तहसील में पटवारी और लेखपालों के कार्यबहिष्कार से जनता परेशान, अधिकारी अनजान
तहसील में पटवारी-लेखपालों के प्रदेशव्यापी दो घंटे के कार्यबहिष्कार से आमजन परेशान हो रहे हैं। दिव्यांग हो या वृद्ध हर कोई फजीहत झेलने को मजबूर है।
देहरादून, जेएनएन। तहसील में पटवारी-लेखपालों के प्रदेशव्यापी दो घंटे के कार्यबहिष्कार से आमजन परेशान हो रहे हैं। दिव्यांग हो या वृद्ध हर कोई फजीहत झेलने को मजबूर है। मगर, हैरत की बात यह कि जिम्मेदार अधिकारी आमजन की समस्या से अंजान हैं।
प्रभारी एसडीएम अवधेश कुमार सिंह से जब इस संबंध में पूछा तो उन्होंने कहा कि उन्हें कार्यबहिष्कार की कोई जानकारी नहीं है। पता करके ही बता सकेंगे। अब सवाल यह है कि जब सरकारी तंत्र में बैठे जिम्मेदार अधिकारी ही आमजन के प्रति उदासीन बने हैं तो आखिर जनता की सुध कौन लेगा।
दस जून से पटवारी-लेखपाल, कानूनगो दो घंटे के कार्यबहिष्कार पर हैं। इसके चलते सुबह दस से 12 बजे तक आय, जाति प्रमाण-पत्र, पेंशन सत्यापन समेत अन्य कार्य नहीं हो पा रहे हैं। इस दौरान करीब 100 से 150 लोग विभिन्न कार्यों के लिए तहसील पहुंच रहे हैं।
कार्यबहिष्कार के चलते उन्हें दोपहर 12 बजे तक इंतजार करना पड़ता है। इससे दिव्यांग, वृद्ध सहित अन्य लोगों को पूरा समय तहसील में ही बीतना पड़ता है। ऐसे में उनके अन्य कार्य प्रभावित हो रहे हैं। कार्यबहिष्कार के पांच दिन बाद भी जिम्मेदारों ने जनता की सुध नहीं ली। पटवारी-लेखपालों की मनमानी के सामने प्रशासन भी बेबस नजर आ रहा है।
पांचवें दिन भी कार्यबहिष्कार जारी
लेखपाल संघ के महामंत्री राधेश्याम पैन्यूली ने कहा कि मंत्रिमंडल की उपसमिति ने संग्र्रह अमीन को नायब तहसीलदार पद पर छह फीसद पदोन्नति का निर्णय एकतरफा लिया है। इस पर संघ से कोई वार्ता नहीं की गई। इसलिए इस निर्णय का वे विरोध कर रहे हैं।
आमजन के हितों की परवाह नहीं
तहसील में हर सप्ताह मंगलवार व शुक्रवार को विशेष कार्यदिवस होता है। इन दो दिन पटवारी-लेखपाल आमजनता के प्रमाण-पत्र व पेंशन का सत्यापन करते हैं। शुक्रवार को भी विशेष कार्यदिवस पर बड़ी संख्या में लोग तहसील पहुंचे, सुबह दो घंटे के कार्यबहिष्कार के कारण कई लोग निराश वापस लौट गए।
परेशान लोगों का दर्द
इंदर रोड निवासी सईदा के अनुसार मैं वृद्ध पेंशन के सत्यापन के लिए दूसरी बार तहसील आई हूं। एक हफ्ते पहले पटवारी नहीं मिले थे। अब दस बजे पहुंची तो पता चला कि दोपहर 12 बजे तक काम नहीं होगा। इससे निराशा हुई।
रैस्ट कैंप निवासी सुरजित सिंह के अनुसार, वह दस बजे तहसील पहुंचे। यहां पता चला कि दोपहर 12 बजे बाद काम होगा। मेरी उम्र 82 वर्ष है। ऐसे में मेरे जैसे बुजुर्ग के लिए दो घंटे इंतजार करना बहुत मुश्किल है।
कांवली निवासी कलीराम का कहना है कि वह तीसरी बार तहसील पहुंचे। कार्यबहिष्कार की जानकारी नहीं थी। बेटे को काम छुड़वाकर साथ लाए और यहां पता चला कि दोपहर 12 बजे कोई काम नहीं होगा। इसलिए वापस जाना पड़ रहा है।
भंडारी बाग निवासी शांति देवी के मुताबिक, वह साढ़े दस बजे से इंतजार कर रही हैं। पटवारी साहब ने कहा है कि दोपहर 12 बजे के बाद काम होंगे। इससे सभी लोगों को परेशानियां हो रही हैं।
नहीं है जानकारी
एसडीएम सदर अवधेश कुमार सिंह के अनुसार, कार्यबहिष्कार को लेकर मुझे कोई जानकारी नही है। अगर ऐसा है तो आमजन को इस दौरान कोई परेशानी न हो इसकी व्यवस्था बनाई जाएगी।
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