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    डाउनग्रेड प्रधानाचार्य के पद से रिवर्ट करने पर आक्रोश

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Fri, 12 Feb 2021 07:34 PM (IST)

    शासन के एक आदेश के बाद अशासकीय स्कूलों में डाउनग्रेड प्रधानाचार्य पद पर तैनात शिक्षकों को वर्तमान में आवश्यक अर्हता पूरी करने के बावजूद इस पद से रिवर्ट (मूल पद पर वापस भेजना) किया जा रहा है। इससे शिक्षकों में आक्रोश है।

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    डाउनग्रेड प्रधानाचार्य के पद से रिवर्ट करने पर आक्रोश।

    जागरण संवाददाता, देहरादून। शासन के एक आदेश के बाद अशासकीय स्कूलों में डाउनग्रेड प्रधानाचार्य पद पर तैनात शिक्षकों को वर्तमान में आवश्यक अर्हता पूरी करने के बावजूद इस पद से रिवर्ट (मूल पद पर वापस भेजना) किया जा रहा है। इससे शिक्षकों में आक्रोश है। माध्यमिक शिक्षक संघ और उत्तरांचल प्रधानाचार्य परिषद ने वर्तमान में अर्हता पूरी कर रहे शिक्षकों को डाउनग्रेड प्रधानाचार्य पद पर बनाए रखने की मांग की है। 

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    इस संबंध में दोनों संगठनों के संयुक्त प्रतिनिधिमंडल ने माध्यमिक शिक्षक संघ के जिला मंत्री अनिल नौटियाल के नेतृत्व में शुक्रवार को शिक्षा निदेशक आरके कुंवर और मुख्य शिक्षा अधिकारी आशा रानी पैन्यूली से मुलाकात करने पहुंचे।

    शिक्षकों ने दोनों अधिकारियों को ज्ञापन सौंपकर अर्ह शिक्षकों की तैनाती बरकरार रखने की मांग की। संघ के जिला मंत्री अनिल नौटियाल ने बताया, कुछ माह पहले शासन ने आदेश जारी किया था कि अगर किसी अशासकीय विद्यालय में प्रधानाचार्य का पद रिक्त होने के दिन उस विद्यालय का कोई भी शिक्षक डाउनग्रेड प्रधानाचार्य बनने के लिए आवश्यक अर्हता पूरी नहीं करता तो उक्त पद पर नए सिरे से नियुक्ति प्रक्रिया अमल में लाई जाए। अब इस आदेश का हवाला देकर उन सभी डाउनग्रेड प्रधानाचार्यों को रिवर्ट किया जा रहा है, जो इस पद पर तैनाती वाले दिन अर्हता पूरी नहीं करते थे।

    विडंबना यह है कि रिवर्ट किए जा रहे डाउनग्रेड प्रधानाचार्यों की सूची में वो शिक्षक भी शामिल हैं, जो अब इस पद की योग्यता पूरी करते हैं। इससे शिक्षकों में रोष है। नौटियाल ने बताया कि शिक्षा निदेशक से वर्तमान समय में अर्हता पूरी कर रहे शिक्षकों की डाउनग्रेड प्रधानाचार्य पद पर तैनाती बरकरार रखने की मांग की गई है। प्रतिनिधिमंडल में शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष संजय बिजल्वाण, प्रधानाचार्य परिषद के प्रदेश अध्यक्ष बीपी सुयाल, महामंत्री अवधेश कौशिक, आरती डोबरियाल और दिनेश डोबरियाल भी शामिल रहे।

    शिक्षकों की अन्य प्रमुख मांगें

    -अशासकीय विद्यालयों के शिक्षकों को चयन वेतनमान और सेवानिवृत्ति का लाभ देते हुए प्रदत्त सेवाओं को जोड़ा जाए।

    -5400 ग्रेडपे वाले शिक्षकों को भी बोनस का लाभ दिया जाए। 

    -सोसाइटी पंजीकरण के कारण शिक्षकों का अटका हुआ वेतन जल्द जारी हो।

    -अशासकीय विद्यालयों में चतुर्थ श्रेणी के पदों पर भर्ती प्रक्रिया जल्द पूरी हो।

    -कोरोनाकाल और बोर्ड परीक्षा के दौरान किए गए काम के बदले उपाॢजत अवकाश दिया जाए।

    -अशासकीय विद्यालयों के शिक्षकों व कर्मचारियों को अटल आयुष्मान का लाभ दिलाया जाए।

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