एसटीएफ ने लूट में आइजी की कार उपयोग करने वाले पुलिसकर्मियों की मांगी रिमांड
हाई प्रोफाइल लूटकांड के आरोपित दारोगा और दोनों सिपाहियों की एसटीएफ ने तीन दिन की कस्टडी रिमांड मांगी है।
देहरादून, जेएनएन। हाई प्रोफाइल लूटकांड के आरोपित दारोगा और दोनों सिपाहियों की एसटीएफ ने तीन दिन की कस्टडी रिमांड मांगी है। पुलिस की ओर से अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम मंजू मुंडे की अदालत में प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया है। वहीं, लूटकांड के मुख्य साजिशकर्ता के अधिवक्ता की ओर से जिला जज की कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की गई है।
पुलिस की ओर से लूटकांड के आरोपित दारोगा दिनेश नेगी, सिपाही मनोज अधिकारी व हिमांशु उपाध्याय की कस्टडी रिमांड मांगी है। यह तीनों बीते 16 अप्रैल से जिला कारागार सुद्धोवाला में न्यायिक अभिरक्षा में रखे गए हैं।
बता दें, चार अप्रैल को प्रॉपर्टी डीलर अनुरोध पंवार निवासी कैनाल रोड, बल्लूपुर वारदात के दिन डब्ल्यूआइसी में कांग्रेसी नेता अनुपम शर्मा से प्रॉपर्टी से संबधित रकम लेने गए थे। वहां से लौटते समय होटल मधुबन के सामने एक सफेद रंग की स्कॉर्पियो के चालक ने ओवरटेक कर उन्हें रोक लिया। यह गाड़ी आइजी गढ़वाल के नाम आवंटित थी।
स्कॉर्पियो में दारोगा दिनेश नेगी सादी वर्दी में, जबकि मनोज अधिकारी और हिमांशु उपाध्याय पुलिस की खाकी वर्दी में सवार थे। इन तीनों पर आरोप है कि चुनाव की चेकिंग के नाम पर उन्होंने अनुरोध की कार की तलाशी ली और उसमें रखा बैग लूट लिया।
वारदात के बाद अनुरोध ने दून पुलिस से संपर्क किया। नकदी जब्त करने की बात सुन पुलिस हैरान रह गई, क्योंकि किसी भी स्तर पर पुलिस तक यह जानकारी नहीं पहुंची थी। गहन जांच के बाद दस अप्रैल को डालनवाला कोतवाली में लूट की धारा में मुकदमा दर्ज किया गया। बाद में जांच एसटीएफ को सौंप दी गई। वहीं, 20 अप्रैल को पुलिस ने आइजी की गाड़ी भी सीज कर दी।
इस चर्चित लूटकांड को साबित करने वाले सभी तकनीकी साक्ष्य तो एसटीएफ ने जुटा लिए हैं, लेकिन अभी तक रुपयों से भरा बैग बरामद नहीं हो सका है। यह जांच दल के लिए अभी चुनौती बना हुआ है। माना जा रहा है कि रिमांड मिलने के बाद जांच टीम तीनों से बैग के बारे में पूछताछ करेगी। अनुपम शर्मा की जमानत याचिका पर डीजे कोर्ट में 29 अप्रैल को सुनवाई होगी।
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