Uttarakhand Panchayat Elections: पंचायत चुनाव में उम्मीदवारों को राहत, कर सकेंगे अधिक धनराशि खर्च
उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में उम्मीदवारों के लिए अधिकतम खर्च की सीमा बढ़ा दी गई है। ग्राम पंचायत सदस्य और उप प्रधान को छोड़कर सभी पदों के लिए खर्च की सीमा 25 से 60 हजार रुपये तक बढ़ाई गई है। नामांकन पत्रों का मूल्य और जमानत राशि यथावत रखी गई है। पंचायत चुनाव अगले साल प्रस्तावित हैं लेकिन आयोग इसे लेकर अपनी तैयारियों में जुटा है।

राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। स्थानीय नगर निकायों के बाद अब त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में किस्मत आजमाने वाले उम्मीदवारों के लिए भी अधिकतम खर्च की सीमा बढ़ा दी गई है। राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार की ओर से शुक्रवार को इस संबंध में आदेश जारी कर दिए गए।
त्रिस्तरीय पंचायतों में ग्राम पंचायत सदस्य व उप प्रधान को छोड़कर शेष सभी पदों के लिए खर्च की सीमा 25 से 60 हजार रुपये तक बढ़ाई गई है। उम्मीदवारों के लिए नामांकन पत्रों का मूल्य और जमानत राशि को पूर्व की भांति यथावत रखा गया है।
त्रिस्तरीय पंचायतों का कार्यकाल खत्म होने के बाद चुनाव न होने की स्थिति में ये प्रशासकों के हवाले हैं। ऐसे में पंचायत चुनाव अगले साल प्रस्तावित हैं, लेकिन आयोग इसे लेकर अपनी तैयारियों में जुटा है। इसी क्रम में पंचायतों में चुनाव लड़ने वालों के लिए अधिकतम व्यय सीमा का निर्धारण किया गया है।
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राज्य निर्वाचन आयुक्त की ओर से सभी जिलाधिकारियों को भेजे गए पत्र के अनुसार नामांकन पत्रों का मूल्य, जमानत राशि व अधिकतम व्यय सीमा की दरें तत्काल प्रभाव से लागू होंगी।
यह होगी अधिकतम खर्च की सीमा (रुपये में)
पद | पहले | अब |
सदस्य ग्रापं | 10 हजार | 10 हजार |
उप प्रधान | 15 हजार | 15 हजार |
ग्राम प्रधान | 50 हजार | 75 हजार |
क्षेपं सदस्य | 50 हजार | 75 हजार |
जिपं सदस्य | 1.40 लाख | दो लाख |
कनिष्ठ उपप्रमुख | 50 हजार | 75 हजार |
ज्येष्ठ उपप्रमुख | 60 हजार | एक लाख |
प्रमुख क्षेपं | 1.40 लाख | दो लाख |
उपाध्यक्ष जिपं | 2.5 लाख | तीन लाख |
अध्यक्ष जिपं | 3.50 लाख | चार लाख |
अपराध में दोषी ठहराए गए लोग नहीं लड़ सकेंगे चुनाव
राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव में खर्च की सीमा बढ़ाकर उम्मीदवारों को राहत दी है। साथ ही पंचायतों में राजनीति के अपराधीकरण को हतोत्साहित करने के संबंध में भी आदेश जारी किया है। राज्य निर्वाचन आयुक्त की ओर से जारी आदेश के अनुसार किसी भी अपराध अथवा लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम में विहित अपराध के लिए यदि किसी को दोष सिद्ध ठहराया गया हो तो वह पंचायत चुनाव नहीं लड़ पाएगा।
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चाहे संबंधित व्यक्ति जमानत पर रिहा हो अथवा निगरानी के अनिर्णीत रहने की अवधि में दंड को स्थगित कर दिया गया हो। आयोग ने नामांकन के संबंध में अनुपूरक व आनुषांगिक उपबंध आदेश भी जारी किए हैं। इसमें स्पष्ट किया गया है कि पंचायत चुनाव लडऩे वाला प्रत्येक व्यक्ति नामांकन पत्र के साथ शपथ दाखिल करेगा, जिसमें आपराधिक इतिहास का ब्योरा भी देना होगा।
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