उत्तराखंड: बेटियों को पुलिस सिखाएगी आत्मरक्षा के गुर, इस साल अपहरण और दुष्कर्म की घटनाएं 42 प्रतिशत बढ़ी
महिला अपराध का जहर तेजी से फैल रहा है। घर की देहरी के बाहर आधी आबादी किस कदर असुरक्षित हो गई है इसका पता पुलिस मुख्यालय से प्राप्त आंकड़ों से चलता है। ...और पढ़ें

सोबन सिंह गुसांई, देहरादून। उत्तराखंड की शांत वादियों में भी महिला अपराध का 'जहर' तेजी से फैल रहा है। घर की देहरी के बाहर आधी आबादी किस कदर असुरक्षित हो गई है, इसका पता पुलिस मुख्यालय से प्राप्त आंकड़ों से चलता है। जो बताते हैं कि इस वर्ष राज्य में महिलाओं के अपहरण और उनके साथ दुष्कर्म की घटनाओं में ही 42 प्रतिशत से ज्यादा का उछाल आया है।
वर्ष 2020 में ऐसे कुल 726 मामले प्रकाश में आए थे, जबकि इस वर्ष इनकी संख्या 1032 पहुंच चुकी है। इन हालात में यह जरूरी हो गया है कि बेटियों को स्कूली जीवन में ही आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिया जाए, जिससे वह किसी आपात स्थिति से खुद निपट सकें। राज्य की पुलिस ने इस दिशा में पहल की है। इसके तहत बेटियों को आत्मरक्षा के गुर सिखाने के लिए राज्य के 13 जिलों में 27 प्रशिक्षक तैनात किए जाएंगे। इसके लिए केंद्र सरकार से निर्भया फंड योजना के तहत 27 लाख 20 हजार रुपये की वित्तीय सहायता की मांग की गई है। पुलिस विभाग के उच्चाधिकारियों का कहना है कि केंद्र सरकार से धनराशि मिलते ही इस दिशा में धरातल पर कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
यह है निर्भया फंड
दिसंबर 2012 में दिल्ली में हुए निर्भया कांड के बाद केंद्र सरकार ने निर्भया फंड की स्थापना की थी। इस फंड को सभी राज्यों को महिला अपराध पर प्रभावी रोकथाम के लिए आवंटित किया जाता है। इस फंड की मदद से महिलाओं की सुरक्षा के लिए तमाम कार्यक्रम चलाए जाते हैं। हैरत की बात यह भी है कि इस फंड के लिए उत्तराखंड ने इस बार पहली दफा आवेदन किया है। कुल 25.5 करोड़ रुपये का प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है, जिसमें महिलाओं की सुरक्षा के लिए वाहन और उपकरण खरीद का प्रस्ताव भी शामिल है।
पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि निर्भया फंड के तहत पहली बार साढ़े 25 करोड़ रुपये का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया है। पुलिस का सबसे अधिक फोकस स्कूली छात्रओं को आत्मरक्षा के गुर सिखाने की तरफ रहेगा। पर्याप्त मात्र में वाहन उपलब्ध होने पर महिला अपराध के मामलों में तुरंत कार्रवाई की जा सकेगी।
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महिला सुरक्षा से जुड़े यह प्रस्ताव भी भेजे गए केंद्र
- 27 लाख 20 हजार रुपये आत्मरक्षा का प्रशिक्षण देने के लिए पुलिस विभाग ने मांगे केंद्र सरकार से निर्भया फंड योजना के तहत।
- दो करोड़ 56 लाख रुपये राज्य व जिला महिला सुरक्षा हेल्पलाइन और 16 इनोवा वाहन की खरीद के लिए।
- 19 करोड़ दो लाख रुपये थानों में 160 पुलिस रिस्पांस वाहन के लिए।
- 20 लाख 80 हजार रुपये 160 बाडी वार्न कैमरे खरीदने के लिए।
- 79 लाख 80 हजार रुपये 133 स्कूटी के लिए।
- 2.5 करोड़ सीसीटीवी कैमरे के लिए।
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