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    गढ़वाल मंडलायुक्त सुशील ने ली पहली बैठक, बोले- भूमाफिया पेशेवर अंदाज में करा रहे भूमि का नियमितीकरण

    By Raksha PanthriEdited By:
    Updated: Tue, 21 Dec 2021 11:56 AM (IST)

    पदभार ग्रहण करने के बाद सुशील कुमार ने सोमवार को लैंड फ्राड समन्वय समिति की पहली बैठक ली। इस दौरान सरकारी भूमि पर कब्जा करने और भूमि धोखाधड़ी के मामलो ...और पढ़ें

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    गढ़वाल मंडलायुक्त सुशील ने ली पहली बैठक।

    जागरण संवाददाता, देहरादून। मंडलायुक्त गढ़वाल का पदभार ग्रहण करने के बाद सुशील कुमार ने सोमवार को लैंड फ्राड समन्वय समिति की पहली बैठक ली। इस दौरान सरकारी भूमि पर कब्जा करने और भूमि धोखाधड़ी के मामलों पर मंडलायुक्त के तेवर तल्ख दिखे। उन्होंने कहा कि कई भूमाफिया पेशेवर अंदाज में भूमि के नियमितीकरण में लिप्त हैं। ऐसे व्यक्तियों पर नकेल कसी जाए और अधिकारी नियमितीकरण संबंधी प्रकरणों का निस्तारण सावधानी के साथ करें।

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    कैंप कार्यालय में आयोजित बैठक में मंडलायुक्त ने कहा कि भूमि धोखाधड़ी के मामलों में कोताही न बरती जाए। जो व्यक्ति सरकारी भूमि पर कब्जा कर रहे हैं या किसी अन्य की भूमि पर अतिक्रमण कर रहे हैं, उनके विरुद्ध एफआइआर दर्ज कराई जाए। विभिन्न प्रकरणों पर मंडलायुक्त ने दिशा-निर्देश भी जारी किए। उन्होंने झाझरा, कोटद्वार में किए जा रहे अतिक्रमण के मामले में शीघ्र कार्रवाई करने को कहा। वहीं, झाझरा में हरियाली पट्टों के रूप में आवंटित भूमि को खुर्द-बुर्द करने और डोईवाला के मारखम ग्रांट में ग्राम समाज की भूमि पर अतिक्रमण के मामले में 15 दिन के भीतर रिपोर्ट तलब की।

    इसके अलावा उन्होंने निर्देश दिया कि ऋषिकेश में दो धर्मशाला को जनहित में राज्य सरकार में निहित किया जाए। इसके लिए अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) केके मिश्र की अध्यक्षता में कमेटी का गठन भी किया गया। उप जिलाधिकारी ऋषिकेश व नगर आयुक्त ऋषिकेश को कमेटी में बतौर सदस्य शामिल किया गया है। बैठक में जिलाधिकारी डा. आर राजेश कुमार, अपर आयुक्त हरेंद्र सिंह क्वीरियाल, यमुना वृत्त के उप वन संरक्षक अमित वर्मा, एमडीडीए के संयुक्त सचिव रजा अब्बास आदि उपस्थित रहे।

    गोल्डन फारेस्ट प्रकरण का संवेदनशीलता से करें निस्तारण

    बैठक में मंडलायुक्त सुशील कुमार ने गोल्डन फारेस्ट की संपत्ति के निस्तारण में अधिक संवेदनशीलता बरतने को कहा। निर्देश दिया कि प्रकरण के निस्तारण के लिए नियमित सुनवाई की जाए।

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