पूरी फीस वसूली के फैसले से अभिभावकों में रोष, शिक्षा विभाग से की ये अपील
शासन ने निजी स्कूलों को छठी से ऊपर की सभी कक्षाओं से पूरी फीस वसूली की छूट दे दी है। शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम की ओर से सोमवार को यह आदेश जारी होने के बाद से अभिभावकों में रोष की स्थिति पैदा हो गई है।

जागरण संवाददाता, देहरादून। शासन ने निजी स्कूलों को छठी से ऊपर की सभी कक्षाओं से पूरी फीस वसूली की छूट दे दी है। शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम की ओर से सोमवार को यह आदेश जारी होने के बाद से अभिभावकों में रोष की स्थिति पैदा हो गई है। अभिभावकों ने शिक्षा विभाग से तुरंत यह फैसला वापस लेने की अपील की है।
उत्तराखंड की अभिभावक एसोसिएशनों ने शिक्षा विभाग और सरकार पर निजी स्कूलों का पक्षधर होने का आरोप लगाया है। अभिभावकों का कहना है कि एक के बाद एक फैसले निजी स्कूलों के हित में ही दिए जा रहे हैं। नेशनल एसोसिएशन फॉर पैरेंट्स एंड स्टूडेंट्स राइट्स के अध्यक्ष आरिफ खान ने कहा कि निजी स्कूलों द्वारा पूरी फीस वसूली के लिए हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाएं पूर्व में खारिज हो चुकी हैं। बावजूद इसके राज्य सरकार और शिक्षा विभाग निजी स्कूलों के हित में ही फैसले दिए जा रहा है।
बताया कि काशीपुर की निजी स्कूलों की एक एसोसिएशन की ओर से हाई कोर्ट में पूरी फीस वसूली की इजाजत देने के लिए नए सिरे से दायर एक याचिका में अभी फैसला तक नहीं आया है और शिक्षा विभाग ने पहले ही जीओ जारी कर दिया। शिक्षा विभाग का यह रवैया सोचनीय है।
उधर, डेवलपिंग स्कूल्स उत्तराखंड के अध्यक्ष समरजीत सिंह ने कहा कि राजस्थान के निजी स्कूलों द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने निजी स्कूलों को पूरी फीस वसूलने की छूट दे दी है। प्रदेश सरकार को भी इस फैसले का संज्ञान लेना चाहिए। अगर कोई अभिभावक फीस देने में असमर्थ है तो उन्हें जरूर किस्तों में फीस चुकाने की सहूलियत दी जाएगी।
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