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चारुदत्त में दिखा आधुनिक समाज के पतनशील मूल्यों का प्रतिबिंब Dehradun News

तीन साल पहले बनकर तैयार हुए कला एवं संस्कृति विभाग के ऑडिटोरियम में लोगों ने पहली बार गीत-संगीत का आनंद लिया। ऑडिटोरियम की शुरूआत महाकवि भास के लिखे नाटक चारुदत्त से हुई।

By BhanuEdited By: Published: Fri, 07 Feb 2020 01:31 PM (IST)Updated: Fri, 07 Feb 2020 01:31 PM (IST)
चारुदत्त में दिखा आधुनिक समाज के पतनशील मूल्यों का प्रतिबिंब Dehradun News
चारुदत्त में दिखा आधुनिक समाज के पतनशील मूल्यों का प्रतिबिंब Dehradun News

देहरादून, जेएनएन। तीन साल पहले बनकर तैयार हुए कला एवं संस्कृति विभाग के ऑडिटोरियम में लोगों ने पहली बार गीत-संगीत और अभिनय की जुगलबंदी का आनंद लिया। इस हाइटेक ऑडिटोरियम की शुरुआत महाकवि भास के लिखे नाटक चारुदत्त से हुई। 

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इस नाटक की कथावस्तु पुराने कालखंड के भारतीय समाज का प्रतिनिधित्व करती है। साथ ही आधुनिक समाज के पतनशील मूल्यों पर भी प्रकाश डालती है। इसमें दिखाया गया है कि किस तरह समाज में प्यार व भाईचारे का स्थान धोखेबाजी, चालाकी और अपराध ने ले लिया है। 

यह है कथानक 

नाटक का मुख्य पात्र चारुदत्त है, जो उज्जैन का रहने वाला है। वह अपनी दयालुता और उदारता के कारण निर्धन हो जाता है। वहीं, दरबार नर्तकी वसंतसेना शहर का गौरव है। वह दयावान, उदार और सुंदर युवती है, जो चारुदत्त के असाधारण गुणों से प्रभावित होकर उससे प्रेम करने लगती है। इसके बाद नाटक की कहानी में कई मोड़ हैं। जिन्हें कलाकारों ने अपने शानदार अभिनय से जीवंत कर दिया। 

भूपेश जोशी ने किया निर्देशन 

नाटक का निर्देशन भूपेश जोशी ने किया। नाटक के मुख्य कलाकारों में प्रियंका शर्मा, प्रसून नारायण, विकास यादव, मुकेश झा, रितु राज, निकिता रावत, राजीव, अश्विन सक्सेना, रामशंकर यादव, शालू राजपूत, रोचिका अग्रवाल, पूर्णिमा, अंकुश वर्मा, अमित, शिवम कुमार पाठक, अरुण भट्ट, तनिष्क जोशी, सम्राट सिंह, लता जोशी, अक्षत सिंह, कनिष्क जोशी और सरिता चतुर्वेदी शामिल रहे।

पर्यटन मंत्री ने किया ऑडिटोरियम का उद्घाटन

करीब पांच करोड़ रुपये से बने इस ऑडिटोरियम का उद्घाटन संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने किया। इस दौरान उन्होंने ऑडिटोरियम के निर्माण कार्य में हुई देरी पर नाराजगी जताई। संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री ने कहा कि विभाग को कलाकारों को यह मंच बहुत पहले उपलब्ध करा देना चाहिए था। लेकिन, देर आए दुरुस्त आए। 

बता दें कि रिस्पना के पास बना यह ऑडिटोरियम वर्ष 2017 में तैयार हो गया था। लेकिन, तब से यह उद्घाटन की बाट जोह रहा था। अब इसे जनता को समर्पित कर दिया गया। उम्मीद है कि अब सांस्कृतिक आयोजनों के लिए कलाकारों को दर-दर भटकना नहीं पड़ेगा। हालांकि, अभी भी इस ऑडिटोरियम के बाहरी हिस्से को पहाड़ी लुक देने का काम बाकी है। 

ऑडिटोरियम के उद्घाटन में कला एवं संस्कृति विभाग की निदेशक बीना भट्ट, एनएसटी निदेशक सुरेश शर्मा, अभिनेत्री हिमानी शिवपुरी, साहित्य कला परिषद के उपाध्यक्ष घनानंद गगोड़िया, लीलादत्त जगूड़ी सहित अन्य मौजूद रहे। 

व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर दर्शकों और कलाकारों को जोड़ें

उद्घाटन कार्यक्रम में काबीना मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि अगर व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर दर्शकों और कलाकारों को जोड़ा जाए तो इस मंच का अधिक से अधिक उपयोग हो सकेगा। उन्होंने बताया कि दून में भी अन्य देशों की तर्ज पर कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इसके साथ ही उत्तराखंड में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए औली सहित अन्य स्थानों पर विंटर डेस्टिनेशन का निर्माण किया जाएगा। 

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नमो नाद के वादकों को किया जाएगा सम्मानित

कार्यक्रम में काबीना मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि उत्तराखंड के लोक वाद्ययंत्र नमो नाद के तीन हजार वादकों को एकत्रित करके उन्हें सम्मानित किया जाएगा। इसका नाम गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज किया जाएगा। 

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