प्रशिक्षण शिविर के विरोध में उतरा प्रांतीय रक्षक दल हित संगठन, लगाए ये गंभीर आरोप
प्रांतीय रक्षक दल हित संगठन विभाग के प्रशिक्षण शिविर के विरोध में उतर गया है। प्रांतीय रक्षक दल हित संगठन के प्रदेश अध्यक्ष प्रमोद मंद्रवाल का कहना है कि यह प्रशिक्षण नियमावली के विरुद्ध भर्ती किए गए जवानों को दिया जा रही है।
जागरण संवाददाता, देहरादून। प्रांतीय रक्षक दल हित संगठन विभाग के प्रशिक्षण शिविर के विरोध में उतर गया है। प्रांतीय रक्षक दल हित संगठन के प्रदेश अध्यक्ष प्रमोद मंद्रवाल का कहना है कि यह प्रशिक्षण नियमावली के विरुद्ध भर्ती किए गए जवानों को दिया जा रही है। इससे पीआरडी एक्ट के अधीन प्रशिक्षण प्राप्त पीआरडी जवानों का भविष्य अधर में पड़ जाएगा।
युवा कल्याण एवं प्रांतीय रक्षक दल के निदेशक जीएस रावत ने 19 फरवरी को 15 दिवसीय विशेष प्रशिक्षण के लिए सभी जिला युवा कल्याण व प्रांतीय रक्षक दल अधिकारियों को पत्र भेजा था। इसमें पीआरडी के माध्यम से विभिन्न विभागों में तैनात पंजीकृत व अप्रशिक्षित जवानों को प्रशिक्षण देने की बात कही गई थी। 22 फरवरी से प्रशिक्षण शिविर शुरू हो गए हैं।
वहीं, दूसरी तरफ प्रांतीय रक्षक दल हित संगठन इस प्रशिक्षण शिविर का विरोध कर रहा है। इसके लिए संगठन ने 26 फरवरी को सभी जिला संघों के पदाधिकारियों की बैठक बुलाई है। इसमें शिविर के विरोध में रणनीति तैयार की जाएगी। उनका कहना है कि निदेशालय स्तर से प्रशिक्षण नियमावली के विरुद्ध अप्रशिक्षित व्यक्तियों को पूर्व में पीआरडी जवान बनाकर विभिन्न विभागों में तैनाती दी गई। अब उन्हें पीआरडी का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
पीआरडी कर्मियों के साथ धरने पर बैठे कांग्रेसी
दून अस्पताल परिसर में धरने पर बैठे पीआरडी संविदा कर्मियों को कांग्रेस ने समर्थन दिया। मंगलवार को कांग्रेस महानगर अध्यक्ष लालचंद शर्मा के नेतृत्व में कार्यकर्ता भी धरने में शामिल हुए। इस दौरान महानगर अध्यक्ष शर्मा ने कहा कि कोरोना काल में संविदा पर रखे गए कर्मचारियों को अब हटाया जा रहा है। इससे कर्मचारी खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। वहीं पूर्व विधायक राजकुमार भी धरना स्थल पहुंचे और कर्मचारियों को समर्थन दिया। इस मौके पर प्रदेश सोम प्रकाश वाल्मीकि, अमीचंद सोनकर, इमराना परवीन, हरि किशोर, विकास नेगी आदि मौजूद रहे।
यह भी पढ़ें- उपनल कर्मचारी बुधवार से बेमियादी हड़ताल पर, तीन दिन बाद आवश्यक सेवाएं भी करेंगे ठप
Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें