आर्थिक आरक्षण को आय व संपत्ति प्रमाण पत्र का रास्ता खुला
सरकारी सेवाओं में सीधी भर्ती में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गो को आरक्षण देने के लिए आय व संपत्ति प्रमाण पत्र जारी करने का रास्ता खुल गया है। ...और पढ़ें

देहरादून, राज्य ब्यूरो। प्रदेश में सरकारी सेवाओं में सीधी भर्ती में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गो को आरक्षण देने के लिए आय व संपत्ति प्रमाण पत्र जारी करने का रास्ता खुल गया है। शासन ने प्रमाणपत्र जारी करने के लिए प्रारूप बनाकर सभी जिलों व विभागों को भेज दिया है। प्रमाणपत्र बनाने के लिए सक्षम अधिकारी इसी प्रारूप के आधार पर आवेदक का प्रमाणपत्र जारी करेंगे। इस आरक्षण के आधार पर नियुक्ति पाने वाले आवेदकों की नियुक्ति प्रमाणपत्रों के अंतिम सत्यापन तक अनंतिम मानी जाएगी। किसी भी पद के लिए आवेदन की अंतिम तिथि तक बनने वाले आय व संपत्ति के प्रमाणपत्र ही मान्य होंगे।
प्रदेश सरकार ने इसी वर्ष फरवरी में आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्तियों के लिए आरक्षण लागू किया है। इसके लिए बनाए गए अधिनियम में यह प्रावधान किया गया है कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्गो के लिए आय एवं संपत्ति का प्रमाणपत्र उस जिले व क्षेत्र के जिलाधिकारी, अतिरिक्त जिलाधिकारी, सिटी मजिस्ट्रेट, उप जिलाधिकारी एवं तहसीलदार जारी करेंगे। इसके लिए सक्षम प्राधिकारी आवेदक के परिवार की विभिन्न स्थानों व शहर में अर्जित भूमि और संपत्ति का परीक्षण करते हुए नियमानुसार प्रमाणपत्र जारी करेंगे। इसमें यह भी व्यवस्था की गई कि प्रमाणपत्र उसी प्रारूप में जारी होगा, जो शासन द्वारा दिया जाएगा।
अब शासन ने यह प्रारूप जारी कर दिया है। इसमें यह व्यवस्था की गई है कि प्रमाणपत्र एक वर्ष के लिए मान्य होगा। इसमें आवेदक का नाम, फोटो, सभी स्रोतों से वित्तीय वर्ष की आय आदि की गणना करने का प्रावधान किया गया है। प्रारूप में यह भी उल्लेख किया गया है कि आवेदक के पास पांच एकड़ या उससे अधिक भूमि, 1000 वर्ग फीट से अधिक का मकान, अधिसूचित नगर पालिकाओं में 100 वर्ग गज का भूखंड, अधिसूचित नगर पालिकाओं के अलावा अन्य क्षेत्रों में 200 या उससे अधिक का भूखंड नहीं है।
इसमें यह भी स्पष्ट किया जाएगा कि आवेदक भारत सरकार अथवा उत्तराखंड सरकार की ओर से तय, अनुसूचित जाति, जनजाति अथवा पिछड़ा वर्ग की सूची में शामिल नहीं है। अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी द्वारा जारी आदेश में यह स्पष्ट किया गया है कि यदि प्रमाणपत्र नकली अथवा जाली पाया जाता है तो इसके आधार पर की गई नियुक्ति स्वत: ही समाप्त मानी जाएगी।

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