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coronavirus outbreak: पासपोर्ट बताएगा जमातियों ने विदेश यात्रा की है या नहीं

coronavirus के ग्राफ को तेजी से बढ़ाने वाले तब्लीगी जमातियों की विदेश यात्रा पर पुलिस की नजर है। इसके लिए पुलिस जमातियों के पासपोर्ट के बारे में जानकारी जुटा रही है।

By Edited By: Published: Sat, 11 Apr 2020 03:00 AM (IST)Updated: Sat, 11 Apr 2020 04:57 PM (IST)
coronavirus outbreak: पासपोर्ट बताएगा जमातियों ने विदेश यात्रा की है या नहीं

देहरादून, जेएनएन। कोरोना संक्रमण के ग्राफ को तेजी से बढ़ाने वाले तब्लीगी जमातियों की विदेश यात्रा पर पुलिस की नजर है। इसके लिए पुलिस जमातियों के पासपोर्ट के बारे में जानकारी जुटा रही है। देखा जा रहा है कि पिछले छह महीने के दौरान किन जमातियों ने विदेश यात्रा की। पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था अशोक कुमार ने बताया कि जमातियों के पासपोर्ट के बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है। 

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तब्लीगी जमातियों के सामने आने के बाद देश के कई हिस्से कोरोना के हॉटस्पॉट बन गए। संक्रमित होने के बाद भी जमातियों के सामने न आने से स्थिति और संवेदनशील हो गई, जिसके उत्तराखंड के डीजीपी अनिल के रतूड़ी को सख्त रुख अख्तियार करना पड़ा। चेतावनी दी गई कि अगर वह सामने आकर जांच नहीं कराते हैं तो उनके सभी के खिलाफ आइपीसी के तहत मुकदमा दर्ज किया जाएगा। इसका असर भी हुआ। शुक्रवार तक उत्तराखंड में खुद को छिपाने वाले जमातियोंपर सात मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं। 
पुलिस और खुफिया विभाग इस बात को लेकर सकते है कि आखिर ऐसा क्या था कि जमाती सामने आने से कतरा रहे थे। इसके पीछे केवल यह तर्क नहीं माना जा सकता है कि वह यह सोचते हैं कि कोरोना से उन्हें कुछ नहीं होगा। इसके पीछे और भी वजह हो सकती है। जिसकी खुफिया विभाग ने छानबीन शुरू कर दी है। इसके लिए जमातियों के पासपोर्ट के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। सूत्रों की मानें तो सौ से अधिक जमातियों के पासपोर्ट के बारे में जानकारी मिल गई है। अब इसके बारे में विदेश मंत्रालय से यह जानकारी मांगी गई कि इस पर विदेश यात्रा कब-कब और कहां की गई। हरिद्वार में दो जमातियों पर मुकदमा 
हरिद्वार में दो और तब्लीगी जमातियों का पता चला है। दिल्ली, कानपुर होते हुए बीस मार्च को लक्सर क्षेत्र स्थित रणसूरा गांव पहुंचे थे। बार-बार की चेतावनी के बाद भी यह सामने नहीं आ रहे थे। पुलिस के अनुसार जमातियों की पहचान फारूख और जुनैद के रूप में हुई है। दोनों 15 जनवरी को दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित मरकज में गए थे। यहां से वह कानपुर जमात में गए। कानपुर में 40 दिन रहने के बाद गाजियाबाद होते हुए 20 मार्च को गांव लौट आए। इसके बाद दोनों रुड़की भी गए। इन दोनों पर ट्रेवल हिस्ट्री छिपाने के आरोप में लक्सर कोतवाली में हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज किया गया है।
उत्तराखंड में नहीं मिले विदेशी जमाती पुलिस महानिदेश अपराध एवं कानून व्यवस्था अशोक कुमार ने बताया कि राज्य में नेपाल से लौटे बीस जमातियों को छोड़ कर अब तक कोई विदेशी जमाती नहीं मिला है। फिर भी अब तक सामने आए जमातियों से जानकारी जुटाई जा रही है।

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