केंद्र की उड़ान की तर्ज पर उत्तराखंड में भी हवाई सेवा की तैयारी
प्रदेश सरकार पर्यटन क्षेत्रों में हवाई सेवा मुहैया कराने पर विचार कर रही है। अभी राज्य सरकार की तरफ से बदरीनाथ व केदारनाथ के लिए हेली सेवाएं मुहैया कराई जा रही हैं।
देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: राज्य में उड़ान (उड़े आम आदमी) के तहत सस्ती हवाई सेवाएं को मंजूरी मिलने के बाद प्रदेश सरकार ने अपने स्तर पर रीजनल कनेक्टिविटी हवाई सेवा मुहैया कराने का विकल्प बंद नहीं किया है। प्रदेश सरकार अभी भी उड़ान योजना से छूटे पर्यटन क्षेत्रों में हवाई सेवा मुहैया कराने पर विचार कर रही है। अभी राज्य सरकार की तरफ से बदरीनाथ व केदारनाथ के लिए हेली सेवाएं मुहैया कराई जा रही हैं।
प्रदेश में लंबे समय से विभिन्न पर्यटन स्थलों को हवाई मार्ग से जोडऩे की कवायद चल रही है। इस कड़ी में प्रदेश में पचास से अधिक हैलीपैड व दस से अधिक एयर स्ट्रिप बनाई गई हैं। बावजूद इसके विभिन्न कारणों के चलते अभी राज्य सरकार केवल बदरीनाथ व केदारनाथ धाम को निजी हेली सेवाएं उपलब्ध करा रही है।
हाल ही में केंद्र सरकार ने उत्तराखंड में उड़ान सेवा के तहत 14 क्षेत्रों के लिए हवाई सेवा संचालन करने की अनुमति प्रदान की है। इसमें तीन हवाई सेवाएं यानी फिक्सड विंग सेवा और 12 हेली सेवाएं यानी हेलीकॉप्टर से दी जाने वाली सेवाएं शामिल हैं। हवाई सेवाएं हिंडन से पिथौरागढ़, देहरादून से पिथौरागढ़ व पंतनगर से पिथौरागढ़ के बीच संचालित की जाएंगी। वहीं हेलीकॉप्टर सेवाएं गोचर, चिन्यालीसौड़, धारचूला, हल्द्वानी, मसूरी, रामनगर, पंतनगर, अल्मोड़ा व पिथौरागढ़ आदि क्षेत्रों में संचालित होगी। इसके अलावा प्रदेश में कई ऐसे विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल हैं जहां के लिए हवाई सेवाएं शुरू नहीं हो पाई हैं।
चूंकि प्रदेश सरकार का मुख्य फोकस इस समय प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने पर है। इसलिए पर्यटकों को इन पर्यटन स्थलों तक पहुंचाने के लिए हवाई सेवा संचालित किए जाने की योजना बन रही है। अपर मुख्य सचिव नागरिक उड्डयन ओमप्रकाश का कहना है कि उड़ान योजना से इतर भी प्रदेश में भी रीजनल कनेक्टिविटी का दायरा बढ़ाया जा सकता है। इस पर गंभीरता से विचार चल रहा है।
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