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फोर्टिस अस्पताल में अब आयुष्मान योजना के तहत भी मिलेगा इलाज

फोर्टिस अस्पताल में अब आयुष्मान योजना के तहत भी मिलेगा इलाज। कोरोनेशन अस्पताल (जिला चिकित्सालय) में पीपीपी मोड पर संचालित किया जा रहा है। वरिष्ठ कार्डियोलॉजी डॉ इरफान याकूब बट ने प्रेस वार्ता कर बताया कि अब फोर्टिस अस्पताल में आयुष्मान के तहत भी मरीजों को देखा जाएगा।

By Sunil NegiEdited By: Published: Thu, 24 Jun 2021 12:37 PM (IST)Updated: Thu, 24 Jun 2021 08:57 PM (IST)
फोर्टिस अस्पताल में अब आयुष्मान योजना के तहत भी मिलेगा इलाज
फोर्टिस अस्पताल में अब आयुष्मान योजना के तहत भी मिलेगा इलाज।

जागरण संवाददाता, देहरादून। हृदय रोग से पीडि़त मरीजों के लिए अच्छी खबर है। पीपीपी मोड पर संचालित फोर्टिस अस्पताल भी अब आयुष्मान योजना के पैनल में शामिल हो गया है। आयुष्मान कार्डधारक अब इस अस्पताल में कैशलैश उपचार की सुविधा प्राप्त कर सकते हैं। फोर्टिस अस्पताल का संचालन डालनवाला स्थित कोरोनेशन अस्पताल (जिला चिकित्सालय) की दूसरी मंजिल पर किया जाता है।

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अस्पताल के वरिष्ठ कार्डियोलाजिस्ट डा. इरफान याकूब बट्टï ने गुरुवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में बताया कि अब फोर्टिस अस्पताल में भी आयुष्मान योजना के तहत मरीजों का इलाज किया जाएगा। इसके अंतर्गत हृदय रोग के मरीजों को एंजियोग्राफी, एंजियोप्लास्टी, बाल हृदय रोग आदि के इलाज की सुविधा मिलेगी। उन्होंने जन सामान्य से यह भी अपील की है कि हृदय रोग से जुड़े लक्षणों को बिल्कुल नजरंदाज न करें। ऐसे मरीजों को नियमित रूप से चिकित्सकीय परामर्श लेना चाहिए। अस्पताल के फैसिलिटी डायरेक्टर अविक चौहान ने बताया कि पिछले दस वर्षों में अस्पताल में 13 हजार एंजियोग्राफी, 5266 एंजियोप्लास्टी व 2700 बाल हृदय रोग से संबंधित केस किए गए हैैं। वहीं हृदय रोग से पीडि़त दो लाख 80 हजार मरीज चिकित्सकीय परामर्श ले चुके हैं। उन्होंने बताया कि अस्पताल में पोस्ट कोविड क्लीनिक का भी संचालन किया जा रहा है। जल्द ही अस्पताल ग्रामीण व पर्वतीय क्षेत्रों में स्क्रीनिंग कैंप भी आयोजित करेगा। अस्पताल के यूनिट सेल्स हेड पंकज शर्मा आदि भी पत्रकार वार्ता में मौजूद रहे।

बता दें कि पीपीपी मोड पर संचालित फोर्टिस अस्पताल में पहले बीपीएल मरीजों को निश्शुल्क इलाज की सुविधा थी। बीती मार्च में अस्पताल का सरकार के साथ अनुबंध खत्म हो गया था। इसके बाद अस्पताल के संचालन को लेकर कई दिन तक गतिरोध बना रहा। बाद में यह मामला मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के पास पहुंचा। जिसके बाद उन्होंने फोॢटस अस्पताल का अनुबंध एक साथ और बढ़ाने के निर्देश दिए।

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