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Police Smriti Diwas: सीएम रावत ने पुलिस जवानों के बलिदान को किया याद, की ये बड़ी घोषणाएं

Police Smriti Diwas सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पुलिस स्मृति दिवस पर शहीद स्मारक पर पुलिस और अर्धसैनिक बलों के बलिदानियों को पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। सीएम रावत ने उनके परिजनों को सम्मानित भी किया है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Wed, 21 Oct 2020 12:45 PM (IST)Updated: Wed, 21 Oct 2020 10:12 PM (IST)
Police Smriti Diwas: सीएम रावत ने पुलिस जवानों के बलिदान को किया याद, की ये बड़ी घोषणाएं
सीएम ने पुलिस और अर्द्ध सैनिक बलों के बलिदानियों को दी श्रद्धांजलि। जागरण

देहरादून, राज्य ब्यूरो। Police Smriti Diwas पुलिस स्मृति दिवस के मौके पर बुधवार को पुलिस लाइन में आयोजित रैतिक परेड में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत समेत कई अधिकारियों ने शहीदों को श्रद्धांजलि देकर उनकी शहादत को सलाम किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने शहीदों के स्वजनों को सम्मानित भी किया। मुख्यमंत्री ने सहायक उप निरीक्षक (एम) से निरीक्षक स्तर तक के कार्मिकों के लिए हर पांच वर्ष में वर्दी भत्ता में एक हजार रुपये की बढ़ोत्तरी करने और पुलिस कार्मिकों की मृत्यु होने पर आश्रित परिवार को तत्काल एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता दिए जाने के लिए पुलिस शहीद कोष में 75 लाख रुपये का अनुदान स्वीकृति करने की घोषणा की।

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पुलिस लाइन में आयोजित परेड में शामिल पुलिसकर्मियों ने शस्त्र झुकाकर मातमी धुन के बीच शहीदों को सलामी दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि ड्यूटी के दौरान प्राणों की आहुति देने वाले पुलिस कर्मचारी हम सब के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। पूरा देश आज उनके सम्मान में नतमस्तक है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की अंतरराष्ट्रीय सीमाएं नेपाल, चीन और अंतरराज्जीय सीमाएं हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश से मिलती है। भौगोलिक और सामरिक महत्व के दृष्टिगत राष्ट्र की सुरक्षा के लिए यह प्रदेश संवेदनशील और महत्वपूर्ण है। आज पूरा विश्व आतंकवाद और कोविड-19 महामारी से जूझ रहा है। हमें इन चुनौतियों का डटकर सामना करना है। 

इनसे निपटने के लिए एक सुनियोजित रणनीति के तहत कार्रवाई किए जाने की आवश्यकता है। पुलिस महानिदेशक अनिल कुमार रतूड़ी ने शहीद पुलिसकर्मियों को नमन करते हुए कहा कि पुलिस का कार्य 24 घंटे का होता है। थाना कभी बंद नहीं होता। प्रतिदिन अपराध, शांति व्यवस्था, आपदा और आंतरिक सुरक्षा की जटिलताएं पुलिस के लिए नई-नई चुनौती पेश कर रही हैं। वहीं, कोरोना काल मे पुलिसकर्मियों ने जिस तरह जान की परवाह किए बिना कर्तव्यों का निर्वहन किया, वह अत्यंत सराहनीय है।

रैतिक परेड में विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चन्द्र अग्रवाल, कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, महापौर सुनील उनियाल, विधायक हरवंश कपूर, शगणेश जोशी, मुन्ना सिंह चौहान, विनोद चमोली, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था अशोक कुमार, रिटायर्ड डीजीपी तमिलनाडु बीपी नैनवाल, सेवानिवृत विशेष महानिदेशक आसूचना ब्यूरो, रेनुका पट्टू व अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन उपनिरीक्षक पूनम प्रजापति एवं फायरमैन मनीष द्वारा किया गया। 

इसलिए मनाया जाता है स्मृति दिवस 

21 अक्टूबर1959 को भारत की उत्तरी सीमा पर लद्दाख के 15 हजार फीट ऊंचे बर्फीले क्षेत्र में केंद्रीय रिजर्व पुलिस की एक गश्ती टुकड़ी के 10 जवानों ने चीनी अतिक्रमणकारियों से लोहा लिया। बहादुरी से लड़ते हुए इन जवानों ने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी। इन्हीं वीर सपूतों के बलिदान की स्मृति में प्रत्येक वर्ष 21 अक्तूबर को पुलिस स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाता है।

इस साल छह पुलिसकर्मी हुए शहीद

उप निरीक्षक माया सिंह(नैनीताल), उप निरीक्षक नरेश पाल सिंह(नैनीताल), कांस्टेबल ललित मोहन(नैनीताल), कांस्टेबल नंदन सिंह(नैनीताल), कांस्टेबल संजय कुमार(देहरादून), कांस्टेबल कैलाश लाल(ऊधमसिंहनगर)। 

पुलिस झंडा दिवस भी मनाया गया

इस वर्ष गृह मंत्रालय के निर्देशानुसार पुलिस स्मृति दिवस के साथ-साथ पुलिस झण्डा दिवस भी मनाया गया। पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों में झण्डे वितरित किए गए। वितरण प्राप्त के धनराशि भारत सरकार के नेशनल पुलिस मेमोरियल सोसायटी में जमा होगी। यह धनराशि पुलिस एवं अर्द्धवसैनिक बलों के शहीद अधिकारी व कर्मचारी के परिवार के कल्याण में व्यय होगी। डीजीपी ने बताया कि कोरोना वायरस से बचाव सम्बन्धी कार्य में ड्यूटी के दौरान कांस्टेबल संजय कुमार की मृत्यु होने पर उनके आश्रितों को पांच लाख रुपये पुलिस विभाग तथा 10 लाख उत्तराखण्ड शासन की ओर से दिया गया है। 

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