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    रजिस्ट्री फर्जीवाड़े मामला ने पकड़ा तूल, कार्रवाई के विरोध में उतरे अधिवक्ता; एसएसपी कार्यालय का किया घेराव

    Registry Forgery Case रजिस्ट्री फर्जीवाड़े का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। मंगलवार को सैकड़ों अधिवक्ताओं ने पुलिस कार्रवाई का विरोध करते हुए कलम छोड़ हड़ताल की और इसके बाद एसएसपी कार्यालय पहुंचकर घेराव किया। अधिवक्ताओं ने कहा कि पुलिस अधिवकाओं से पूछताछ कर उन्हें परेशान कर रही है जबकि अब तक किसी भी बड़े अधिकारी पर पुलिस हाथ नहीं डाल पाई है।

    By Jagran NewsEdited By: riya.pandeyUpdated: Tue, 05 Sep 2023 04:37 PM (IST)
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    रजिस्ट्री फर्जीवाड़े मामला ने पकड़ा तूल, कार्रवाई के विरोध में उतरे अधिवक्ता

    देहरादून, जागरण टीम: Registry Forgery Case: रजिस्ट्री फर्जीवाड़े का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। मंगलवार को सैकड़ों अधिवक्ताओं ने पुलिस कार्रवाई का विरोध करते हुए कलम छोड़ हड़ताल की और इसके बाद एसएसपी कार्यालय पहुंचकर घेराव किया।

    अधिवक्ताओं ने कहा कि पुलिस अधिवकाओं से पूछताछ कर उन्हें परेशान कर रही है जबकि अब तक किसी भी बड़े अधिकारी पर पुलिस हाथ नहीं डाल पाई है। उन्होंने यह भी मांग की है कि प्रकरण की जांच सीबीआई से करवाई जाए ताकि पूरा सच सामने आ सके।

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    संदेह के दायरे में कई लोग

    बता दें, रजिस्ट्रार कार्यालय व भूमाफिया की मिलीभगत से हुए इस फर्जीवाड़े में कई पूर्व अधिकारी व कर्मचारी भी संदेह के दायरे में हैं। सहायक महानिरीक्षक निबंधन संदीप श्रीवास्तव की ओर से फर्जीवाड़े की जांच करने के लिए वर्ष 2,000 से लेकर अब तक पुलिस को उप निबंधक कार्यालय प्रथम व द्वितीय के उप निबंधक सहित निबंधक लिपिक के नाम भी उपलब्ध कराए गए हैं। इनमें कुछ सेवानिवृत्त हो चुके हैं, जबकि कईयों की मृत्यु भी हो चुकी है। इसके अलावा पुलिस विभाग ने 27 व्यक्तियों की आईटीआर मांगी है, इनमें कुछ कार्मिक और भूमाफिया भी शामिल हैं।

    यह था मामला

    जिलाधिकारी के जनता दरबार एवं शिकायत के अन्य पटल पर दर्ज कराई गई शिकायत के क्रम में उप निबंधक कार्यालय प्रथम एवं द्वितीय के अभिलेखों का निरीक्षण कराया गया। इसमें उप निबंधक कार्यालय की ओर से धारित जिल्दों में प्रथम दृष्टया अभिलेखों से छेड़छाड़ किए जाने का मामला सामने आया है।

    रिकॉर्ड में हेरफेर कर बदले स्वामित्व 

    अपर जिलाधिकारी की जांच रिपोर्ट के मुताबिक, प्रारंभिक रूप से वर्ष 1978 व वर्ष 1984 की छह रजिस्ट्रियों/भूमि अभिलेखों में फर्जीवाड़ा किया गया है, जिसमें भूमाफिया ने रिकॉर्ड में हेरफेर कर स्वामित्व बदल डाले और मूल रिकार्ड तक गायब कर दिए।

    पाई गई भिन्नता

    जांच के मुताबिक, फर्जी रजिस्ट्रियों में हाथ की लिखावट, स्याही, मुहर और पेज में भिन्नता पाई गई है। मामले की विवेचना कर कर रही शहर कोतवाली पुलिस मक्खन सिंह निवासी ग्राम नगलिया खुर्द थाना माधव टांडा जिला पीलीभीत उत्तर प्रदेश को गिरफ्तार कर चुकी है। जल्द ही अन्य की गिरफ्तारी हो सकती हैं।