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आइजी की कार में सवार होकर लूट के आरोपियों से पुलिस ने की पूछताछ

हाई प्रोफाइल लूटकांड के आरोपितों की 48 घंटे की कस्टडी रिमांड मिलने के बाद दिनभर पुलिस एसटीएफ कार्यालय में आरोपितों से दिनभर पूछताछ करती रही।

By BhanuEdited By: Published: Fri, 26 Apr 2019 01:33 PM (IST)Updated: Fri, 26 Apr 2019 01:33 PM (IST)
आइजी की कार में सवार होकर लूट के आरोपियों से पुलिस ने की पूछताछ
आइजी की कार में सवार होकर लूट के आरोपियों से पुलिस ने की पूछताछ

देहरादून, जेएनएन। हाई प्रोफाइल लूटकांड के आरोपितों की 48 घंटे की कस्टडी रिमांड मिलने के बाद दिनभर पुलिस एसटीएफ कार्यालय में आरोपितों से दिनभर पूछताछ करती रही। बताया जा रहा है कि पूछताछ में फिलहाल आरोपितों ने अपने वहीं पुराने बयानों पर ही कायम रहे। संभावना जताई जा रही थी कि पुलिस ने आरोपितों के साथ बैग बरामदगी के दबिश देगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। 

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विदित है कि चार अप्रैल को प्रॉपर्टी डीलर अनुरोध पंवार निवासी कैनाल रोड, बल्लूपुर को कांग्रेसी नेता अनुपम शर्मा ने डब्ल्यूआइसी में एक प्रॉपर्टी से संबधित रकम लेने के लिए बुलाया। वहां उन्हें एक काले रंग का बैग दिया गया, जिसका वजन 10 से 15 किलोग्राम के बीच था। बताया गया कि इसमें मोटी रकम है। 

अनुरोध ने चुनाव चेकिंग का हवाला देकर बैग लेने से मना कर दिया और रेस्टोरेंट से निकल कर पार्किंग में खड़ी अपनी कार की ओर जाने लगे। तभी डब्ल्यूआइसी का एक कर्मचारी बैग लेकर आया और उनकी कार में रख गया। अनुरोध बैग लेकर वहां से घर के लिए निकले। 

रास्ते में होटल मधुबन के सामने एक सफेद रंग की स्कॉर्पियो के चालक ने ओवरटेक कर उन्हें रोक लिया। यह गाड़ी आइजी गढ़वाल के नाम आवंटित थी। स्कॉर्पियो में दारोगा दिनेश नेगी सादी वर्दी में, जबकि मनोज अधिकारी और हिमांशु उपाध्याय सवार थे। 

आरोप है कि चुनाव की चेकिंग के नाम पर अनुरोध की कार की तलाशी ली और उसमें रखा बैग लूट लिया। अगले दिन अनुरोध ने दून पुलिस से संपर्क किया। नकदी जब्त करने की बात सुन पुलिस हैरान रह गई, क्योंकि किसी भी स्तर पर पुलिस तक यह जानकारी नहीं पहुंची थी। 

जांच शुरू हुई तो दस अप्रैल को डालनवाला कोतवाली में अपहरण, लूट, सरकारी पद के दुरुपयोग व अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया। बाद में जांच एसटीएफ को सुपुर्द कर दी गई। एसटीएफ ने 16 अप्रैल को अनुपम शर्मा समेत तीनों पुलिस कर्मियों को गिरफ्तार कर लिया। 

20 अप्रैल को पुलिस ने आइजी की गाड़ी भी सीज कर दी। मामले में बैग की बरामदगी पुलिस के लिए महत्वपूर्ण है, इसलिए पुलिस ने आरोपितों की रिमांड मांगी थी। जिस पर कोर्ट ने पुलिस की 48 घंटे की रिमांड मंजूर कर ली। 

रिमांड के प्रथम दिन पुलिस एसटीएफ कार्यालय में आरोपितों से दिनभर पूछताछ करती रही। बताया जा रहा है कि इस दौरान पुलिस आरोपितों से बैग के बारे में सवाल-जबाव करती रही। सूत्रों की माने तो फिलहाल आरोपितों ने इसके बारे में कुछ नहीं बताया है। आरोपित बैग में कुछ न होने की अपने पहले के बयान पर कायम रहे।

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