पांच सौ और हजार के नोट बंद होने से उत्तराखंड में भी हाहाकार
पांच सौ और हजार के नोट बंद के ऐलान के बाद उत्तराखंड में हड़कंप मच गया है। क्या पेट्रोल पंप और सरकारी कार्यालय, या दुकानें। कहीं भी बड़े नोट नहीं लिए जा रहे हैं।
देहरादून, [जेएनएन]: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 500 व 1000 रुपये के नोट बंद किए जाने की घोषणा के बाद पूरे उत्तराखंड के लोगों में हड़कंप बीती रात से हड़कंप है। हाल ये रहा कि बसों ने चलना बंद कर दिया। तो कहीं, आमजन ने पेट्राल पंप में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। जानें, क्या रही लोगों की परेशानी।
बीती शाम जैसे ही लोगों को सूचना मिली कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 व 1000 रुपये के नोटों को बंद करने का ऐलान किया है वैसे ही लोग सकते में आ गए। राजधानी देहरादून, धर्मनगरी हरिद्वार और तीर्थ नगरी ऋषिकेश समेत पूरे सूबे में लोग एटीएम व कियोस पर नोट बदलने व जमा करने के लिए जा पहुंचे।
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स्थिति इस कदर बेकाबू हो गई कि एटीएम के बाहर लंबी-लंबी लाइनें लग गई। कई जगह तो कुछ ही समय बाद बैंकों के कियोस जवाब दे गए और वहां बैंक के प्रतिनिधियों को कियोस बंद होने की सूचना चस्पा करनी पड़ी।
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ऋषिकेश में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के मुख्य शाखा के बाहर स्थित कियोस रात्रि साढ़े आठ बजे ही बंद हो गया। जिसके बाद कई लोग वापस लौटे। वहीं देहरादून मार्ग स्थित पंजाब नेशनल बैंक के कियोस पर देर रात तक ग्राहकों की भीड़ लगी रही। यही स्थिति अन्य स्थानों में भी रही।
पेट्रोल पंप भी प्रभावित
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एलान के मुताबिक पेट्रोल पंपों पर 500 व 1000 के नोट ग्रहण किए जाने का प्रावधान बताया गया था। मगर, रात्रि करीब 8:00 बजे के बाद से ही अधिकांश पेट्रोल पंप बंद हो गए।
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दून के पलटन बाजार में सन्नाटा
पीएम मोदी की एतिहासिक खबर का एहसास आम बाजार पर भी देखा गया। देहरादून के प्रमुख पलटन बाजार में भी दुकानदारों ने 500 व 1000 के नोट लेने से साफ इंकार कर दिया। इससे बाजार में सन्नाटा नजर आया।
नोटों को बंद किए जाने को लेकर लोगों की प्रतिक्रियाएं भी अलग अलग रही। सुबह लोग बाजारों में शॉपिंग को नहीं निकले। कैश के बजाय लोगों ने सिर्फ डेबिट और क्रेडिट कार्ड का ही इस्तेमाल किया।
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नहीं चल पाई रोडवेज बस
500 और 1000 रुपए के नोट पर रोक लगने का असर उत्तराखंड की सड़क पर भी नजर आया। हल्द्वानी शहर में रोडवेज की बस स्टेशनों पर ही खड़ी नजर आई। दरअसल बस में सवार अधिकांश यात्रियों ने 500 व 1000 रूपये के नोट परिचालक को दिए। खुले नहीं होने से परिचालक पैसा नहीं लौटा पाया। इस कारण विवाद की स्थिति हो गई।
सरकार दफ्तरों ने भी किए हाथ खड़े
आरटीओ दफ्तर हो या रजिस्ट्री कार्यालय। कहीं भी पांच सौ और हजार के नोट नहीं लिए गए। अचानक इस ऐलान के साथ ही लोगों में दिनभर अफरा-तफरी मची रही।
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