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    देहरादून में आरटीई पंजीकरण से जी चुरा रहे निजी स्कूल, पढ़िए पूरी खबर

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Sat, 27 Feb 2021 10:30 AM (IST)

    आरटीई के तहत जरूरतमंदों को दाखिला देने से निजी स्कूल ‘जी’ चुराने लगे हैं। पिछले तीन वर्षों में देहरादून जिले से आरटीई के पंजीकरण लेने वाले स्कूलों की संख्या लगातार घट रही है। इस साल वर्ष 2021-22 अब तक महज 440 स्कूलों ने ही आरटीई के लिए पंजीकरण करवाया है।

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    देहरादून जिले से आरटीई के पंजीकरण लेने वाले स्कूलों की संख्या लगातार घट रही है।

    जागरण संवाददाता, देहरादून। शिक्षा के अधिकार (आरटीई) के तहत जरूरतमंदों को दाखिला देने से निजी स्कूल ‘जी’ चुराने लगे हैं। पिछले तीन वर्षों में देहरादून जिले से आरटीई के पंजीकरण लेने वाले स्कूलों की संख्या लगातार घट रही है। इस साल वर्ष 2021-22 अब तक महज 440 स्कूलों ने ही आरटीई के लिए पंजीकरण करवाया है। जबकि सत्र 2020-21 में 653 और सत्र 2019-20 में 973 स्कूलों ने आरटीई के लिए पंजीकरण करवाया था।

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    शिक्षा के अधिकार कानून के मुताबिक निजी स्कूलों की 25 फीसद सीटों पर गरीब और आरक्षित वर्ग के छात्रों के दाखिले का प्रविधान है। इस साल प्रदेश के छह जिलों में ऑनलाइन और सात जिलों में ऑफलाइन माध्यम से छात्रों के आवेदन लिए जा रहे हैं। स्कूलों के पंजीकरण के लिए पोर्टल बंद होने में मात्र छह दिन का समय रह गया है, लेकिन अब तक देहरादून से 440 स्कूलों ने ही पंजीकरण कराया है। सत्र 2019-20 के मुकाबले 533 स्कूलों ने इस साल कम पंजीकरण करवाया। वहीं, सत्र 2020- 21 के मुकाबले इस बार 213 कम स्कूलों ने पंजीकरण कराया है। स्कूलों का आरटीई से जी चुराने का एक बड़ा कारण खुद शिक्षा विभाग भी है, क्योंकि विभाग नाफरमानी करने वाले स्कूलों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई करने के बजाय चेतावनी देकर ही इतिश्री कर देता है।

    बजट के इंतजार में निजी स्कूल

    हर साल घट रही स्कूलों की संख्या का एक बड़ा कारण समय पर स्कूलों को बजट जारी नहीं करना भी है। प्रिंसिपल प्रोग्रेसिव स्कूल्स एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रेम कश्यप ने कहा कि पहले ही कोरोना ने निजी स्कूलों की कमर तोड़ दी है ऊपर से समग्र शिक्षा की ओर से अब पिछले दो सत्र का आरटीई का पैसा जारी नहीं हो सका है। बताया कि दून के करीब 400 स्कूलों का करीब 300 करोड़ और प्रदेशभर के स्कूलों का 1800 करोड़ रुपये जारी नहीं हुआ है। कहा कि जब समय पर स्कूल को उनकी फीस नहीं मिलेगी तो कोई क्यों आरटीई में पंजीकरण करवाएगा। इसके लिए निजी स्कूल कोर्ट की शरण में जाने की तैयारी कर रहे हैं।

    जानकारी के लिए हेल्पलाइन नंबर

    इस सत्र से आरटीई के दाखिलों की जिम्मेदारी इंडस एक्शन संस्था को दी गई है। समग्र शिक्षा अभियान के साथ हुए एमओयू के बाद जिन छह जिलों में ऑनलाइन प्रक्रिया चल रही है, उनकी निगरानी यह संस्था कर रही है। संस्था के स्टेट हेड हितेश कुकरेजा ने बताया कि छात्रों या स्कूलों को पंजीकरण में कोई भी समस्या होने पर वे हेल्पलाइन नंबर 011-40845192 पर कॉल कर सकते हैं।

    महत्वपूर्ण तिथियां

    -चार मार्च तक होगा स्कूलों का पंजीकरण

    -पांच मार्च से 30 अप्रैल तक कर सकते हैं छात्र आवेदन

    -एक मई से 25 मई तक होगी छात्रों के दस्तावेजों की जांच

    -26 मई को होगी प्रवेश के लिए लॉटरी प्रक्रिया

    -31 मई को लॉटरी के परिणाम की सूची सार्वजनिक की जाएगी

    -एक जून से 30 जून तक होगी विद्यालयों में प्रवेश प्रक्रिया

    -विद्यालयों की ओर से प्रवेश ले चुके बच्चों की सूची 15 जुलाई तक पोर्टल पर अपलोड की जाएगी

    -31 जुलाई को सीटें खाली रहीं तो दूसरी लॉटरी होगी

     आशा रानी पैन्यूली (जिला परियोजना अधिकारी, समग्र शिक्षा अभियान) ने कहा कि आरटीई के तहत स्कूलों के पंजीकरण की संख्या घटी है। स्कूल पंजीकरण क्यों नहीं करवा रहे, इसका कारण पता किया जाएगा। मनमानी कर रहे स्कूलों पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

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