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    पिंक ऑपरेशन करेगा लड़कियों की सुरक्षा, जानिए इसके बारे में

    By Edited By:
    Updated: Tue, 22 Jan 2019 03:44 PM (IST)

    छात्राओं को अब मनचलों से डरने की जरूरत वहीं हा। क्योंकि पिंक ऑपरेशन छात्राओं की सुरक्षा करेगा।

    पिंक ऑपरेशन करेगा लड़कियों की सुरक्षा, जानिए इसके बारे में

    v style="text-align: justify;">देहरादून, जेएनएन। स्कूल-कॉलेजों के बाहर छेड़छाड़ की शिकार होने वाली लड़कियों को अब डरने की जरूरत नहीं। पुलिस ने मनचलों पर शिकंजा कसने के लिए ऑपरेशन पिंक की शुरुआत कर दी है। पहले ही दिन विभिन्न इलाकों में 32 मनचले हिरासत में लिए। जिन्हें फिलहाल यह चेतावनी देकर छोड़ दिया गया कि दोबारा पकड़े जाने पर सीधे लॉकअप में डाले जाएंगे। 
    एसपी सिटी श्वेता चौबे ने बताया कि ऑपरेशन पिंक के तहत पटेलनगर, शहर कोतवाली व डालनवाला में दो-दो के साथ वसंत विहार, कैंट, प्रेमनगर, नेहरू कॉलोनी, राजपुर, मसूरी, क्लेमेनटाउन व रायपुर थाने में एक-एक टीम गठित की गई है। 
    इन टीमों के जरिए दोपहर साढ़े बारह बजे से लेकर शाम पांच बजे तक एमकेपी कॉलेज, नारी शिल्प बालिका इंटर कॉलेज राजपुर रोड, राजकीय बालिका जूनियर हाईस्कूल भंडारी बाग, जीजीआइसी गुरुकुल कन्या, भवानी इंटर कॉलेज बल्लूपुर, आर्य बालिका इंटर कॉलेज सुभाषनगर व बालिका इंटर कॉलेज गढ़ी कैंट के आसपास चेकिंग की गई। इस दौरान छात्राओं पर छींटाकशी करने वाले, पीछा करने वाले 32 लड़कों को पकड़ा गया। जिन्हें कार्रवाई के बाद चेतावनी देकर छोड़ दिया गया। 
    कहां कितने मनचले धरे 
    डालनवाला, 8 
    वसंत विहार, 8 
    क्लेमेनटाउन, 3 
    कैंट, 3 
    पटेलनगर, 4 
    कोतवाली, 2 
    स्कूल-कॉलेज जाने से डरती हैं छात्राएं 
    दून शहर में मजनुओं की हरकतों की वजह से स्कूल-कॉलेज जाने वाली छात्राओं के साथ अकेले निकलने वाली महिलाओं तक को शर्मिदगी उठानी पड़ती है। अधिकांश तो इसलिए चुपचाप सबकुछ सह जाती हैं कि कौन पुलिस के चक्कर काटने जाए। कार्रवाई होगी नहीं और उल्टे नाम खराब होगा। एसपी सिटी श्वेता चौबे ने कहा कि मगर अब उन्हें ताकत देने और सिर उठाकर स्कूल-कॉलेज जाने के लिए ही ऑपरेशन पिंक लांच किया गया है। 
    हर दिन होती है वारदात 
    छेड़छाड़ की घटना पुलिस के रिकार्ड में तभी दर्ज होती है, जब पानी सिर से ऊपर उठ जाता है। आंकड़ों पर गौर करें तो पिछले साल छेड़खानी के सत्तर के करीब मामले दर्ज हुए। मगर हकीकत यह है कि अधिकांश स्कूल-कॉलेज जाने वाले रास्तों पर स्कूल खुलने और बंद होने के समय मजनुओं की हरकतें शुरू हो जाती हैं।

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