coronavirus से जंग को पति ने राहत कोष में दी धनराशि, तो पत्नी मास्क बना बांट रही जरूरतमंदों को
श्री गुलाब सिंह राजकीय महाविद्यालय चकराता के प्राचार्य की पत्नी नीलम तलवाड़ मास्क बनाकर जरूरतमंदों को मुफ्त में बांट रही है।
चकराता(देहरादून), जेएनएन। कोरोना हारेगा, इंडिया जीतेगा...इस जज्बे के साथ अलग-अलग क्षेत्रों में लोग मदद करने को तैयार हैं। कोई जरूरतमंदों को राशन, भोजन देकर मानवता की मिशाल पेश कर रहा है, तो कोई दवा-पानी का इंतजाम कर रहा है। कुछ ऐसे क्षेत्र से जुड़े लोग हैं, जो लॉकडाउन में अपने समय का सदुपयोग कर महामारी से बचाने को मास्क बनाने की मुहिम चला रहे है। यह मास्क तमाम उन लोगों तक पहुंचाया जा रहा है जो इसे खरीदने में असमर्थ है।
इसकी पहल कुछ संस्थाएं भी कर रही हैं तो वहीं कुछ परिवार भी। इन्हीं में एक पहल है श्री गुलाब सिंह राजकीय महाविद्यालय चकराता के प्राचार्य की पत्नी नीलम तलवाड़ की। उनके पति ने जहां कर्मचारियों के साथ अपने एक दिन के वेतन को पीएम राहत कोष में जमा कराया। वहीं, वो खुद मास्क बनाकर जरूरतमंदों को नि:शुल्क बांट रही हैं। देश-दुनिया में लोग कोरोना वायरस की महामारी से जूझ रहे हैं। इस महामारी के प्रकोप से बचने के लिए सरकार ने पहले चरण के बाद दोबारा तीन मई तक देशव्यापी लॉकडाउन किया है।
कोरोना से बचाव को कई सामाजिक संगठन व समाजसेवी मदद के लिए आगे आए हैं। इसी कड़ी में श्री गुलाब सिंह राजकीय महाविद्यालय चकराता के प्राचार्य प्रोफेसर केएल तलवाड़ की पत्नी सामाजिक कार्यकर्ता नीलम तलवाड़ की भी एक बेहतर पहल है। लॉकडाउन के चलते घर में बैठकर वह जरूरतमंदों के लिए स्वयं मास्क बना रही हैं। नीलम तलवाड़ ने कहा कि वह एक दिन में दस से बारह मास्क तैयार करती हैं और उसे बांट रही हैं। नीलम ने कहा कि पहले चरण के लॉकडाउन के दौरान वह करीब सौ जरुरतमंदों को निश्शुल्क मास्क बांट चुकी हैं, इन दिनों वह अगले चरण की तैयारी में है।
सहसपुर में भी महिलाएं बना रहीं मास्क
सहसपुर के शंकरपुर स्थित ओबीसी ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान से प्रशिक्षण हासिल करने वाली महिलाएं कोरोना के संकट में लोगों के लिए मददगार साबित हो रही हैं। महिलाएं अपने घरों पर मास्क बनाकर काफी कम कीमत में आम लोगों और सरकारी विभागों को उपलब्ध करा रही हैं।
ओबीसी आरसेटी से स्वरोजगार का प्रशिक्षण लेने वाली महिलाएं बड़ी संख्या में मास्क बनाकर लोगों को उपलब्ध करा रही हैं। लगभग दस महिला समूहों से जुड़ी इन महिलाओं को राष्ट्रीय आजीविका मिशन की ओर से निरंतर आर्डर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। ओबीसी आरसेटी के निदेशक अनिल कुमार गोयल ने बताया कि अभी तक महिलाएं पचास हजार से ज्यादा मास्क बनाकर सरकारी विभागों और आम लोगों तक को वितरित कर चुकी हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं की कोशिश यही है कि कम से कम कीमत पर मास्क लोगों को उपलब्ध हो सके।
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