एटीएम में स्कीमर लगाकर खंगाल दिए 70 से अधिक खाते
राजधानी देहरादून में पुलिस की जांच में पता चला है कि नेहरू कॉलोनी और धर्मपुर के एसबीआइ एटीएम मशीनों में आठ से 14 जुलार्इ के बीच स्कीमर लगाए गए थे।
देहरादून, [जेएनएन]: राजधानी देहरादून में एटीएम कार्ड का क्लोन बनाकर खातों से रकम निकालने के मामले में नया खुलासा हुआ है। पुलिस की जांच में पता चला है कि नेहरू कॉलोनी और धर्मपुर के एसबीआइ एटीएम मशीनों में आठ से 14 जुलार्इ के बीच स्कीमर लगाए गए थे और लाखों की धोखाधड़ी को अंजाम दिया गया था। यह पुलिस के लिए एक बड़ी लीड मानी जा रही है।
देहरादून में तीन दिन के भीतर करीब 70 बैंक खातों से हुई लाखों की ठगी में पुलिस को अहम लीड मिली है। साइबर अपराधियों ने नेहरू कॉलोनी के जोगीवाला और धर्मपुर स्थित एसबीआइ के एटीएम में स्कीमर लगाए थे।
इस दौरान जितने भी लोगों ने इन दोनों एटीएम से निकासी की उनमें से ज्यादातर लोग धोखाधड़ी के शिकार हुए हैं। फिलहाल पुलिस ने ये दोनों एटीएम बंद करा दिए हैं और एसबीआइ से दोनों एटीएम की सीसीटीवी फुटेज मांगी हैं।
इसके साथ ही सभी थाना क्षेत्रों में एटीएम की जांच के लिए पुलिस ने व्यापक अभियान भी चलाया, जिसमें गार्ड रहित पांच अन्य एटीएम तत्काल बंद करा दिए गए। वहीं इस घटना से अभी भी हड़कंप मचा हुआ है। अपने बैंक खातों की सुरक्षा को लेकर लोग सहमे हुए हैं।
साथ ही मामले लगातार बढ़ने से पुलिस अफसरों के माथे पर भी चिंता की लकीरें बढ़ गर्इ हैं। हालांकि, नेहरू कॉलोनी, रायपुर व कोतवाली में दर्ज हुए मामलों की तफ्तीश के दौरान पुलिस को मिली ये अहम लीड पुलिस की परेशानियों को कम कर सकती है।
इस खुलासे के बाद यह तो साफ हो गया है कि एटीएम कार्डों की स्कीमिंग इसी महीने की गई है। इसके लिए साइबर अपराधियों ने जोगीवाला और धर्मपुर स्थित एसबीआइ के एटीएम को निशाना बनाया था। एटीएम में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज से भी इसबात की पुष्टि हो गर्इ है।
फुटेज में दो संदिग्ध स्कीमर लगाते नजर आ रहे हैं। अब पुलिस ने बैंक से सीसीटीवी के फुटेज मांगे हैं ताकि उनकी फोरेंसिक जांच कराई जा सके।
जयपुर व दिल्ली में दून पुलिस ने डाला डेरा
दून पुलिस की एक टीम जयपुर में शनिवार और दिल्ली में रविवार से डेरा डाले हुए है। एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने बताया कि जयपुर में हुई निकासी को लेकर वहां के डीसीपी विकास पाठक से बात हुई है। जयपुर साइबर क्राइम ब्रांच की सेल दून पुलिस के साथ उन एटीएम की जांच कर रही है, जहां से जालसाजों ने रुपये निकाले। वहीं दिल्ली के जिन एटीएम से पैसे निकाले गए हैं, उनके भी सीसीटीवी फुटेज चेक किए जा रहे हैं।
दून पुलिस और एसटीएफ के बीच हुई मीटिंग
एटीएम के क्लोन बनाकर लाखों पर हाथ साफ करने के इस मामले को लेकर एसएसपी निवेदिता कुकरेती, एसएसपी एसटीएफ रिधिम अग्रवाल के साथ बैठक कर चुकी हैं। एसएसपी एसटीएफ ने बताया कि इस पूरे मामले की जांच के लिए साइबर एक्सपर्ट की एक टीम को दून पुलिस के तकनीकी सहयोग के लिए लगा दिया गया है।
फैक्ट्रीकर्मी को 98 हजार की चपत
रुड़की के सिविल लाइन निवासी महावीर भी इस जालसाजी का शिकार हो चुके हैं। महावीर भगवानपुर के रायपुर औद्योगिक क्षेत्र की एक फैक्ट्री में कार्यरत हैं। महावीर ने बताया कि उनका शहर के बैंक ऑफ बड़ौदा में खाता है।
10 जुलाई को उनके मोबाइल पर मैसेज आया कि खाते से 98 हजार रुपये निकाले गए हैं, लेकिन जिस नंबर पर बैंक से मैसेज आता है, वह उनके घर में ही रहता है। इसलिए कई दिन तक इस मैसेज की तरफ उनका ध्यान नहीं गया। जब वह बैंक में अपनी पासबुक अपडेट कराने पहुंचे तो खाते से रकम निकलने की जानकारी मिली।
महावीर ने भी अपने एटीएम कार्ड से जुड़ी जानकारी किसी को नहीं दी थी, कार्ड भी उन्हीं के पास मौजूद था। फिलहाल मामला साइबर सेल को स्थानांतरित कर दिया गया है।
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