आरक्षण पर मिली जीत के बाद अब रोस्टर को लेकर होगा संघर्ष
पदोन्नति में आरक्षण की व्यवस्था को लेकर आए फैसले को उत्तराखंड जनरल-ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन ने ऐतिहाहासिक बताते हुए कहा कि यह दूसरे राज्यों के लिए भी नजीर बनेगा।
देहरादून, जेएनएन। सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों को पदोन्नति में आरक्षण की व्यवस्था को लेकर आए फैसले को उत्तराखंड जनरल-ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन ने ऐतिहाहासिक बताते हुए कहा कि यह दूसरे राज्यों के लिए भी नजीर बनेगा। एसोसिएशन और उसके साथ जुड़े संगठनों ने इस बड़ी जीत बताते हुए एलान किया कि नवीन रोस्टर प्रणाली को लेकर उनका संघर्ष जारी रहेगा।
एसोसिएशन की कोशिश होगी कि सोमवार को पदोन्नति में आरक्षण खत्म करते हुए डीपीसी बहाल करने के संबंध में कार्मिक विभाग से आदेश जारी हो जाए। वहीं, रोस्टर को लेकर एसोसिएशन की मंगलवार को समिति के साथ होने वाली बैठक के बाद आगे के आंदोलन की दिशा और दशा तय की जाएगी।
तहसील चौक स्थित एक होटल में पत्रकारों से वार्ता करते हुए एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष दीपक जोशी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में कहा है कि पदोन्नति में आरक्षण मौलिक अधिकार नहीं है। न ही सरकार को इसके लिए बाध्य किया जा सकता है। ऐसे में उत्तराखंड में बिना आरक्षण पदोन्नति का रास्ता साफ हो गया है। कोशिश होगी कि सरकार जल्द से जल्द फैसले को ध्यान में रखते हुए बिना आरक्षण पदोन्नति का आदेश जारी करते हुए रोकी गई डीपीसी को बहाल कर दे। ताकि हाल में सेवानिवृत्त होने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों को पदोन्नति का लाभ मिल सके।
उन्होंने यह भी कहा कि कर्मचारी हित के बड़े मुद्दे पर जीत मिली है, लेकिन असली खुशी तब होगी जब नवीन रोस्टर प्रणाली पर हमारी मांग पूर्ण होगी। इसे लेकर शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक की अध्यक्षता में गठित कमेटी के साथ मंगलवार को एसोसिएशन की बैठक होनी है। यदि रोस्टर प्रणाली में पहला पद अनारक्षित रखने की मांग नहीं मानी जाती तो जिस तरह पदोन्नति में आरक्षण खत्म कराने को लड़ाई लड़ी, उसी तरह इसके लिए भी एकजुट होकर संघर्ष करना होगा।
20 को देहरादून में होगी महारैली
नवीन रोस्टर प्रणाली समेत अन्य मांगों को लेकर उत्तराखंड जनरल-ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन ने 17 फरवरी को प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर धरना देने का निर्णय लिया है। प्रांतीय महासचिव वीरेंद्र सिंह गुसाईं ने बताया कि इस दौरान सरकार ने उनकी मांगों पर विचार नहीं किया तो 20 फरवरी को देहरादून में महारैली की जाएगी, जिसमें प्रदेश भर से अधिकारी व कर्मचारी शामिल होंगे। यहां से सचिवालय कूच करेंगे और कार्य बहिष्कार की तिथि की भी घोषणा करेंगे।
कोटद्वार में सिद्धबली गढ़क्रांति
नवीन रोस्टर प्रणाली समेत अन्य कई मांगों को लेकर कोटद्वार में आयोजित सिद्धबली गढ़क्रांति सम्मेलन में हुंकार भरेंगे। आरक्षण पर मिली जीत के बाद इसे विजय रैली के रूप में भी मनाया जाएगा। उत्तराखंड जनरल-ओबीसी इम्पलाइज एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष दीपक जोशी ने कहा कि सम्मेलन में प्रदेश भर के कर्मचारी व अधिकारी हिस्सा लेंगे।
यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में 20 हजार पदोन्नति और नई भर्तियों की राह हुई आसान