मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दिए अविलंब सहायता राशि देने के निर्देश
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने चमोली में आई आपदा में मृत व्यक्तियों के स्वजनों को राहत राशि अविलंब उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने आपदा प्रभावित इलाकों में रोजमर्रा की वस्तुओं की नियमित आपूर्ति करने के निर्देश देते हुए कहा कि किसी वस्तु की कमी नहीं होनी चाहिए।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने चमोली में आई आपदा में मृत व्यक्तियों के स्वजनों को राहत राशि अविलंब उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने आपदा प्रभावित इलाकों में रोजमर्रा की वस्तुओं की नियमित आपूर्ति करने के निर्देश देते हुए कहा कि किसी वस्तु की कमी नहीं होनी चाहिए।
बुधवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सचिव आपदा प्रबंधन एसए मुरुगेशन से आपदा राहत कार्यों के संबंध में जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री ने इस दौरान खोज व बचाव के काम लगातार जारी रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिन शवों की शिनाख्त नहीं हो पाती, उनके डीएनए रिकार्ड को सुरक्षित रखा जाए। मुख्यमंत्री ने रैणी व तपोवन में भीषण त्रासदी के सभी मृतकों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि आपदा में मृत्यु होना दुखद है। लापता व्यक्तियों की तलाश के लिए आपरेशन पूरी क्षमता के साथ चलाया जा रहा है। खोज एवं बचाव के साथ ही आपदा राहत कार्यों की उच्च स्तर पर लगातार निगरानी की जा रही है।
इस दौरान मुख्यमंत्री को बताया गया कि आपदा से सड़क संपर्क टूटने से सीमांत क्षेत्र के 13 गांवों के 360 परिवार प्रभावित हुए है। सड़क संपर्क से कटे इन गांवों में हेली सेवा के जरिये राशन किट व रोजमर्रा का समान भेजा जा रहा है। इसके साथ ही मेडिकल टीम भी भेजी जा रही है। ग्रामीणों को राशन किट के साथ पांच किलो चावल, पांच किलो आटा, चीनी, दाल, तेल, नमक, मसाले, चायपत्ती, साबुन, मिल्क पाउडर, मोमबत्ती व माचिस आदि सामग्री दी जा रही है।
बिजली व पेयजल आपूर्ति हो रही है बहाल
बताया गया कि सड़क संपर्क से कटे 13 गांवों में से पैंग व मुराडा को छोड़ सभी 13 गांव में विद्युत व्यवस्था सुचारू कर दी गई है। पैंग व मुराडा में सोलर लाइट भेजी जा रही हैं। इसके लिए उरेडा द्वारा 100 सोलर लाइटों की व्यवस्था की गई है। आपदा से 11 गांवों में पेयजल लाइनें प्रभावित हो गई थीं। इनमें से 10 गांवों में जलापूर्ति बहाल कर दी गई है। एक पर काम चल रहा है। इसके अलावा तपोवन, रैणी, जुआग्वाड में आवाजाही के लिए ट्राली व वैली ब्रिज से वैकल्पिक व्यवस्था बनाई जा रही है।
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