Coronavirus: इस वजह से दून में बढ़ रहा है रेड जोन का खतरा, पढ़िए पूरी खबर
नैनीताल के बाद अब दून पर रेड जोन में जाने का खतरा मंडराने लगा है। जिस संक्रमण के चलते दून पर रेड जोन का खतरा मंडरा रहा है उसमें 97 केस दूसरे जिलों के हैं।
देहरादून, सुमन सेमवाल। नैनीताल के बाद अब दून पर रेड जोन में जाने का खतरा मंडराने लगा है। कुल एक्टिव केस और डबलिंग रेट में दून पहले ही रेड जोन की श्रेणी में है। अब प्रति लाख जनसंख्या पर एक्टिव केस के मामले में भी जिला रेड जोन की श्रेणी के करीब पहुंच गया है। अगर संक्रमण के मामले यूं ही बढ़ते रहे तो इस सप्ताह की जोनिंग में दून का रेड जोन में जाना तय माना जा रहा है। हालांकि, जिस संक्रमण के चलते दून पर रेड जोन का खतरा मंडरा रहा है, उसमें 97 केस दूसरे जिलों के हैं। दून में क्वारंटाइन किए जाने की व्यवस्था के चलते ये मामले जिले के खाते में दर्ज हुए हैं।
बुधवार दोपहर तक दून में कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या 288 पहुंच चुकी थी। इसमें 97 मामले उत्तराखंड के विभिन्न जिलों समेत अन्य राज्यों के भी हैं। इसका असर यह हुआ कि कुल एक्टिव केस का आंकड़ा 200 पार होते ही दून इस मानक पर रेड जोन की श्रेणी को पार कर गया। रेड जोन से बचने के लिए कोराना का डबलिंग रेट 14 दिन से कम होना चाहिए, जबकि अभी दून में करीब सात दिन के अंतराल में कोरोना का संक्रमण डबल हो रहा है।
इन दो मानकों में दून पहले ही खतरे के लाल निशान को पार कर चुका है। अब नजर प्रति लाख जनसंख्या में एक्टिव केस पर टिकी है। रेड जोन से दूर रहने के लिए एक्टिव केस की संख्या 15 को पार नहीं करनी चाहिए। इस समय दून में यह संख्या 13.77 है। अगर कुल एक्टिव केस में 21 और मामले जुड़े तो दून रेड जोन में चला जाएगा।
रेड जोन से कितने दूर कितने पास
कुल एक्टिव केस: संक्रमित मरीजों की संख्या 200 से अधिक नहीं होनी चाहिए। इस समय दून में यह संख्या 288 है।
प्रति लाख जनसंख्या पर एक्टिव केस: यह संख्या 15 से अधिक नहीं होनी चाहिए। वर्तमान में दून इसके करीब 13.77 पर पहुंच गया है।
केस डबल होने की दर (साप्ताहिक आकलन): 14 दिन से कम समय पर डबलिंग रेट को लाकर रेड जोन से बचा जा सकता है, मगर दून में करीब सात दिन के अंतराल में ही कोरोना डबल हो रहा है।
कोरोना से मृत्यु दर: छह फीसद से ऊपर होने पर संबंधित क्षेत्र रेड जोन में चला जाता है। इस समय पांच मृत्यु के साथ यह आंकड़ा 1.73 फीसद पर है।
प्रति लाख जनसंख्या पर सैंपलिंग: 65 से कम होने पर रेड श्रेणी। दून में यह दर कहीं अधिक 550 से ऊपर है।
सैंपलिंग में पॉजिटिव की दर: छह फीसद से अधिक नहीं होनी चाहिए अभी दून की दर 1.73 है।
नोट: कुल छह पैरामीटर में से तीन रेड श्रेणी के होने पर भी संबंधित क्षेत्र को रेड जोन में माना जाता है।
दून इस तरह बच सकता है रेड जोन से
इस समय दून में 234 एक्टिव केस हैं। अगर यह संख्या 255 पहुंच जाती है तो दून में प्रति लाख जनसंख्या पर एक्टिव केस की संख्या 15 पार कर रेड जोन की श्रेणी में आ जाएगी। लिहाजा, मरीजों के ठीक होने की रफ्तार से एक्टिव केस पर नियंत्रण रखा जा सकता है।
यह भी पढ़ें: Coronavirus: क्वारंटाइन सेंटरों में रखे गए 91 लोगों की रैंडम सैंपलिंग Dehradun News
कोरोना फैलाव से बचने के निरंतर हो रहे प्रयास
देहरादून के जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव के मुताबिक, बेशक बाहर के केस दून के हिस्से में जुड़ने से संक्रमण की संख्या बढ़ी है, मगर कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। कोरोना का फैलाव न हो, इसके लिए तेजी से कंटेनमेंट जोन भी बनाए जा रहे हैं। रेड जोन से आने वाले लोगों को पेड या संस्थागत क्वारंटाइन में रखा जा रहा है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।