Lockdown: उत्तराखंड में अलग-अलग जगहों पर फंसे श्रमिकों को राहत, ऐसे पहुंचेगी मदद
विभिन्न स्थानों पर फंसे श्रमिक अब अपने कार्यक्षेत्र को लौट सकेंगे। ये कार्यक्षेत्र प्रदेश के भीतर होने जरूरी हैं।
By Edited By: Published: Tue, 21 Apr 2020 06:16 PM (IST)Updated: Wed, 22 Apr 2020 04:04 PM (IST)
देहरादून, राज्य ब्यूरो। प्रदेश के भीतर विभिन्न स्थानों पर फंसे श्रमिक अब अपने कार्यक्षेत्र को लौट सकेंगे। ये कार्यक्षेत्र प्रदेश के भीतर होने जरूरी हैं। जिन श्रमिकों के पास फिलहाल कोई काम नहीं है, उन्हें स्वयं का पंजीकरण स्थानीय प्रशासन के सामने कराना होगा, जिससे उनकी कार्यप्रकृति और कार्य कुशलता के हिसाब से प्रशासन कार्य उपलब्ध कराने में मदद कर सके।
मंगलवार को अपर मुख्य सचिव लोक निर्माण विभाग ओमप्रकाश ने इस संबंध में विस्तृत दिशा निर्देश जारी किए। इसमें स्पष्ट किया गया है कि प्रदेश के विभिन्न जिलों में आश्रय केंद्रों में रुके श्रमिकों को अपना पंजीकरण स्थानीय प्रशासन के सामने कराना होगा। उनके कार्य के हिसाब से उनके लिए उसी जिले में काम तलाशा जाएगा।
जो श्रमिक प्रदेश के भीतर ही अन्य जिलों में कार्यरत थे और वे कार्यस्थल में वापस जाना चाहते हैं, तो उनका सहयोग भी स्थानीय प्रशासन करेगा। इसके लिए पहले उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा। स्वस्थ कार्मिकों को उनके कार्यस्थल पर भेजा जाएगा। शासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि जिन बसों में दूसरे जिलों में जाने वाले श्रमिकों को ले जाएगा, उस बस को पहले अच्छी तरह सैनिटाइज किया जाएगा।
इसके बाद सुरक्षित शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए इन श्रमिकों को कार्य स्थल तक छोड़ा जाएगा। सफर के दौरान स्थानीय प्रशासन उनके खाने-पानी का इंतजाम करेगा। शासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत कार्य कर रही सभी कार्यदायी संस्थाएं स्थानीय जिला प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित करते हुए केंद्रीय गाइडलाइन के अनुसार ही प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर फंसे श्रमिकों से कार्य ले सकती हैं।
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