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उत्‍तराखंड के जंगलों में धार्मिक स्थल बनते रहे और अफसर देखते रहे, वन मुख्यालय को सौंपी रिपोर्ट में हुआ खुलासा

Uttarakhand News जिन संरक्षित वन क्षेत्रों से एक पत्ता तक उठाने पर पाबंदी है वहां धार्मिक संरचनाएं बनती रहीं और अफसर मूकदर्शक बने रहे। चिंताजनक यह कि जंगलों में अवैध तरीके से धार्मिक स्थलों के निर्माण के मामले में विभाग जवाबदेही से बचता रहा है।

By Jagran NewsEdited By: Nirmala BohraPublished: Thu, 08 Dec 2022 08:24 AM (IST)Updated: Thu, 08 Dec 2022 08:24 AM (IST)
उत्‍तराखंड के जंगलों में धार्मिक स्थल बनते रहे और अफसर देखते रहे, वन मुख्यालय को सौंपी रिपोर्ट में हुआ खुलासा
Uttarakhand News : अवैध तरीके से धार्मिक स्थलों के निर्माण के मामले में विभाग जवाबदेही से बचता रहा है।

राज्य ब्यूरो, देहरादून : Uttarakhand News : जिन संरक्षित वन क्षेत्रों (राष्ट्रीय उद्यान, अभयारण्य व कंजर्वेशन रिजर्व) से एक पत्ता तक उठाने पर पाबंदी है, वहां धार्मिक संरचनाएं बनती रहीं और अफसर मूकदर्शक बने रहे। शासन के निर्देश पर वन मुख्यालय की ओर से संरक्षित क्षेत्रों के प्रशासन से दोबारा मांगी गई सूची तो यही दर्शा रही है।

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राजाजी टाइगर रिजर्व ने वन मुख्यालय को बताया है कि उसकी सीमा के अंतर्गत बने धार्मिक स्थल वर्ष 1983 से पहले के हैं। कार्बेट टाइगर रिजर्व ने इस बारे में कोई उल्लेख ही नहीं किया है।

चिंताजनक यह कि जंगलों में अवैध तरीके से धार्मिक स्थलों के निर्माण के मामले में विभाग जवाबदेही से बचता रहा है। इतना अवश्य है कि कुछ मामलों में मुकदमे दर्ज हुए, जो अदालतों में विचाराधीन हैं।

धार्मिक स्थलों व इनकी स्थापना का ब्योरा मांगा

राज्य के वन क्षेत्रों में कुछ समय पहले धार्मिक स्थलों और इनमें भी मजारों की संख्या बढऩे की मिली सूचना ने सरकार के कान खड़े कर दिए थे। इस पर वन मुख्यालय ने सभी आरक्षित और संरक्षित क्षेत्रों से अपने-अपने क्षेत्रों में स्थित धार्मिक स्थलों व इनकी स्थापना का ब्योरा मांगा।

तब जो ब्योरा उपलब्ध कराया गया, उसके मुताबिक जंगलों में धार्मिक स्थलों की संख्या 292 बताई गई। संरक्षित क्षेत्रों ने जो ब्योरा दिया था, उसके संतोषजनक न होने पर इसे दोबारा मांगा गया। अब यह वन मुख्यालय को मिल चुका है।

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राजाजी टाइगर रिजर्व ने जो सूची उपलब्ध कराई है, उसके मुताबिक रिजर्व में स्थित धार्मिक स्थल वर्ष 1983 में राजाजी नेशनल पार्क की अधिसूचना जारी होने से पहले के हैं। इनमें कुछ जीर्ण-शीर्ण भी हैं, जबकि धार्मिक स्थल के नाम पर वन भूमि में अतिक्रमण से संबंधित चार मामले अदालतों में विचाराधीन हैं।

तीन मामलों में भूमि विभाग के कब्जे में ली गई है। कार्बेट टाइगर रिजर्व ने अपने क्षेत्र में मजारों की सूची दी है, लेकिन यह उल्लेख नहीं किया है कि ये कब अस्तित्व में आए।

गंगोत्री नेशनल पार्क में 37 गुफाएं

गंगोत्री नेशनल पार्क की सूची के अनुसार उसके क्षेत्रांतर्गत 37 गुफाएं हैं, जिनके पास कहीं एक तो कहीं दो कक्ष बने हैं। गोविद वन्यजीव विहार की ओर से बताया गया कि एक धार्मिक स्थल के मामले में वाद दर्ज किया गया है।

संरक्षित क्षेत्रों में धार्मिक स्थल

  • संरक्षित क्षेत्र, मजार, मस्जिद, कब्रिस्तान, मंदिर, गुफाएं, समाधि
  • राजाजी टाइगर रिजर्व, 14, 01, 03, 10, 00, 00
  • कार्बेट टाइगर रिजर्व, 19, 00, 01, 00, 00, 01
  • गोविंद वन्यजीव विहार, 00, 00, 00, 01, 00, 00
  • गंगोत्री नेशनल पार्क, 00, 00, 00, 00, 37, 00

राज्य के सभी संरक्षित क्षेत्रों से उनके क्षेत्रांतर्गत के धार्मिक स्थलों का ब्योरा उपलब्ध हो गया है। इस सिलसिले में जल्द ही रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी।

-विनोद कुमार सिंघल, प्रमुख मुख्य वन संरक्षक


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