वन आरक्षी के रिक्त पदों के लिए हुई लिखित और शारीरिक दक्षता परीक्षा का परिणाम जारी कर दिया है। अभ्यर्थी यह परीक्षा परिणाम आयोग की वेबसाइट WWW.SSSC.uk.gov.in पर देख सकते हैं। 97 हजार से अधिक अभ्यर्थियों ने लिखित परीक्षा दी थी।
आयोग के सचिव संतोष बडोनी ने वेबसाइट पर अपलोड किए गए परिणाम के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वन आरक्षी के 1218 पदों की पहली लिखित परीक्षा 16 फरवरी 2020 को आयोजित की गई थी। कुछ परीक्षा केंद्रों को नकल के मामले में सील कर दिया गया था और वहां की परीक्षा रद घोषित कर दी गई थी। मामले की एसआइटी को जांच सौंपी गई। आयोग ने जनपद हरिद्वार व देहरादून के सात-सात परीक्षा केंद्रों पर एक साल बाद 14 फरवरी 2021 को पुन: लिखित परीक्षा आयोजित की। लिखित परीक्षा के बाद शारीरिक दक्षता परीक्षा जनपद देहरादून में 27 से 29 जुलाई 2021 तक आयोजित की गई।
जबकि हल्द्वानी में तीन एवं चार अगस्त 2021 को यह परीक्षा ली गई। उपरोक्त लिखित एवं शारीरिक दक्षता परीक्षा के आधार पर आयोग ने शनिवार को परीक्षा परिणाम आयोग की वेबसाइट पर जारी कर दिया है। परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों को अभिलेख सत्यापन के लिए आयोग के कार्यालय में बुलाया जाएगा।
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स्कूली बच्चों को किया जागरूक
प्लास्टिक मुक्त अभियान के तहत स्कूली बच्चों को भी जागरूक किया जा रहा है। शनिवार सुबह डोभालवाला में स्थित राजकीय इंटर कालेज में बच्चों एवं शिक्षकों को प्लास्टिक के खतरे बताए गए। महापौर सुनील उनियाल गामा के साथ नगर आयुक्त अभिषेक रूहेला व एसडीसी फाउंडेशन के अध्यक्ष अनूप नौटियाल ने जानकारी दी कि किस तरह प्लास्टिक के उपयोग से बचा जा सकता है। प्रधानाचार्य सुरेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि प्लास्टिक दुनिया के लिए सबसे बड़ा खतरा बन गया है। यह भले ही सुविधाजनक लगता हो, लेकिन यह धरती के लिए अभिशाप है। इस दौरान स्कूल के छात्रों व शिक्षकों की ओर से इंदिरा कालोनी, बदरीनाथ कालोनी, चुक्खुवाला व नीलकंठ विहार में आमजन को प्लास्टिक के खतरे के बताए गए।
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