राज्य निर्माण में मातृशक्ति की अहम भूमिका, इन्हें सशक्त कर विकसित उत्तराखंड की दिशा में बढ़े कदम
उत्तराखंड राज्य के निर्माण में मातृशक्ति की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। महिलाओं को सशक्त बनाकर ही विकसित उत्तराखंड के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। महिला सशक्तिकरण राज्य के विकास की कुंजी है, और इससे उत्तराखंड की उन्नति सुनिश्चित होगी।

प्रदेश सरकार युवा नीति व महिला नीति बनाने पर कर रही है काम। प्रतीकात्मक
राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। उत्तराखंड राज्य निर्माण में मातृशक्ति की अहम भूमिका है। इनके घर से लेकर सड़कों तक के संघर्ष ने ही राज्य निर्माण आंदोलन को धार दी। युवा शक्ति लगातार राज्य के लिए संघर्ष करती है। इस उम्मीद के साथ ही उन्हें एक बेहतर प्रदेश मिलेगा, जहां उनके सपनों को पंख लग सकेंगे। महिलाओं और युवाओं की यह आशा काफी हद तक धरातल पर उतर चुकी हैं।
प्रदेश में इन 25 वर्षों में महिला सशक्तीकरण व युवा कल्याण की दिशा में काफी कदम उठाए गए हैं। आज महिलाएं एवं युवा स्वावलंबी बन रहे हैं। साथ ही ये अपने सहयोगियों को रोजगार भी प्रदान कर रहे हैं। अब प्रदेश सरकार महिलाओं और युवाओं के कल्याण के लिए नीतियां बना रही हैं। इन नीतियों के जरिये न केवल इन्हें और अधिक सशक्त बनाया जाएगा बल्कि राज्य के विकास में इनकी भूमिका भी तय की जाएगी।
महिला अधिकारों को सुनिश्चित करती है समान नागरिक संहिता
प्रदेश में समान नागरिक संहिता लागू हो चुकी है। यह संहिता उत्तराखंड में महिला अधिकारों को कई तरह से मजबूत करती है, जैसे विवाह, तलाक और उत्तराधिकार में समान अधिकार देकर, बहुविवाह और एकतरफा तलाक को रोककर, और बेटियों को बेटों के समान संपत्ति अधिकार देकर। इसके अलावा, लिव-इन रिलेशनशिप के पंजीकरण से महिलाओं को सुरक्षा मिलती है, वहीं, विवाह के लिए लड़कियों की न्यूनतम आयु 18 वर्ष कर दी गई है।
महिलाओं को आर्थिक, सामाजिक व राजनीतिक रूप से सशक्त बनाने को नीति
राज्य में महिलाओं को सरकारी सेवाओं में 30 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है। पंचायत चुनावों में पचास प्रतिशत आरक्षण व सहकारी समितियों में 33 प्रतिशत आरक्षण रखा गया है। साथ ही सरकार अब महिलाओं को आर्थिक, सामाजिक व राजनीतिक रूप से और अधिक सशक्त बनाने को महिला नीति बना रही है। इस नीति में शिक्षा, रोजगार, राजनीतिक नेतृत्व समेत अन्य क्षेत्रों में महिलाओं के लिए समान अवसर दिए जाने की पैरवी की गई है।
इसमें बालिकाओं व महिलाओं के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और शैक्षणिक संस्थानों में लिंग आधारित हिंसा व भेदभाव समाप्त करना, प्रजनन अधिकार, स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच पर फोकस किया गया है। साथ ही लिंग आधारित हिंसा को रोकने के लिए भी प्रविधान बनाए जा रहे हैं। इसमें महिला अधिकारों की रक्षा के लिए कानूनी ढांचे को मजबूत करने की भी व्यवस्था की जा रही है।
युवाओं के सर्वांगीण विकास को बनेगी युवा नीति
उत्तराखंड को देश के अग्रिम राज्यों की पंक्ति में खड़ा करने में युवाओं की सबसे अहम भूमिका है। यही युवा 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को भी पूरा करने में महत्वपूर्ण योगदान देंगे। प्रदेश सरकार युवाओं के कल्याण की दिशा में लगातार कदम बढ़ा रही है। युवक मंगल दलों के माध्यम से ग्राम स्तर तक इन्हें मजबूत करने का कार्य किया जा रहा है। सरकार द्वारा इन्हें स्वरोजगार से जोडऩे, स्टार्ट अप में सहयोग देने, खेल के क्षेत्र में बढ़ावा देने के लिए कई अहम कदम बढ़ा रही है।
अब प्रदेश सरकार इनके सर्वांगीण विकास के लिए युवा कल्याण नीति पर भी काम कर रही है। इस नीति से न केवल युवाओं का सर्वांगीण विकास हो सकेगा, बल्कि रोजगार के द्वार भी खुलेंगे। इस नीति में खेलकूद के साथ ही पढ़ाई की व्यवस्था पर जोर दिया जा रहा है। इसमें युवाओं को रोजगार परक प्रशिक्षण देने, युवाओं को विदेशों में रोजगार उपलब्ध कराने व सामाजिक क्षेत्र में उनकी भूमिका सुनिश्चित करने के प्रविधान किए जा रहे हैं।

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