उत्तराखंड में गुलदारों का खौफ, रेडियो कॉलर लगाने को केंद्र से मांगी इजाजत; पांच साल के आंकड़ों पर डालें नजर
Leopard Attack उत्तराखंड में वन सीमा से सटे आबादी वाले क्षेत्रों में खौफ का पर्याय बने गुलदारों की बढ़ते दखल ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। Leopard Attack उत्तराखंड में वन सीमा से सटे आबादी वाले क्षेत्रों में खौफ का पर्याय बने गुलदारों की बढ़ते दखल ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। लगातार गहराते गुलदार-मानव संघर्ष को थामने के मद्देनजर अब भारतीय वन्यजीव संस्थान के वैज्ञानिकों की मदद से इनके व्यवहार का अध्ययन कराया जा रहा है, जिससे इसके अनुरूप कदम उठाए जा सकें। इस कड़ी में राज्य में पहली बार राजाजी टाइगर रिजर्व और इससे लगे देहरादून और हरिद्वार वन प्रभागों में 15 गुलदारों पर रेडियो कॉलर लगाए जाएंगे। इस सिलसिले में संस्थान ने केंद्रीय वन और पर्यावरण मंत्रालय से अनुमति मांगी है। रेडियो कॉलर लगाए जाने के बाद मूवमेंट पर नजर रखने के साथ ही गुलदारों के व्यवहार का अध्ययन किया जाएगा।
71.05 फीसद वन भूभाग वाले उत्तराखंड में गुलदारों ने सबसे ज्यादा नींद उड़ाई हुई है। ये घर-आंगन से लेकर खेत-खलिहानों तक ऐसे धमक रहे हैं, मानो पालतू जानवर हों। नतीजतन गुलदार के हमले लगातार बढ़ रहे हैं। पिछले पांच सालों के आकड़े देखें तो इस अवधि में अकेले गुलदारों ने 99 व्यक्तियों की जान ले ली, जबकि बाघ, हाथी, भालू, सूअर समेत दूसरे वन्यजीवों के हमलों में 159 व्यक्ति मारे गए। इन सब परिस्थितियों को देखते हुए सरकार ने गुलदारों के व्यवहार पर अध्ययन कराने की ठानी है, जिससे इनके हमलों पर अंकुश लगाया जा सके।