Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    One Time Settlement: 30 को समाप्त हो रही ओटीएस, अब तक सिर्फ इतने नक्शे ही पास

    By Raksha PanthriEdited By:
    Updated: Fri, 10 Sep 2021 01:22 PM (IST)

    One Time Settlement वन टाइम सेटेलमेंट स्कीम को शासन ने मंजूरी दी थी वह मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) की लेटलतीफी की भेंट चढ़ती दिख रही है। यह स्कीम इसी 30 सितंबर को समाप्त हो रही है और अब तक इसके तहत 342 नक्शे ही पास किए जा सके हैं।

    Hero Image
    30 को समाप्त हो रही ओटीएस, अब तक सिर्फ इतने नक्शे ही पास।

    जागरण संवाददाता, देहरादून। One Time Settlement अवैध निर्माण को वैध करने की मंशा से भारी-भरकम छूट के साथ जिस वन टाइम सेटेलमेंट स्कीम (ओटीएस) को शासन ने मंजूरी दी थी, वह मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) की लेटलतीफी की भेंट चढ़ती दिख रही है। यह स्कीम इसी 30 सितंबर को समाप्त हो रही है और अब तक इसके तहत 342 नक्शे ही पास किए जा सके हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ओटीएस को मार्च 2021 में मंजूरी दी गई थी। यह स्कीम छह माह (30 सितंबर 2021 तक) के लिए लागू की गई। शुरुआत में एमडीडीए इस दिशा में खास प्रगति नहीं कर सका और फिर अप्रैल अंत से कोरोना का संक्रमण जोर पकडऩे लगा। संक्रमण की दर में कमी होने पर जून में एमडीडीए ने ओटीएस के तहत नक्शे स्वीकार करने की व्यवस्था की। इसके बाद भी एक माह साफ्टवेयर में बदलाव के नाम पर बीत गया।

    अब स्थिति यह है कि ओटीएस की अवधि समाप्त होने में सिर्फ 17 दिन (अवकाश के बाद) शेष रह गए हैं। प्रगति की बात करें तो अभी तक ओटीएस के तहत 1188 नक्शे दाखिल किए गए हैं, मगर स्वीकृति सिर्फ 342 को ही मिल पाई है। नक्शे पास करने की यह दर महज 28 फीसद के करीब है। 160 आवेदन निरस्त किए जा चुके हैं। शेष नक्शे या तो लंबित हैं या उन्हें आपत्ति लगाकर वापस भेजा गया है।

    अवैध निर्माण के मुकाबले चार फीसद के नक्शे ही दाखिल

    ओटीएस की प्रगति देखें तो अवैध भवनों को वैध करने या कंपाउंड कराने के लिए अब तक सिर्फ 1188 नक्शे दाखिल किए गए हैं, जबकि प्राधिकरण क्षेत्र में 28 हजार से अधिक अवैध निर्माण चिह्नित किए गए हैं। इस समय भवनों को कंपाउंड कराना इसलिए भी अच्छा है, क्योंकि शुल्क की गणना वर्ष 2012 के सर्किल रेट के हिसाब से की जानी है। साथ ही सेटबैक में भी अधिकतम छूट दी जा रही है। अगर एमडीडीए स्कीम का प्रचार-प्रसार करता और शिविर लगाकर नक्शे मांगे जाते तो प्रगति को बढ़ाया जा सकता था।

    यह भी पढ़ें- उत्तराखंड में एकबार समाधान योजना लागू, जानिए इसके बारे में और आवेदन का तरीका

    आर्किटेक्ट्स एसोसिएशन ने तिथि बढ़ाने की मांग की

    उत्तराखंड इंजीनियर्स एंड आर्किटेक्ट्स एसोसिएशन का प्रतिनिधिमंडल गुरुवार को एमडीडीए उपाध्यक्ष बीके संत से मिला। एसोसिएशन के अध्यक्ष डीएस राणा ने कहा कि स्कीम की अवधि के आखिरी समय में नक्शे दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू की गई है। ऐसे में यदि स्कीम 30 सितंबर को समाप्त कर दी जाएगी तो अधिकतर नागरिकों को इसका लाभ नहीं मिल पाएगा। एमडीडीए को भी उचित राजस्व नहीं मिल पाएगा और सुनियोजित विकास के लिए भी यह स्थिति ठीक नहीं है। एमडीडीए उपाध्यक्ष ने एसोसिएशन की मांग को जायज ठहराते हुए कहा कि इस संबंध में शासन को संस्तुति भेजी जाएगी।

    यह भी पढ़ें- उत्तराखंड: अवैध भवनों को वैध करने की स्कीम पर ठिठके कदम, जानिए वजह

    comedy show banner
    comedy show banner