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पटवारियों की हड़ताल से लटके 20 हजार दाखिले खारिज, फरियादियों को देख पसीजे लेखपाल

पटवारियों और लेखपालों के कार्यबहिष्कार से चलते लोगों को तहीसल में परेशानी उठानी पड़ रही है। दाखिले खारिज के काम लटकते जा रहे हैं। व

By BhanuEdited By: Published: Sat, 15 Jun 2019 12:23 PM (IST)Updated: Sat, 15 Jun 2019 12:23 PM (IST)
पटवारियों की हड़ताल से लटके 20 हजार दाखिले खारिज, फरियादियों को देख पसीजे लेखपाल
पटवारियों की हड़ताल से लटके 20 हजार दाखिले खारिज, फरियादियों को देख पसीजे लेखपाल

देहरादून, जेएनएन। पटवारियों और लेखपालों के कार्यबहिष्कार से चलते लोगों को तहीसल में परेशानी उठानी पड़ रही है। दाखिले खारिज के काम लटकते जा रहे हैं। वहीं, हड़ताल दौरान फरियादियों की परेशानी को देख लेखपाल का दिल भी पसीज गया।  

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तहसील सदर में फरियादियों की रिकॉर्ड भीड़ जुट गई। इस दौरान गर्मी से बेहाल लोग तहसील की सीढ़ियां चढ़ते हुए लेखपालों से अपनी अर्जी पर दस्तखत कराने की मिन्नतें करते रहे। मगर, हड़ताल के चलते उन्हें इंतजार करना पड़ा। भीड़ से तहसील भवन भरने पर तहसील कर्मी भी चिंतित दिखे। 

बार-बार फरियादी पहुंचे तो कर्मियों ने अपने फैसले को बदलते हुए आधे घंटे पहले हड़ताल खत्म की। महासंघ ने कहा कि फरियाद लेकर आए बुजुर्ग, दिव्यांग और महिलाओं की मदद से लिए उन्होंने यह निर्णय लिया है। इसके बाद तहसील में प्रमाणपत्र बनने से लेकर सत्यापन का कार्य जारी रहा।

उत्तराखंड भूलेख संवर्गीय कर्मचारी महासंघ गत सोमवार से दो घंटे का कार्य बहिष्कार पर चल रहे हैं। इससे राजस्व निरीक्षक-उपनिरीक्षक, लेखपाल, कानूनगो, रजिस्ट्रार हर दिन अपने दफ्तर में सुबह दस से दोपहर 12 बजे तक सरकारी कामकाज नहीं कर रहे हैं। 

तहसील सदर में अचानक लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। भीड़ में महिलाएं, दिव्यांग, बुजुर्ग पेंशनर्स, बच्चे आदि शामिल थे। करीब 11 बजे तक तहसील का हॉल पूरा भर गया। इस दौरान उमसभरी गर्मी से लेकर पसीना-पसीना हो गए। इससे पटवारियों ने करीब साढ़े 11 बजे आधा घंटा पहले ही अपना काम शुरू कर दिया। पटवारी जैसे ही अपनी सीट पर बैठे भीड़ में शामिल लोग अपनी अर्जी लेकर उन तक पहुंच गई। दोपहर तक यह नजारा देखने को मिला। 

पटवारियों की हड़ताल से लटके 20 हजार दाखिले

राजधानी में पटवारियों की हड़ताल से जमीनों के दाखिल-खारिज लटक गए हैं। इससे 20 हजार 508 फाइलें तहसीलों में धूल फांक रही हैं। दाखिला कराने की मांग को लेकर लोग डीएम से लेकर सीएम तक फरियाद पहुंचा चुके हैं। मगर, अफसरों से लेकर सरकार के कानों जूं नहीं रेंग रही है। 

राजधानी में कलक्ट्रेट से लेकर तहसील तक की व्यवस्था भगवान भरोसे चल रही है। कलक्ट्रेट में फरियादियों को अफसर नहीं मिलते। वहीं तहसील में पटवारियों की हड़ताल साढ़े चार माह से मुसीबत बनी हुई है। कुछ दिन पहले पटवारी कार्य बहिष्कार से वापस लौटे तो आय, मूल, जाति और चरित्र प्रमाणपत्र बनने शुरू हुए। 

मगर, पटवारियों ने एसआइटी की कार्रवाई के विरोध में दो घंटा सुबह 10 से 12 बजे तक हड़ताल को जारी रखा है। यही नहीं जमीनों की रजिस्ट्री के बाद दाखिला-खारिज से पूरी तरह से हाथ खींच लिए हैं। इससे तहसील ऋषिकेश, डोईवाला, सदर, विकासनगर, मसूरी, कालसी आदि में दाखिला-खारिज का काम पूरी तरह से ठप हो रखा है। 

स्थिति यह है कि चार फरवरी से लेकर 14 जून तक करीब 20 हजार से ज्यादा रजिस्ट्रियां हो चुकी हैं। इतने ही दाखिले की फाइलें तहसीलों में जमा हैं। फाइलों के ढेर से सभी तहसील के दफ्तर भर गए हैं। मगर, शासन से लेकर प्रशासन के अफसर हड़ताल खत्म कराने के लिए बीच का रास्ता तलाशने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। 

लोन और निर्माण कार्य अटके 

जमीनों की रजिस्ट्री पर बैंकों से लोन लेने वालों को सबसे ज्यादा मुश्किलें उठानी पड़ रही हैं। रजिस्ट्री कराने के बाद दाखिला खारिज का प्रमाणपत्र न मिलने से बैंकों ने लोगों की किश्तें रोक दी हैं। इससे लोगों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। इसके अलावा प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त का धंधा भी मंदा हुआ है। प्रॉपर्टी से आजीविका चलाने वालों पर भी इसका असर पड़ा है। शासन स्तर पर होना है निर्णय 

अपर जिलाधिकारी प्रशासन रामजीशरण के अनुसार, पटवारियों की हड़ताल पर निर्णय शासन स्तर पर होना है। जनपद से लेकर कमिश्नर स्तर पर कई वार्ताएं हो चुकी हैं। मगर, पटवारी अपनी मांगों पर अडिग हैं। दाखिला-खारिज न होना बड़ी समस्या है। 

पटवारियों के हितों को लेकर किया जा रहा आंदोलन  

पटवारी महासंघ के संरक्षक राधेश्याम पैन्यूली के मुताबिक,  मंत्रिमंडल की उपसमिति ने संग्रह अमीन को नायब तहसीलदार पद पर छह फीसद पदोन्नति का निर्णय एकतरफा लिया है। इस पर संघ से कोई वार्ता नहीं की गई। इसलिए इस निर्णय का वे विरोध कर रहे हैं। एसआइटी की कार्रवाई पूरी तरह से नियम विरुद्ध है। पटवारियों के हितों को लेकर आंदोलन का निर्णय लिया गया है। 25 जून को शासन में बैठक होनी है। इसमें कुछ सकारात्मक निर्णय की उम्मीद है।

चार माह में हुई रजिस्ट्री

माह--------------------रजिस्ट्री 

फरवरी------------------5903 

मार्च---------------------4360 

अप्रैल--------------------4942 

मई-----------------------6043 

जून----------------------1290

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