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पंचायत चुनाव में दो बच्चों की शर्त पर सुप्रीम कोर्ट में सरकार रखेगी मजबूत पक्ष

पंचायत चुनाव के लिए दो बच्चों की शर्त के मसले पर राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में मजबूती से लड़ाई लड़ेगी। पंचायती राज मंत्री ने कहा कि फिलहाल इसका चुनाव प्रक्रिया पर असर नहीं पड़ेगा।

By Edited By: Published: Mon, 23 Sep 2019 10:59 PM (IST)Updated: Tue, 24 Sep 2019 01:01 PM (IST)
पंचायत चुनाव में दो बच्चों की शर्त पर सुप्रीम कोर्ट में सरकार रखेगी मजबूत पक्ष
पंचायत चुनाव में दो बच्चों की शर्त पर सुप्रीम कोर्ट में सरकार रखेगी मजबूत पक्ष

देहरादून, राज्य ब्यूरो। पंचायत चुनाव लड़ने के लिए दो बच्चों की शर्त के मसले को लेकर राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में मजबूती से लड़ाई लड़ेगी। पंचायतीराज मंत्री अरविंद पाडे के अनुसार सरकार ने जनसंख्या नियंत्रण को लेकर दो बच्चों की शर्त रखी है। अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। सरकार यह लड़ाई लड़ेगी और सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला होगा, उसके अनुसार भविष्य में कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि मसला कोर्ट में विचाराधीन होने के बावजूद वर्तमान में चल रही चुनाव प्रक्रिया पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा।

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बता दें कि राज्य सरकार ने पंचायतीराज एक्ट में प्रावधान किया कि सिर्फ दो बच्चों वाले लोग ही पंचायत चुनाव लड़ने के योग्य होंगे। इस मामले को कुछ लोगों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी। हाईकोर्ट ने 19 सितंबर को फैसला सुनाया। कोर्ट ने साफ किया कि इस संशोधन को लागू करने की कट ऑफ डेट 25 जुलाई 2019 होगी। 

यानी इस तारीख के बाद दो से अधिक बच्चे वाले प्रत्याशी पंचायत चुनाव लड़ने के अयोग्य माने जाएंगे। अलबत्ता, 25 जुलाई 2019 से पहले जिनकेतीन बच्चे हैं, वे चुनाव लड़ सकते हैं। सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, मगर वहां से उसे स्थगनादेश नहीं मिल पाया। 

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दोनों पक्षों को नोटिस जारी किए हैं। जाहिर है कि इससे राज्य सरकार को झटका लगा है। हालांकि, पंचायतीराज मंत्री अरविंद पांडे का कहना है कि झटके वाली कोई बात नहीं है। मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। 

उन्होंने कहा कि सरकार ने जनसंख्या नियंत्रण के क्रम में जनहित व राष्ट्रहित में पंचायत चुनाव में चुनाव लड़ने को दो बच्चों का प्रावधान किया। उन्होंने कहा कि हम यह लड़ाई सुप्रीम कोर्ट में मजबूती से लड़ेंगे। पंचायतीराज मंत्री ने कहा कि वर्तमान में चल रही चुनाव प्रक्रिया में इससे कोई असर नहीं पड़ेगा। 

उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट ने केवल ग्राम प्रधानों व ग्राम पंचायत सदस्य पदों पर दो से अधिक बच्चों वाले प्रत्याशियों को छूट दी है। क्षेत्र व जिला पंचायत सदस्य पदों पर दो बच्चों वाला प्रावधान ही लागू रहेगा।

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केवल जुड़वा बच्चों के मामले में राहत 

क्षेत्र पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्य पदों पर केवल जुड़वा बच्चों के मामले में ही राहत है। यदि किसी प्रत्याशी का दूसरा बच्चा जुड़वा होता है तो उसे एक ही माना जाएगा। ऐसे में संतान तीन होने पर भी वह चुनाव लड़ सकेगा।

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