महंगी दरों पर बिजली खरीद से निगम को हो रहा नुकसान, सचिव ऊर्जा ने जताई चिंता Dehradun News
यूपीसीएल की ओर से महंगी दरों पर बिजली खरीद से निगम को हो रहे आर्थिक नुकसान पर सचिव ऊर्जा राधिका झा ने चिंता जाहिर की है।
देहरादून, जेएनएन। यूपीसीएल की ओर से महंगी दरों पर बिजली खरीद से निगम को हो रहे आर्थिक नुकसान पर सचिव ऊर्जा राधिका झा ने चिंता जाहिर की है। उन्होंने इस संबंध में महंगे पावर परचेस एग्रीमेंट (पीपीए) को रिव्यू (पुर्नआकलन) करने पर जोर दिया और निगम को पहले से खरीद को लेकर कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए, ताकि समय पर बिजली खरीद से अनावश्यक भुगतान से बचा जा सके। इस पर निदेशक मंडल की बोर्ड बैठक में प्रस्ताव भी पास किया गया है।
बुधवार को यूपीसीएल मुख्यालय में हुई निदेशक मंडल की बोर्ड बैठक की अध्यक्षता कर रही सचिव ऊर्जा राधिका झा ने महंगी दरों से बिजली खरीद से हो रहे घाटे में सुधार लाने की जरूरत बताई। उन्होंने साफ कहा कि निगम को गर्मी के दौरान व अन्य समय में पहले से तैयारी पूरी करनी चाहिए। स्पष्ट होना चाहिए कि कितनी बिजली की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पूर्व से योजना न होने के कारण अचानक बिजली खरीद करनी पड़ती है, जिसके कारण महंगी दरों पर भुगतान करना पड़ता है। यदि समय पर बिजली खरीदी जाएगी तो इससे अनावश्यक भुगतान नहीं करना पड़ेगा। इसके बाद सदस्यों ने सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पास किया। इसके अलावा एसीपी, निर्माण कार्यो की समयबद्धता व अन्य प्रस्ताव पारित किए गए। बैठक में यूपीसीएल के एमडी बीसीके मिश्रा, निदेशक (आपरेशन) अतुल अग्रवाल व कई अन्य उपस्थित रहे।
समयबद्धता का सख्ती से हो पालन
राधिका झा ने सब स्टेशन, ट्रांसफार्मर, लाइन संबंधी कार्यो में भी समयबद्धता का पालन न होने पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि निर्माण करने वाली कंपनी समय पर निर्माण नहीं कर रही हैं, जिसका खामियाजा आम उपभोक्ता को भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने साफ कहा कि निर्माण तय समय के भीतर पूरा करना यूपीसीएल के अधिकारियों की जिम्मेदारी होगी।
एसीपी पर प्रस्ताव पास, ऊर्जाकर्मियों में जगी आस
लंबे समय से एसीपी की मांग को लेकर संघर्ष कर रहे तीनों निगमों के ऊर्जाकर्मियों में अब मांग पूरी होने की आस जगी है। निदेशक मंडल की बोर्ड बैठक में सदस्यों ने एसीपी की मांग का प्रस्ताव पास कर दिया है। निदेशक मंडल के इस रूख का निगमकर्मियों ने स्वागत किया है। यदि यह मांग पूरी होती है तो इससे प्रदेशभर के छह हजार कर्मी लाभांवित होंगे। हालांकि, अभी मांग पर अंतिम निर्णय प्रदेश सरकार को लेना है। ऊर्जा से जुड़े विभिन्न कर्मचारी संगठनों ने सचिव ऊर्जा राधिका झा को इसका श्रेय दिया है। उन्होंने सचिव व निगम प्रबंधन को इस महत्वपूर्ण मांग पर सकारात्मक रूख दिखाने के लिए आभार जताया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि प्रस्ताव पास होने के बाद सरकार भी उनकी मांग पर विचार अवश्य करेगी।
दीपक बेनीवाल (प्रवक्ता, उत्तराखंड विद्युत कर्मचारी-अधिकारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा) का कहना है कि एसीपी की मांग को लेकर तीनों निगमों के कर्मी लंबे समय से संघर्ष करते आए हैं। अब सचिव ऊर्जा व निगमों के एमडी का सकारत्मक रूख से कर्मियों में आस जगी है।
पंकज सैनी (अध्यक्ष, विद्युत डिप्लोमा इंजीनियर्स एसोसिएशन) का कहना है कि एसीपी की मांग का प्रस्ताव पास हो चुका है। इससे करीब छह हजार कर्मियों को लाभ मिलेगा। इसके अलावा एसोसिएशन की चार अन्य मांगों पर भी वार्ता के लिए बुलाया गया है संदीप शर्मा, केंद्रीय उप सचिव, उत्तराखंड पावर जूनियर इंजीनियर एसोसिएशन। 'एसीपी की मांग पर प्रस्ताव पास करने पर एसोसिएशन आभार व्यक्त करती है। इसके अलावा ग्रेड-पे व पदोन्नति कोटे की भी मांग थी। उम्मीद है कि यह मांगें भी पूरी होंगी।
अवर अभियंताओं को वार्ता का बुलावा
ऊर्जा के तीनों निगमों के अवर अभियंताओं की पदोन्नति, एसीपी समेत पांच मांगों पर निगम प्रबंधन ने सकारात्मक रूख दिखाया है। इसके लिए निगम प्रबंधन ने उत्तराखंड पावर जूनियर इंजीनियर एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल को 24 जून को वार्ता के लिए आमंत्रित किया है। प्रबंधन के इस रूख का एसोसिएशन ने स्वागत किया है और 20 व 24 जून को होने वाला धरना स्थगित करने का एलान किया है।
माजरा स्थित एसोसिएशन के केंद्रीय कार्यालय में हुई बैठक में संगठन केंद्रीय उप सचिव संदीप शर्मा ने कहा कि तीनों निगमों के प्रबंध निदेशकों ने अवर अभियंताओं की मांगों पर सैद्धांतिक सहमति जताई है। 24 जून को होने वाली वार्ता में पांच मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया है। केंद्रीय अध्यक्ष जीएन कोठियाल की अध्यक्षता में सदस्यों ने सर्वसम्मति से 20 जून को यूजेवीएनएल मुख्यालय व 24 जून को यूपीसीएल मुख्यालय में प्रस्तावित धरने को स्थगित करने का निर्णय लिया। बैठक में केंद्रीय महासचिव जेसी पंत, रविंद्र सैनी, संदीप शर्मा, रामकुमार, राहुल अग्र्रवाल व अन्य उपस्थित रहे।
ये हैं मुख्य मांगें:
-अवर अभियंता से सहायक अभियंता पद पर पदोन्नति।
-छठे वेतन आयोग की भांति एसीपी बहाल हो।
-राज्य कार्मिकों की भांति आवास किराया भत्ते का पुनरीक्षण।
-यात्रा भत्ते का पुनरीक्षण।
-वेतन वृद्धि।
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