उत्तराखंड: नाराज नर्सिंग अधिकारियों ने फूंका आंदोलन का बिगुल, आंदोलन तेज करने की दी चेतावनी
मांगों पर कार्रवाई न होने से नाराज नर्सिंग अधिकारियों ने आंदोलन का बिगुल फूंक दिया है। नर्सिंग अधिकारियों ने शनिवार को विभिन्न स्वास्थ्य इकाईयों में प्रदर्शन किया। वहीं 2005 में नियुक्त नर्सिंग अधिकारी सामूहिक अवकाश पर भी रहीं।

जागरण संवाददाता, देहरादून। वेतन विसंगति, पदोन्नति समेत अन्य मांगों पर कार्रवाई न होने से नाराज नर्सिंग अधिकारियों ने आंदोलन का बिगुल फूंक दिया है। नर्सिंग अधिकारियों ने शनिवार को विभिन्न स्वास्थ्य इकाईयों में प्रदर्शन किया। वहीं, 2005 में नियुक्त नर्सिंग अधिकारी सामूहिक अवकाश पर रहीं। नर्सिंग अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि सामूहिक अवकाश लेने वालों की संख्या चरणबद्ध ढंग से बढ़ाई जाएगी। आवश्यकता पडऩे पर पूर्ण आंदोलन भी किया जा सकता है।
उत्तराखंड नर्सेज सर्विसेज एसोसिएशन की प्रांतीय अध्यक्ष मीनाक्षी जखमोला ने कहा कि नर्सिंग अधिकारियों के वेतन विसंगति के प्रकरणों का तत्काल निस्तारण किया जाए। उन्होंने कहा कि जहां एक ओर तमाम सरकारी विभाग राजपत्रित अवकाश, प्रतिबंधित अवकाश और अन्य सरकारी अवकाश की सुविधा लेते हैं, वहीं नर्से सातों दिन 24 घंटे ड्यूटी करती हैं। उनके लिए कोई अवकाश नहीं है। ऐसे में उनके लिए भी केंद्र की भांति डे-आफ का शासनादेश लागू किया जाए। उन्होंने नर्सिंग भर्ती भी तत्काल शुरू करने की मांग की, जिससे रिक्त पदों को जल्द भरा जा सके और नर्सों पर काम का बोझ कम हो।
इसके अलावा उन्होंने उपनिदेशक, संयुक्त निदेशक, अपर निदेशक नर्सिंग के पदों पर तत्काल पदोन्नति और 2005 के नर्सिंग अधिकारियों की पदोन्नति एक सप्ताह के भीतर करने की मांग भी की। उन्होंने कहा कि पदोन्नति एसीआर न होने की बात कहकर लटकाई जा रही है। जखमोला ने पीपीपी मोड पर गए अस्पतालों के पदों पर भी पदोन्नति की मांग की। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को मांगों के विषय में कई बार अवगत कराया गया है। पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। ऐसे में अब सिवाय आंदोलन के कोई विकल्प नहीं बचा है। इस दौरान कांति राणा, रेखा बिष्ट, विद्या चौबे, रश्मि, शालिनी, वंदना आदि मौजूद रहे।
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