इस बार होलिका दहन को आधे घंटे का शुभ मुहूर्त, ऐसे करें पूजा
इस बार 12 मार्च को रात साढ़े आठ बजे तक भद्रा की छाया रहेगी। भद्राकाल में होलिका दहन अशुभ माना जाता है। ऐसे में होलिका दहन के लिए शुभ मुहूर्त सिर्फ आधे घंटे का है।
देहरादून, [जेएनएन]: होलिका दहन के लिए शुभ मुहूर्त सिर्फ आधे घंटे का है। क्योंकि 12 मार्च को रात साढ़े आठ बजे तक भद्रा की छाया रहेगी। भद्राकाल में होलिका दहन अशुभ माना जाता है। ज्योतिषाचार्य के अनुसार दिन में होलिका का पूजन कर सकते हैं।
राग-रंग का पर्व होली की तैयारियां द्रोणनगरी में शुरू हो गई हैं। होलिका दहन वाले स्थानों पर लोगों ने लकड़ियां जमा करनी भी शुरू कर दी है। बाजार भी होली के रंग में रंगना शुरू हो गए हैं।
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ज्योतिषाचार्य पंडित राजेश शर्मा ने बताया कि पूर्णिमा 11 मार्च को रात सवा आठ बजे शुरू हो जाएगी। अगले दिन आठ बजकर 25 मिनट तक भद्राकाल होगा।
ज्योतिषाचार्य आचार्य संतोष खंडूड़ी ने बताया कि होलिका दहन के लिए चौघड़िया का अमृतकाल साढ़े आठ से नौ बजे तक का है। हालांकि इसके बाद भी दहन कर सकते हैं। आचार्य सुशांत राज ने बताया कि होलाष्टक पांच मार्च से शुरू हो गया है। अगले आठ दिनों विवाह, गृह प्रवेश समेत तमाम मंगल कार्य कतई नहीं करने चाहिएं।
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ऐसे करें पूजा
हल्दी की गांठ, उपले, फलों, सब्जी आदि की माला बनाकर धारण करें। होलिका दहन से पूर्व नारियल, सुपारी, जायफल और आठ गोमति चक्र लेकर गुलाबी रंग से होलिका का पूजन करें। इसके बाद होलिका के चारों तरफ आठ दीये जलाएं और सभी सामग्री को होलिका के ऊपर अर्पण कर दें।
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