Rudranath Dham: अब पांच गांवों से संचालित होगी रुद्रनाथ धाम की यात्रा, सिर्फ 140 तीर्थयात्री ही रोजाना जा सकेंगे
Rudranath Dham चतुर्थ केदार रुद्रनाथ धाम के कपाट 18 मई को खोले जाने हैं। इस मार्ग को बड़ा हिस्सा केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग से होकर गुजरता है। हाल ही में वन प्रभाग की टीम प्रभागीय वनाधिकारी तरुण एस. के नेतृत्व में पैदल मार्ग समेत धाम का निरीक्षण कर लौटी है। रुद्रनाथ क्षेत्र वन्य जीवों का प्राकृतिक आवास है इसलिए तीर्थयात्री रास्ते से इधर-उधर जाने से परहेज करें l

देवेंद्र रावत l जागरण गोपेश्वर। चतुर्थ केदार रुद्रनाथ धाम के कपाट 18 मई को खोले जाने हैं। पिछले वर्ष तक सिर्फ सगर गांव से ही धाम के लिए यात्रा का संचालन होता रहा है, लेकिन इस बार केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग ने सगर के साथ ही गंगोल, ग्वाड़, सिरोली व कुंजौ-मैकोट गांव से होकर गुजरने वाले पुराने पैदल मार्गों से भी यात्रा के संचालन का निर्णय लिया है।
विशेष यह कि सिर्फ 140 तीर्थयात्री ही प्रतिदिन रुद्रनाथ धाम जा सकेंगे। इसमें सभी गांवों से कोटा सुनिश्चित किया गया है। इसके अलावा वन प्रभाग ने ऑनलाइन बुकिंग के लिए वेबसाइट जारी कर दी है।
कथा है कि वृषभ रूपी शिव ने पांडवों को रुद्रनाथ धाम में मुख दर्शन दिए थे। देश में यही अकेला धाम है, जहां शिव के मुख दर्शन होते हैं। रुद्रनाथ धाम की यात्रा अति दुर्गम मानी जाती है। यहां पहुंचने के लिए तीर्थयात्रियों को 19 किमी की दूरी पैदल नापनी पड़ती है। इस मार्ग को बड़ा हिस्सा केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग से होकर गुजरता है। हाल ही में वन प्रभाग की टीम प्रभागीय वनाधिकारी तरुण एस. के नेतृत्व में पैदल मार्ग समेत धाम का निरीक्षण कर लौटी है।
रुद्रनाथ पैदल मार्ग पर हिमखंड का निरीक्षण करती केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग की टीम l वन विभाग
पैदल मार्ग और मंदिर में पास पसरे है हिमखंड
वर्तमान में पैदल मार्ग पर पितृधारा, पंचगंगा, देवदर्शनी व रुद्रनाथ मंदिर के पास हिमखंड पसरे हुए हैं। हालांकि, ये हिमखंड तेजी से पिघल भी रहे हैं। इससे श्रद्धालुओं को दिक्कत नहीं होगी।
रुद्रनाथ यात्रा मार्ग का निरीक्षण किया जा चुका है। बायो टायलेट सहित अस्थायी दुकान लगाने के लिए जगह भी चयनित की जा चुकी है। वन विभाग रास्ता सुचारु कर यात्रा व्यवस्थाओं में जुटा है। ईको विकास समिति के माध्यम से यात्रा व्यवस्थाओं को बेहतर बनाया जाएगा। तरुण एस., प्रभागीय वनाधिकारी, केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग
रुद्रनाथ धाम जाने के लिए शुल्क
भारतीय तीर्थयात्रियों के लिए 200 रुपये प्रति व्यक्ति शुल्क निर्धारित है। इनमें बुजुर्ग तीर्थयात्रियों को 100 रुपये प्रति व्यक्ति और 12 से 18 आयु वर्ग के तीर्थयात्रियों के लिए 50 रुपये प्रति व्यक्ति शुल्क देना होगा। वहीं, विदेशी तीर्थयात्री व पर्यटकों के लिए प्रति व्यक्ति 800 रुपये शुल्क निर्धारित किया गया है।
वेबसाइट जारी, पंजीकरण शुल्क तय
चमोली जिले में समुद्रतल से 11,808 की ऊंचाई पर स्थित रुद्रनाथ धाम जाने के लिए तीर्थयात्री केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग की वेबसाइट https://kedarnathwildlife.uk.gov.in पर पंजीकरण करा सकते हैं। बिना पंजीकरण के किसी को भी यात्रा की अनुमति नहीं होगी। प्रतिदिन जो 140 तीर्थयात्री रुद्रनाथ धाम जाएंगे, उनमें से 35 के लिए सगर, गंगोल, ग्वाड़, सिरोली व कुंजौ-मैकोट में ऑफलाइन पंजीकरण की सुविधा भी उपलब्ध है।
इन बातों का रखें ध्यान
- रुद्रनाथ क्षेत्र वन्य जीवों का प्राकृतिक आवास है, इसलिए तीर्थयात्री रास्ते से इधर-उधर जाने से परहेज करें
- धाम में जबर्दस्त ठंड पड़ती है, इसलिए गर्म कपड़े साथ लेकर ही यात्रा शुरू करें
- क्षेत्र में विद्युत व्यवस्था नहीं है, इसलिए टार्च साथ में रखें
- अपने मोबाइल की बैटरी चार्ज रखें, ताकि आवश्यकता पड़ने पर संदेश का आदान-प्रदान हो सके
- यात्रा मार्ग पर ईको विकास समिति के माध्यम से खुली दुकानों में क्षेत्र के बारे में जानकारी लें
- बुग्यालों में वर्षा की संभावना हमेशा बनी रहती है, इसलिए छाता व रेनकोट साथ लेकर यात्रा करें
- यात्रा के दौरान प्लास्टिक की सामग्री साथ न ले जाएं और यदि ले भी गए तो उसे वापस जरूर आएं
चतुर्थ केदार रुद्रनाथ धाम की यात्रा तैयारियों को लेकर बैठक की जा चुकी है। केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग ने तीर्थयात्रियों के आनलाइन पंजीकरण को वेबसाइट जारी कर दी है। यात्री इस पर पंजीकरण करा सकते हैं। पैदल मार्ग पर तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए बायो टायलेट बनाए जा रहे हैं। डा. संदीप तिवारी, जिलाधिकारी, चमोली
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