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स्‍वास्‍थ्‍य के लिए मौसम अनुकूल, अस्पताल में घट गए मरीज; पढ़ि‍ए पूरी खबर

सर्दियों को स्वास्थ्य के लिहाज से अनुकूल मौसम माना जाता है। यही कारण है कि दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय में भी मरीजों की आमद घट गई है।

By Edited By: Published: Sat, 14 Dec 2019 03:01 AM (IST)Updated: Sat, 14 Dec 2019 08:44 PM (IST)
स्‍वास्‍थ्‍य के लिए मौसम अनुकूल, अस्पताल में घट गए मरीज; पढ़ि‍ए पूरी खबर
स्‍वास्‍थ्‍य के लिए मौसम अनुकूल, अस्पताल में घट गए मरीज; पढ़ि‍ए पूरी खबर

देहरादून, जेएनएन। सर्दियों को स्वास्थ्य के लिहाज से अनुकूल मौसम माना जाता है। इस सीजन में पाचन शक्ति काफी मजबूत रहती है, भूख बढ़ती है, संक्रमण फैलाने वाले वायरस निष्क्रिय हो जाते हैं और व्यक्ति तुलनात्मक रुप से अधिक स्वस्थ रहता है। यही कारण है कि दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय में भी मरीजों की आमद घट गई है। यही नहीं पिछले कुछ दिनों में मरीजों का ग्राफ लगातार गिरता जा रहा है।

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दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय में न केवल शहर बल्कि पहाड़ व यूपी-हिमाचल के सीमावर्ती क्षेत्रों से भी बड़ी संख्या में मरीज आते हैं। यही कारण है कि अस्पताल की ओपीडी में हर दिन मरीजों की भारी भीड़ दिखती है। न केवल ओपीडी बल्कि रजिस्ट्रेशन, बिलिंग व दवा काउंटर पर भी मरीजों की कतार लगी दिखती है। अस्पताल से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार औसतन 1800-2000 के बीच नए मरीज यहां रोजाना इलाज के लिए पहुंचते हैं।

इसके अलावा कुछ फालोअप केस भी होते हैं। पर पिछले कुछ दिनों में अस्पताल में मरीजों की संख्या में गिरावट दिखी है। यह स्थिति भी एकाध नहीं, बल्कि अब हर दिन बन रही है। अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केके टम्टा का कहना है कि सर्दियों को हेल्दी सीजन माना गया है। यही कारण है कि मरीज भी कम हुए हैं। सर्दी-जुकाम, बुखार आदि के मरीज आ रहे हैं, पर उनकी संख्या भी बहुत ज्यादा नहीं है। उनका कहना है कि पहनावे, खानपान आदि में सावधानी बरतने से व्यक्ति रोग से दूर रह सकता है।

दमा, हार्ट के मरीज बरतें सावधानी

ठंड का मौसम स्वास्थ्य के लिहाज से तो काफी अच्छा रहता है, लेकिन कुछ खास बीमारियों जैसे अस्थमा, हृदयरोग आदि से पीडि़त लोगों के लिए यह मौसम कुछ समस्याएं ले कर आता है। ऐसे में मरीज नियमित दवाई लें व सावधानी बरतें तो स्वस्थ व सुरक्षित रह सकते हैं।

यूं गिर रही मरीजों की संख्या 

  • दिन-संख्या 
  • 9 दिसम्बर-1679
  • 10 दिसम्बर-1530 
  • 11 दिसम्बर-1368
  • 12 दिसम्बर-1126 

इन बातों पर दें ध्यान 

पहनावा: इस मौसम में कभी सर्दी कम तो कभी ज्यादा होती है। इसलिए कपड़े पहनने में लापरवाही न करें। सर्दी कम रहने पर भी गर्म कपड़े से परहेज न करें। सिर, हाथ व पैरों को ढककर रखें। क्योंकि शरीर में ठंड का प्रकोप सबसे पहले सिर, पैर, नाक,छाती व कान से शुरू होता है।

खानपान का ख्याल: भारतीय परम्पराओं व रीति-रिवाजों में मौसम के हिसाब से खान-पान तय है। सर्दी के मौसम में अपने आहार में ऐसी चीजों को शामिल करना चाहिए, जो शरीर को गर्मी प्रदान करने वाली हों। इस मौसम में भले ही आपकी डाइट कम हो, लेकिन शरीर के लिए जरूरी पौष्टिक तत्वों और कैलोरी की मात्रा कम नहीं होनी चाहिए।

नियमित सफाई: सर्दियों में लोग नहाने से बचते हैं। जबकि इस मौसम में गुनगुने पानी से हर दिन स्नान करना चाहिए। इससे हमारा इम्यून सिस्टम मजबूत रहता है। सर्दियों में शरीर की उपरी त्वचा का तापमान ठंडा व अंदरुनी गर्म रहता है। सर्दियों में रक्त धमनियां सिकुड़ जाती हैं। स्नान से त्वचा चेतन होती है तथा बैक्टीरिया से मुक्ति मिलती है।

खुली हवा से बचें: सर्दियों की हवा में नमी का प्रवाह रहता है। ठंडी हवा के संपर्क में आने से छाती का जल कफ के रूप में जम जाता है। इससे छाती, गले तथा नाशिका में संक्रमण फैलता है। जिसे जुकाम व नजला कहते हैं। इस कारण बुखार, निमोनिया तथा खांसी हो जाती है। इससे बचने के लिसे जरुरी है कि खुली हवा में जाने से जितना बचा जाये उतना ही अच्छा है। 

व्यायाम करें, चुस्त रहें: सर्दियों में निष्क्रियता सबसे खतरनाक होती है। इस मौसम में खूब शारीरिक परिश्रम करना चाहिए तथा नियमित व्यायाम करें। इससे शरीर की रोग प्रतिरोधात्मक शक्ति का विकास होता है और वातावरण में फैले बैक्टीरिया से लडऩे की शक्ति मिलती है। सर्दियों में अधिकांश लोग घरों के अंदर दुबक कर बैठे रहते हैं जिससे उनको भोजन पचाने में कठिनाई हो सकती है।

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धूप का भरपूर आनंद लें: सर्दियों की धूप वैसे भी काफी सुहावनी लगती है। धूप से विटामिन डी भरपूर मात्रा में मिलता है जो त्वचा के लिए सबसे अनुकूल आहार है। धूप से सुस्त पड़ी त्वचा को ऊर्जावान आहार मिलता है। इस लिये सुबह उगते सूर्य की किरणों का भरपूर आनंद लेना नहीं भूलें। इससे शरीर को प्राकृतिक ऊर्जा मिलती है। रोग प्रतिरोधात्मक शक्ति भी बढ़ती है।

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