देहरादून: थानों से नहीं मिल रहा इंसाफ, कोर्ट का दरवाजा खटखटाने को मजबूर फरियादी
डीजीपी अशोक कुमार ने सभी थाना प्रभारियों को निर्देशित किया था कि थाने में आने वाले हर फरियादी की शिकायत सुनी जाए और मुकदमा दर्ज किया जाएगा। इसके बावजू ...और पढ़ें

सोबन गुसाईं, देहरादून। थानाध्यक्ष पुलिस महानिदेशक के आदेश मानने को भी तैयार नहीं हैं। डीजीपी अशोक कुमार ने सभी थाना प्रभारियों को निर्देशित किया था कि थाने में आने वाले हर फरियादी की शिकायत सुनी जाए और मुकदमा दर्ज किया जाएगा। इसके बावजूद थानाध्यक्ष शिकायत लेकर आने वाले फरियादियों को बैरंग लौटा रहे हैं, जिसके कारण मजबूरन फरियादियों को कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ रहा है। पिछले छह महीनों में ही 47 मुकदमे कोर्ट के आदेश पर दर्ज हुए हैं। इनमें सबसे अधिक मुकदमे सहसपुर थाने से संबंधित हैं।
पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने पदभार ग्रहण करने के बाद थाना प्रभारियों को निर्देशित किया था कि कोई भी फरियादी थानों से बैरंग न लौटे। हर फरियादी की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया जाए। इसके बावजूद थानाध्यक्षों के हाल ये हैं कि वह बिना शिकायत दर्ज किए फरियादियों को लौटा रहे हैं। इस मामले में पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यदि किसी थानाध्यक्ष की थाने में सुनवाई न करने संबंधी शिकायत मिलती है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
गरीब पीड़ितों को नहीं मिल पा रहा इंसाफ
जिन व्यक्तियों की पहुंच अच्छी वह कोर्ट या फिर किसी अधिकारी की सिफारिश लगाकर मुकदमा दर्ज करवा भी दे रहे हैं, लेकिन गरीब पीड़ितों को इंसाफ के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। इन फरियादियों को लंबा समय तो आफिसों के चक्कर काटने में ही लग जाता है।
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छह महीने में कोर्ट के आदेश पर इन थानों में हुए मुकदमे दर्ज
कोतवाली/थाना, मुकदमे
सहसपुर-सात
शहर कोतवाली-छह
पटेलनगर-छह
रायपुर-चार
विकासनगर-चार
सेलाकुई-चार
ऋषिकेश-चार
कैंट कोतवाली-दो
डालनवाला कोतवाली-दो
प्रेमनगर-दो
रायवाला-तीन
रानीपोखरी-एक
राजपुर-दो

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