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    आपदाग्रस्त क्षेत्र से बरामद शवों की पहचान के लिए पुलिस ले रही वाट्सएप की मदद

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Thu, 11 Feb 2021 08:21 AM (IST)

    चमोली में आई जलप्रलय के बाद आपदाग्रस्त क्षेत्र से बरामद शवों की पहचान के लिए पुलिस वाट्सएप की मदद ले रही है। इसके लिए पुलिस ने वाट्सएप पर एक ग्रुप बनाया है जिसमें लापता व्यक्तियों के स्वजनों को जोड़कर बरामद हो रहे शवों की जानकारी साझा की जा रही है।

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    जलप्रलय के बाद आपदाग्रस्त क्षेत्र से बरामद शवों की पहचान के लिए पुलिस वाट्सएप की मदद ले रही है।

    जागरण संवाददाता, देहरादून। चमोली जिले में आई जलप्रलय के बाद आपदाग्रस्त क्षेत्र से बरामद शवों की पहचान के लिए पुलिस वाट्सएप की मदद ले रही है। इसके लिए पुलिस ने वाट्सएप पर एक ग्रुप बनाया है, जिसमें लापता व्यक्तियों के स्वजनों को जोड़कर बरामद हो रहे शवों की जानकारी साझा की जा रही है। इस ग्रुप में अब तक 86 व्यक्तियों को जोड़ा जा चुका है। इनकी मदद से दो शवों की पहचान हुई है।

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    पुलिस उप महानिरीक्षक (अपराध एवं कानून व्यवस्था) एवं पुलिस मुख्यालय के प्रवक्ता नीलेश आनंद भरणे ने बताया कि चमोली आपदा में अभी तक 204 लोग लापता हैं। इनमें से 34 के शव अलग-अलग स्थानों से बरामद किए जा चुके हैं। अभी तक इनमें से 10 की शिनाख्त हो गई है, जबकि 24 व्यक्तियों की पहचान नहीं हो पाई है।

    इसके लिए मुख्यालय स्तर पर बुधवार को लापता व्यक्तियों के स्वजनों का एक वाट्सएप ग्रुप बनाया गया। इसमें अभी तक 86 स्वजनों ने संपर्क किया है। आपदा में लापता व्यक्तियों की सूची व बरामद हुए शवों की पहचान के लिए उनका विवरण वाट्सएप ग्रुप के माध्यम से स्वजनों को भेजा जा रहा है। इस ग्रुप के माध्यम से अभी तक दो शवों की पहचान भी हो गई है। बताया कि उनकी देखरेख में पुलिस मुख्यालय में एक कंट्रोल रूम का गठन किया गया है, जिसका नंबर- 0135-2712685 और मोबाइल नंबर 9411112985 है।

    अज्ञात शवों का 72 घंटे बाद होगा अंतिम संस्कार

    सुरक्षा बलों के खोज व बचाव कार्य में बरामद अज्ञात शवों का अंतिम संस्कार तीन दिन बाद किया जाएगा। इन तीन दिनों में शव से मिले आभूषण, वस्त्र अथवा टैटू के माध्यम से इनकी पहचान का प्रयास किया जाएगा। इसके बाद भी यदि इनकी पहचान नहीं हो पाती तो फिर इनकी वीडियो ग्राफी व फोटोग्राफी करने के बाद डीएनए सैंपल लिया जाएगा। इसके बाद इनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। शवों की डीएनए सैंपलिंग और संरक्षण के लिए राज्य एफएसएल की भी मदद ली जा रही है। डीएनए सैंपलिंग का मुख्य मकसद यह है कि कोई भी यदि निशानियों को देखकर इन्हें अपने स्वजन की बताता है तो पहले उनका डीएनए मैच कराया जाएगा। इसके बाद ही आगे की कार्यवाही की जाएगी। शवों को कर्णप्रयाग, जोशीमठ और गोपेश्वर स्थित मोर्चरी में रखा गया है।जनपद चमोली में स्थापित कंट्रोल रूम का नंबर- 01372-251487 और मोबाइल नंबर 9084127503 है।

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