500 और 1000 के नोट बंद होने से अफरातफरी का माहौल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संदेश में जैसे ही मंगलवार आधी रात से 500 और 1000 रुपये के नोट बंद करने की घोषणा की, राजधानी देहरादून समेत पूरा प्रदेश हैरान रह गया।
देहरादून, [जेएनएन]: देर शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संदेश में जैसे ही मंगलवार आधी रात से 500 और 1000 रुपये के नोट बंद करने की घोषणा की, राजधानी देहरादून समेत पूरा प्रदेश हैरान रह गया। कुछ ही देर में एटीएम पर लंबी लाइन लग गईं। आधी रात तक लोग 500 और एक हजार के नोट कियोस के जरिये जमा कराने में जुट गए तो बड़ी संख्या में 100 के नोट निकालने की होड़ लग गई। घर से लेकर बाजार तक मानो भूचाल सा आ गया।
अचानक लिए गए इस निर्णय की खबर न्यूज चैनलों के माध्यम से प्रसारित होते ही इसका असर भी दिखना शुरू हो गया। व्यापारिक प्रतिष्ठान बड़े नोट लेने से मना करने लगे हैं। इसको लेकर कई स्थानों पर व्यापारियों और ग्राहकों के बीच तीखी झड़पें भी हुईं। कुछ दुकानदार पांच सौ का नोट लेने को इस शर्त पर तैयार थे कि वे सौ रुपये बतौर कमीशन लेंगे। 500 व 1000 रुपये के नोट बंद होने का पहला असर लोगों में बड़े नोट के छुट्टे लेने की होड़ के रूप में नजर आया। तमाम गली-मोहल्लों में लोग 100 व इससे कम के नोट लेने की मिन्नत करते दिखे।
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हालांकि आग की तरह फैली बड़े नोटों के बंद होने की सूचना से जल्द सभी व्यापारिक प्रतिष्ठानों ने भी इन्हें स्वीकार करने से मना कर दिया। यहां तक कि जरूरी समान लेने पहुंचे लोगों को भी लौटा दिया गया। पेट्रोल पंपों पर बड़े नोट लेने की छूट भले ही अभी जारी हो, मगर इसका साइड इफेक्ट यहां भी नजर आया और तमाम पेट्रोल पंप बंद पाए गए। जो पंप खुले भी थे, उन्होंने 500 व 1000 रुपये के नोट लेने से इन्कार कर दिया। इसको लेकर विभिन्न कहासुनी व झड़प की नौबत भी आ गई।
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लोगों के मन में एक ही सवाल कौंधने लगा है कि आखिर अब क्या होगा। तमाम लोग ऐसे हैं, जिन्हें विभिन्न आयोजनों और कार्यों के लिए बड़ा भुगतान करना है, वे अब असमंजस घिरे नजर आ रहे हैं। बुधवार व गुरुवार को बैंक व एटीएम भी बंद है, ऐसे में बैंक जाकर 100 व इसके कम रुपये के नोट लेने का भी विकल्प भी नहीं है। लोग हैरान और परेशान हैं कि अगले दो दिन कैसे कटेंगे।
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विवाह समारोह हो सकते हैं प्रभावित
एक-दो दिन बाद विवाह की तिथियां हैं। ऐसे में स्वाभाविक रूप से होने वाले खर्चों को लेकर भी लोग परेशान हो उठे हैं। लोगों में मन में डर सता रहे है कि विवाह समारोह के तमाम खर्चों की पूर्ति किस तरह होगी।
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