Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उत्तराखंड में स्वतंत्रता सेनानियों के आश्रितों की बढ़ेगी पेंशन, सीएम धामी ने ये भी की घोषणा

    By Raksha PanthriEdited By:
    Updated: Mon, 09 Aug 2021 11:43 PM (IST)

    उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वतंत्रता सेनानियों के आश्रितों की पेंशन बढ़ाने का एलान किया। साथ ही उन्होंने स्वतंत्रता सेनानियों को मिलने वाली कुटुंभ पेंशन का नाम बदलकर सम्मान पेंशन करने की भी घोषणा की है।

    Hero Image
    उत्तराखंड में स्वतंत्रता सेनानियों के आश्रितों की बढ़ेगी पेंशन।

    जागरण संवाददाता, देहरादून। स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के आश्रितों के लिए अच्छी खबर है। सरकार उनकी पेंशन की राशि में बढ़ोतरी करने जा रही है। यह घोषणा सोमवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने काकोरी कांड की बरसी पर की। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने सेनानियों के आश्रितों को मिलने वाली पेंशन का नाम कुटुंब पेंशन के बजाय सम्मान पेंशन करने की बात कही है। आश्रित लंबे समय से पेंशन में बढ़ोतरी करने की मांग कर रहे हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    काकोरी कांड की बरसी पर नगर निगम टाउन हाल में स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी परिवार समिति के प्रांतीय सम्मेलन और श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया था। इसकी शुरुआत करते हुए मुख्यमंत्री ने देश की आजादी के लिए शहीद हुए वीरों को याद किया। उन्होंने कहा कि देश को आजादी दिलाने वाले वीरों और उनके परिवार का एहसान कोई नहीं चुका सकता। उनकी सरकार उन वीरों के परिवार और आश्रितों के हित की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। उन्हें सरकार की तरफ से हर संभव सहायता देने का प्रयास किया जाएगा। कहा कि नौ अगस्त 1942 को काकोरी में हुई घटना भारत के इतिहास की महत्वपूर्ण घटना है। अगस्त क्रांति की शुरुआत इसी दिन हुई थी। देश की आजादी में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका रही।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन उद्देश्यों को लेकर देश की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी गई, आज हम उन उद्देश्यों को पूरा करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। हम भुखमरी, कुपोषण, गरीबी, बेरोजगारी, प्रदूषण समेत अन्य समस्याओं से देश को आजाद कराने के लिए काम कर रहे हैं। इस दौरान मुख्यमंत्री ने हरिद्वार में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सेवा सदन बनाने को सहमति देते हुए जल्द इसका काम शुरू करवाने का आश्वासन दिया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के उत्तराधिकारियों को सम्मानित भी किया।

    वहीं, हरिद्वार के रानीपुर विधायक आदेश चौहान ने कहा कि भले ही हरिद्वार को धर्मनगरी के नाम से जाना जाता हो, लेकिन स्वतंत्रता संग्राम में भी हरिद्वार के वीरों का बड़ा योगदान रहा। उन्होंने कहा कि हरिद्वार में स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े सभी स्थलों को पर्यटक स्थल के तौर पर विकसित करने का प्रयास किया जाएगा। इस अवसर पर देहरादून के महापौर सुनील उनियाल गामा, स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी परिवार समिति के कार्यकारी अध्यक्ष सुरेंद्र कुमार सैनी, अध्यक्ष श्री देशबंधु, संरक्षक नंदलाल धींगरा, भारत भूषण विद्यालंकार, अशोक वर्मा, मथुरा दत्त जोशी, संतोष गोविल, राजकुमार अग्रवाल, शशांक गुप्ता, अवधेश पंत समेत अन्य लोग मौजूद रहे।

    60 वर्ष से अधिक आयु के आश्रितों को बस में निश्शुल्क यात्रा की मांग

    कार्यक्रम में स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी परिवार समिति के महासचिव जितेंद्र रघुवंशी ने राज्य सरकार से स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की पहली पीढ़ी के 60 वर्ष से अधिक आयु के उत्तराधिकारियों को एक सहयोगी के साथ परिवहन निगम की बसों में निश्शुल्क यात्रा की सुविधा देने की मांग की। साथ ही बीस सूत्रीय कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति में हर जिले में दो आश्रितों को शामिल करने की मांग की।

    4000 रुपये की पेंशन से क्या होगा

    कार्यक्रम में प्रदेशभर से स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के आश्रित जुटे थे। इस दौरान स्वतंत्रता सेनानी आश्रित झंडा बाजार निवासी मधु नागर ने बताया कि हर परिवार को पेंशन के रूप में सिर्फ 4000 रुपये प्रतिमाह मिलते हैं, चाहे आश्रितों की संख्या दो हो या दस। इस लिहाज से उन्हें एक हजार रुपये मिल पाते हैं। इस धनराशि से इतनी महंगाई में घर चलाना संभव नहीं है। एक अन्य महिला ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर कहा कि पेंशन से उनके हिस्से में सिर्फ 700 रुपये आते हैं। उन्होंने कहा कि देश की आजादी के लिए अपनी जान गंवाने वालों के आश्रितों को सम्मानजनक पेंशन तो मिलनी ही चाहिए।

    यह भी पढ़ें- CM धामी ने आवासहीन परिवारों को बांटी राशन किट, मोबाइल टीकाकरण अभियान की भी शुरुआत